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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल ने केंद्र, राज्य सरकार को लताड़ा, कहा- आदिवासी समाज विकास से वंचित

दुर्गापुर : आदिवासी समाज को केंद्र में बैठी भाजपा एवं राज्य की तृणमूल सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही है. आदिवासी उन्नयन के लिये बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं लेकिन एक भी योजना सही ढंग से लागू नहीं होती है. संविधान रचयिता डॉ भीमराव अंबेडकर ने एससी/एसटी व ओबीसी को अलग से भले ही […]

दुर्गापुर : आदिवासी समाज को केंद्र में बैठी भाजपा एवं राज्य की तृणमूल सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही है. आदिवासी उन्नयन के लिये बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं लेकिन एक भी योजना सही ढंग से लागू नहीं होती है. संविधान रचयिता डॉ भीमराव अंबेडकर ने एससी/एसटी व ओबीसी को अलग से भले ही विशेष मर्यादा संविधान में दिया है लेकिन लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार उनके अधिकारों को खत्म करने की साजिश कर रही है. ये बातें गुरूवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने दुर्गापुर में कहीं. वे यहां पलासडिहा मैदान में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम में शामिल होने आये थे.
श्री मरांडी ने कहा कि देश की जनसंख्या का 20 फीसदी आदिवासी है. लेकिन एक आदिवासी को जो मर्यादा इस देश में मिलना चाहिए, वह नहीं मिल रहा है. ऐसे में राज्य से क्या उम्मीद कर सकते है. सरकार न राशन कार्ड, न जमीन के पट्टे, न बिजली, न घर और न ही रोजगार दे रही है. अब भी अनेक ऐसे आदिवासी गांव हैं, जो विकास से कोसों दूर हैं.
सरकार के मंसूबे ठीक नहीं हैं. योजनाएं परित हो जाती हैं, लेकिन लागू नहीं होती है. सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह जाती है. उन्होंने कहा आदिवासी समाज को विशेष पैकेज लेने के लिए आंदोलन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मैथन डैम का विकास नहीं करना चाहती हैं. वो इस मामले में सही तरीके से कार्य नहीं कर रही है.
पलासडिहा मैदान में 24वें विश्व आदिवासी दिवस पर पूर्व बर्दवान जिला परिषद अध्यक्ष देबू टुडू, ऑल इंडिया आदिवासी संगठन अध्यक्ष सुरोजित हांसदा, झारखंड के आदिवासी संगठन के नेता श्याम हेमरम, शरदा प्रसाद किस्को, उड़ीसा के प्रभु मरांडी, पुरूलिया के महादेव हांसदा, पूर्व और पश्चिम बर्दवान जिला के आदिवासी संगठन के अध्यक्ष लवंनो हांसदा आदि मौजूद थे.
दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरूआत हुयी. कार्यक्रम के दौरान आदिवासी मेधावी छात्र-छात्राओं, खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया. आदिवासी छात्र रोनित हांसदा, संदीप कोले, कुसुम हांसदा, हृदय टुडू को सीबीएससी और मध्यामिक परीक्षा में बेहतर परिणाम के लिये सम्मानित किया गया. साथ ही अंडर 19 महिला किक्रेट में बेहतर प्रर्दशन करने वाली ममता किस्कू, कराटे में स्वर्ण पदक विजेता ममता हांसदा को चेक देकर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मारंडी ने सम्मानित किया. आदिवासी महिलाओं ने आदिवासी नृत्य, संगीत प्रस्तुत किये.
कार्यक्रम के दौरान आदिवासी संगठन के नेता रोबिन सोरेन ने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आदिवासी विकास के लिए अनेक योजनाएं एवं विशेष पैकेज की बात करती है. लेकिन सच्चाई यहीं है कि दुर्गापुर शहर में आदिवासियों का कोई विकास नहीं किया गया है. पूर्व की वाममोर्चा सरकार ने पहले आदिवासियों का ठगा अब तृणमूल सरकार ठग रही है.

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