महिलाओं ने खोला मार्चा, मैदान में टावर लगाने से रोका
दुर्गापुर : दुर्गापुर इस्पात नगर के महिष्कापुर सेक्टर स्थित काली मंदिर के समीप निजी कंपनी द्वारा टावर लगाने का काम स्थानीय निवासियों ने रोक दिया. इससे कंपनी का कार्य बाधित हुआ. सूचना पाकर दुर्गापुर थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और विरोध कर रहे लोगों को आश्वासन देकर मामला शांत कराया. स्थानीय लोगों ने मामले […]
दुर्गापुर : दुर्गापुर इस्पात नगर के महिष्कापुर सेक्टर स्थित काली मंदिर के समीप निजी कंपनी द्वारा टावर लगाने का काम स्थानीय निवासियों ने रोक दिया. इससे कंपनी का कार्य बाधित हुआ. सूचना पाकर दुर्गापुर थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और विरोध कर रहे लोगों को आश्वासन देकर मामला शांत कराया. स्थानीय लोगों ने मामले की शिकायत वार्ड कमेटी एवं डीएसपी प्रबंधन से की है.
जानकारी के अनुसार इस्पातनगर के विभिन्न सेक्टरों में एक मोबाइल कंपनी का 5 जी का टावर बैठाने का कार्य चल रहा है. कंपनी के लोग इस्पात नगर के विभिन्न मैदानों एवं सड़क किनारे खाली जगहों को जेसीबी लगाकर व खुदाई कर केबल तार एवं टावर बैठा रहे हैं. शहर के छह नंबर वार्ड अंतर्गत महिष्कपुर काली मंदिर के पीछे रविवार की सुबह मैदान में जेसीबी से मैदान की खुदाई कार्य किया जा रहा था.
उसी दौरान सेक्टर के 10 ,12 ,14 ,16 नम्बर स्ट्रीट के लोगों ने इसका विरोध कर दिया एवं निर्माण कार्य रोक दिया. सूचना पाकर वार्ड पार्षद मोनी दास गुप्ता एवं पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. टावर लगाने का विरोध कर रही चंपा भट्टाचार्य, देवयानी मल्लिक, उमा विश्वास, डालिया गोस्वामी आदि महिलाओं ने कहा कि मैदान काटकर टावर बैठाना गलत है.
मैदान का उपयोग बच्चे खेलकूद के लिए करते हैं. क्वार्टर की दीवार से सटकर टावर लगाया जा रहा है. टावर लगने से उसके रेडियंस, वेब किरणों से आसपास के लोगों को शारीरिक नुकसान होने की आशंका है. आसपास रहने वाले लोगों में अधिकांश लोग वृद्ध हो जाने के कारण हृदय रोग से पीड़ित हैं. इस परिस्थिति में टावर लगाने से लोगों को काफी नुकसान होगा. कंपनी को दूसरे स्थान पर टावर लगाना होगा.
इसकी शिकायत नगर प्रशासन एवं थाने में की गई है. कंपनी यदि टावर लगाने का स्थान को नहीं बदलेगी तो सेक्टर की महिलाओं का आंदोलन जारी रहेगा. दूसरी ओर कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि डीएसपी प्रबंधन से टावर लगाने की मंजूरी मिल चुकी है. स्थानीय लोगों की समस्या की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई है.