फेरोमेन ट्रैप से मरेंगे हानिकारक कीट
नितुड़िया : नितुरिया प्रखंड कृषि कार्यालय ने कृषि जमीन पर फेरोमेन ट्रैप का व्यवहार कर विभिन्न फसलों विशेषकर कुम्हड़ा जातीय फसल जैसे लौकी, झींगा, करेला आदि की कीट पतंगों से सुरक्षा की तकनीक विकसित की है.कृषि अधिकारी परिमल बर्मन ने कहा कि इलाके के काफी संख्या में किसान तथा महिलाएं परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से […]
नितुड़िया : नितुरिया प्रखंड कृषि कार्यालय ने कृषि जमीन पर फेरोमेन ट्रैप का व्यवहार कर विभिन्न फसलों विशेषकर कुम्हड़ा जातीय फसल जैसे लौकी, झींगा, करेला आदि की कीट पतंगों से सुरक्षा की तकनीक विकसित की है.कृषि अधिकारी परिमल बर्मन ने कहा कि इलाके के काफी संख्या में किसान तथा महिलाएं परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से सब्जी की खेती से जुड़ी हैं. खरीफ के मौसम में कुम्हड़ा, लौकी, झींगा, करैला आदि फसलों की खेती की गयी हैं.
इन फसलों पर विशेष प्रकार की मक्खियों का आक्रमण होता है. इनसे फसलों को काफी नुकसान होता है. बीते वर्ष किसानों ने काफी रासायनिक दवाओं का व्यवहार किया था. कीट पतंग मरे जरूर पर विषाक्त सब्जियां खाने से परिवेश भी दूषित हुआ. इसके साथ ही खर्च भी बढ़ा. उन्होंने कहा कि इस वर्ष सरबड़ी इलाके के 10 एकड़ तथा भामुरिया कोईरी पाड़ा में पांच एकड़ जमीन पर जैव विधि से फेरोमेन ट्रैप के व्यवहार से कीट पतंगों से किस तरह से फसलों की सुरक्षा होती है इसकी प्रदर्शनी की गी है. सभी किसानों को सचेतन करने के लिए खेतों में उतरकर कीट पतंगों को मारने की कला सिखा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि फेरोमेन ट्रैप असल में ढकना युक्त कटोरा है. उपर की ओर एक खांज मे रसायनिक पदार्थ मिश्रित एक टेबलेट रखने की व्यवस्था है. उपर खाली जगह है जिससे एक प्रकार का गंध निकलता है. जमीन पर झूला कर रखने के लिए एक हुक रहता है. एक बीघा जमीन पर इस तरह की मात्र दो ही ट्रैप काफी है. गंध से आकर्षित होकर पुरुष कीट पतंग उस ट्रैप में फंस जाते हैं. कीट में झुकनी के लक्षण आते हैं, यौन मिलन में अक्षम हो जाता है और कई बार मर भी जाते हैं. इससे कम खर्च में विषमुक्त फसल का उत्पादन होता है.
सरबड़ी के किसान काला सोना मंडल, धनंजय मंडल, कोईरी पाड़ा के बलिराम कोईरी, रामचंद्र कोईरी सहित अन्य ने बताया कि कृषि अधिकारी जिस तरह से सुझाव देते हैं हमलोग उसी तरह से खेती करते हैं.