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कोल इंडिया ने जारी की अधिसूचना, आश्रित नियोजन की तिथि बढ़ी
आसनसोल : राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता (एनसीडब्ल्यूए) – दो के समय से कोयला श्रमिकों तथा कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर मिलनेवाले नियोजन पर लगी रोक को कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) प्रबंधन ने हटा लिया है. कोल इंडिया के कार्मिक विभाग की ओर से इसीएल समेत सभी अनुषांगिक कोयला कंपनियों को जारी अधिसूचना […]
आसनसोल : राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता (एनसीडब्ल्यूए) – दो के समय से कोयला श्रमिकों तथा कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर मिलनेवाले नियोजन पर लगी रोक को कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) प्रबंधन ने हटा लिया है. कोल इंडिया के कार्मिक विभाग की ओर से इसीएल समेत सभी अनुषांगिक कोयला कंपनियों को जारी अधिसूचना के मुताबिक आश्रित नियोजन की तिथि को बढ़ा कर 31 अक्तूबर तक कर दिया गया है.
चार जून से नियोजन पर लगी थी रोक
सनद रहे कि कोल इंडिया के निर्देश के आलोक में इसीएल समेत सभी अनुषांगिक कोयला कंपनियों में बीते चार जून से अनुकंपा के आधार पर मिलनेवाले नियोजन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई . वर्त्तमान में डेथ केस, मेडिकल अनफिट सहित आश्रित के नियोजन संबंधी सभी फाइल को पेंडिंग में डाल दिया गया है.
हालांकि पिछले दिनों कोल इंडिया के चेयरमैन एके झा ने यह स्पष्ट कर दिया था कि कोयला कर्मियों के आश्रितों के नियोजन को फिलहाल बंद नहीं किया गया है. 10वें वेतन समझौते के तहत आश्रितों के लिए और क्या बेहतर किया जा सकता है, इसके लिए कमेटी गठित की गई है. जब तक कमेटी की रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक किसी तरह का बदलाव नहीं किया जायेगा.
यूनियन नेताओं का कहना है कि विभिन्न कोयला कंपनियों में अनुकंपा से संबंधित नियोजन के हजारों मामले लंबित पड़े हुए है. इसीएल में कॉरपोरेट जेसीसी के सदस्य सह सीएमएस महासचिव आरसी सिंह तथा कॉरपोरेट जेसीसी सदस्य सह सीएमसी के महासचिव एसके पांडेय ने कहा कि इसीएल में ऐसी फाइलों की संख्या मुख्यालय से लेकर क्षेत्रीय कार्यालयों में हजारों में है.
मुख्यालय की फाइलों के बारे में संबंधित अधिकारियों का तर्क था कि उन्होंने फाइलें तैयार कर रखी है. आदेश मिलते ही इनका निष्पादन शुरू कर दिया जायेगा. संभावना है कि आदेश आने के बाद इन फाइलों का निष्पादन तीव्र गति से किया जायेगा.
तीन साल में होगी 130 अरब रुपये से उपकरणों की खरीदारी
सांकतोड़िया. कोयले की बढ़ती मांग को देखते हुए कोल इंडिया प्रबंधन ने कोयला उत्पादन पर विशेष जोर दिया है. प्रबंधन ने ग्लोबल टेंडर के जरिए 130 अरब रुपये की राशि से खनन उपकरण तीन साल में खरीदने का निर्णय लिया है. कोल इंडिया के अध्यक्ष अनिल कुमार झा ने कहा कि कोयले की बढ़ती मांग के मद्देनजर कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए कंपनी ने यह निर्णय लिया है.
पॉवर सेक्टर में कोयले की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. अगर पावर सेक्टर को आवश्यकता के अनुसार कोयले की आपूर्ति नहीं होगी तो बिजली उत्पादन में कमी आयेगी और जब बिजली उत्पादन में कमी आयेगी तो देश के कई राज्यों में अंधेरा पसर जायेगा. इसलिए हर हाल में आवश्यकता के अनुसारकोयला आपूर्ति करना होगा.
उन्होंने कहा कि कोल इंडिया का 80 फीसदी कोयला पावर सेक्टर को जाता है. कोयला उत्पादन में बढ़ोतरी करने के लिए नई नई तकनीकी अपनायी जा रही है. कई तरह के खनन उपकरण खरीदने है जो ग्लोबल टेंडर के जरिए कंपनी तीन वर्ष में 130 अरब रुपये से खरीदेगी. उन्होने कहा की इस वर्ष बेंडरों को चार हजार करोड़ से पांच हजार करोड़ रुपए के अनुबंध दिए जा सकते हैं.
कोल इंडिया ने वर्ष 2018 -19 में 63 करोड़ टन का उत्पादन लक्ष्य रखा है. अगले तीन से चार साल में कंपनी का इसे एक अरब टन करने का लक्ष्य है. कोल इंडिया का उत्पादन प्रति व्यक्ति प्रति शिफ्ट अंतराष्ट्रीय बेंचमार्क 13 टन सें काफी काम है. कोयला मंत्रालय ने कंपनी से उत्पादन लागत , गुणवता , ग्रेड, उपकरण प्रदर्शन, इकाई की उत्पादन लागत और पर्यावरणीय मुद्दों पर अंतराष्ट्रीय मापदंड अपनाने को कहा है.
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