कहर बरपाने के बाद शांत हुई गंधेश्वरी, लोगों ने ली राहत की सांस

बांकुड़ा : बारिश थमने के बाद बांकुड़ा के जूनबेदिया, सतीघाट तथा केसियाकोल इलाके में जलस्तर घटने से लोगों ने राहत की सांस ली है. रविवार रातभर मूसलाधार बारिश होने से उफना रही गंधेश्वरी नदी सोमवार शाम को ही शांत हो गयी थी. लेकिन लोग फिर भी आतंकित थे. लोगों को इस बात का भय था […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 8, 2018 12:57 AM
बांकुड़ा : बारिश थमने के बाद बांकुड़ा के जूनबेदिया, सतीघाट तथा केसियाकोल इलाके में जलस्तर घटने से लोगों ने राहत की सांस ली है. रविवार रातभर मूसलाधार बारिश होने से उफना रही गंधेश्वरी नदी सोमवार शाम को ही शांत हो गयी थी. लेकिन लोग फिर भी आतंकित थे. लोगों को इस बात का भय था कि यदि फिर से बारिश हुयी तो स्थिति गंभीर हो जाती. उल्लेखनीय है कि रविवार रातभर हुयी जोरदार बारिश से इन इलाकों में बाढ़ आ गयी थी.
पानी की रफ्तार में जूनबेदिया में दो मंजिला देखते ही देखते ढह गया था. मंगलवार सुबह मौसम खुलने तथा जलस्तर कमने पर क्षतिग्रस्त दो मंजिला मकान को देखने के लिये लोगों की भीड़ जुटी थी.
सतीघाट पुल के दोनों किनारे का एक-एक हिस्सा ढह जाने से बांकुडा शहर से केसियाकोल का संपर्क टूट गया है. केसियाकोल के लोगों को घूम कर शहर आना पड़ रहा है. केसियाकोल में अधिकांश कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुये हैं. मंगलवार को दमकल विभाग ने राहत कार्य शुरू कर दिया है. फ्रीज, आलमारी, टीवी, डायनिंग टेबल एवं अन्य माल असबाब बरामद किये गये. गंधेश्वरी नदी में की बाढ़ पहले कभी लोगों ने नहीं देखा था. कई लोग इसे मैन मेड बाढ़ करार दे रहे हैं.
बांकुड़ा नगरपालिका के वाइस चैयरमैन दिलीप अग्रवाल ने कहा कि राहत शिविर खोला गया है. मेडिकल टीम इलाके में भेजी गयी है. श्री अग्रवाल ने कहा कि सेतु से पानी ठीक से नहीं निकल पाने के कारण ऐसी भयानक स्थिति उत्पन्न हुई है. मौके पर सभाधिपति अरूप चक्रवर्ती ने कहा कि केसियाकोल के मिथिला ग्राम से जमे पानी को पम्प के द्वारा बाहर निकाला जा रहा है. राहत शिविर खोला गया है. ड्राई फूड दिया जा रहा है. स्थिति पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है.
बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया संस्था के सदस्यों ने
व्यतिक्रम बांकुड़ा के सदस्यों ने ट्यूब के जरिये बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया. संस्था के सदस्य बच्चों को कंधे पर लेकर सुरक्षित जगह पहुंचे. तमसा मुखर्जी, छंदक चौधरी ने कहा कि रामकृष्ण पल्ली इलाके में बचाव कार्य किया गया. सदस्यों ने बताया कि बाढ़ में फंसे लोगों से फोन से संपर्क साधने पर पता चला कि घर में खाने-पीने को कुछ नहीं है.
इसके बाद कंधे तक पानी में जाकर बच्चों, बूढ़ों तथा गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थल पर पहुंचाया. बांकुड़ा एक्सप्लोरेशन नेचर एकाडमी के सदस्यों ने विभिन्न इलाकों में पानी में फंसे लोगों को मोटर बोट के जरिये निकाला.

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