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पर्यावरण में स्थिरता के लिए प्रदूषण नियंत्रण जरूरी
दुर्गापुर : दुर्गापुर के सिटी सेंटर स्थित होटल सभागार में मंगलवार को बंगाल चेंम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री व पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहयोग से ‘औद्योगिक क्षेत्र में वातावरण की स्थिरता’ पर चर्चा सत्र पर चर्चा सत्र का आयोजन किया गया. पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉ कल्याण रूद्र ने परिचर्चा […]
दुर्गापुर : दुर्गापुर के सिटी सेंटर स्थित होटल सभागार में मंगलवार को बंगाल चेंम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री व पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहयोग से ‘औद्योगिक क्षेत्र में वातावरण की स्थिरता’ पर चर्चा सत्र पर चर्चा सत्र का आयोजन किया गया. पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉ कल्याण रूद्र ने परिचर्चा को संबोधित करते हुये कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में विशेष रूप से विश्व के कुछ देशों में जैव विविधता नीति के संबंध में औद्योगिक निरीक्षणों की अनदेखी के कारण इसमें खतरा बना रहता है.
संसाधनों का शोषण, धुएं के उत्सर्जन में सावधानी पूर्वक योजना की कमी और उत्पादों के तरल अपशिष्ट पर्यावरण में वापस जाकर बढ़ते है. इससे पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य पर जोखिम का खतरा बना रहता है. किसी भी राज्य के विकास के लिए वहां के औद्योगिक क्षेत्रों की भूमिका सर्वोपरि होती है. लेकिन इसके बीच यह भी महत्वपूर्ण है कि किसी भी उद्योग के गठन के साथ वहां के पर्यावरण व वातावरण की स्थिति पर भी ध्यान केंद्रित किया जाये क्योंकि पर्यावरण के लिए किसी भी खतरे से मानव आबादी को खतरा हो सकता है.
भारतीय अर्थव्यवस्था में पश्चिम बंगाल छठे स्थान पर है. यहां के प्रमुख औद्योगिक गढ कोलकाता, हल्दिया, आसनसोल- दुर्गापुर बेल्ट और खड़गपुर पर केंद्रित है. पर्यावरण को बचाना है तो इलाके में पौधारोपण करना जरूरी है. इसके साथ ही इलाके की साफ-सफाई भी जरूरी है. हवा में प्रदूषण ही नहीं बल्कि पानी भी प्रदूषित होता है. दुर्गापुर में दामोदर नदी से पानी की सप्लाई होती है. नदी में पानी का बहाव हमेशा रहना चाहिए ताकि पानी में गंदगी एक जगह बैठ न सके.
उन्होंने कहा कि दुर्गापुर के अंगदपुर, बेनाचिति और विधाननगर इलाक़े में प्रदूषण की मात्रा को कम करने के लिये पौधरोपण पर विशेष बल दिया जा रहा है. हाल के दिनों में प्रदूषण की मात्रा 69.2 और 74.32 फीसदी दर्ज की गयी थी. उन्होंने कहा प्लास्टिक का पूर्ण रूप से निषेध करना चाहिये.
बंगाल चेंम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के पूर्व अध्यक्ष आलोक मुखर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के औद्योगिक मानचित्र में दुर्गापुर एक निर्विवाद स्थान पर पाया गया है. इसी कारण इसे पूर्वी भारत का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र में से एक माना गया है. पिछले कई सालों में बंगाल चेंबर ऑफ कॉमर्स स्वच्छ प्रौद्योगिकी ऊंची पहुंच व उर्जा और पर्यावरण प्रबंधन को बढावा देने के लिए प्रासंगिक और टिकाऊ मंच प्रदान कर रहा है.
इसके साथ ही इनके विकास पर ध्यान केंद्रित करने तथा सूचना प्रसारित करने और यहां के वातावरण में स्थिरता के साथ औद्योगिक विकास को संतुलित करने की आवश्यकता के बारे में व्यवसाय, उद्योग और समाज को शिक्षित करने के लिए एक सतत प्रयास भी किया है. इसीएल के निदेशक तकनीक जयप्रकाश गुप्ता ने कहा कि इसीएल सिर्फ उत्पादन पर ही ध्यान नहीं देती बल्कि पर्यावरण को बचाने तथा प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए हर वर्ष कोलियरी, प्रोजेक्ट क्षेत्र में पौधरोपण किया जाता है. साथ ही श्रमिकों को शुद्ध पेयजल आरओ वाटर की व्यवस्था भी कर रही है.
दुर्गापुर नगर निगम के मेयर दिलीप अगस्ती ने कहा कि शहर में अनेक काल कारखाने हैं, जहां पर सीएसआर के तहत पर्यावरण को बचाने के लिए विभिन्न योजनाएं जरूरी हैं. लेकिन वहां लोग बीते एक साल से कुछ भी नहीं कर रहे हैं. मंच पर चर्चा करने से जागरूकता नहीं फैलेगी बल्कि काम करने से फैलेगी. इस दौरान इसीएल के महाप्रबंधक पर्यावरण बैजनाथ प्रसाद, डीजीएम एनटीपीसी पीके पांडे, वन विभाग के अधिकारी मृणाल कांति मंडल, सुब्रत सिन्हा आदि मौजूद थे.
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