रासलीला में हर गोपी के साथ होते कृष्ण

बराकर : बराकर रेलवे कॉलोनी स्थित आरपीएफ बैरेक स्थित शिव मंदिर मे बराकर आरपीएफ ओर रामादल के संयुत तत्वावधान में आयोजित नो दिवसीय श्रीमदभागवत यज्ञ में श्रीधाम बृंदावन से पधारे सच्चिदानद महाराज ने भगवान श्री कृष्ण की रासलीला का वर्णन किया. उन्होंने कहा कि भगवान रास रचाते समय हर गोपिका के पास रहते है. रास […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2018 12:41 AM
बराकर : बराकर रेलवे कॉलोनी स्थित आरपीएफ बैरेक स्थित शिव मंदिर मे बराकर आरपीएफ ओर रामादल के संयुत तत्वावधान में आयोजित नो दिवसीय श्रीमदभागवत यज्ञ में श्रीधाम बृंदावन से पधारे सच्चिदानद महाराज ने भगवान श्री कृष्ण की रासलीला का वर्णन किया. उन्होंने कहा कि भगवान रास रचाते समय हर गोपिका के पास रहते है.
रास की ध्वनि तरंगे आज भी ब्रह्मांड मे प्रवाहित हो रही है. भगवान के रास लीला का आनंद उठाने के लिए देवलोक से देवी देवता भी आकर रास लीला देखते है. इसके बाद उन्होंने भगवान कृष्ण द्वारा मथुरा पहुचकर कंस के वध की कथा सुनाते हुए कहा कि कंस ने भगवान श्री कृष्ण के अहित के के सारे इंतजाम किए थे लेकिन वह बिफल रहा क्योंकि वह असत्य ,ओर पाप को बढ़ावा देने के लिए अपनी शक्तियों का प्रयोग कर रहा था.
जिस कारण उसकी सारी शक्तियां धीरे धीरे नष्ट हो रही थी और अंततः उसे भी भगवान कृष्ण के हाथों मृत्यु का भाजन बनना पड़ा. महाराज ने कथा को आगे बढ़ाते हुए उपस्थित भक्तो को भगवान श्री कृष्ण के रुक्मणि के साथ विवाह का बड़ा ही मनोरम दृश्य प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि देवी रुक्मणि को श्री कृष्ण पहले भगा कर ले जाते है इसके पश्चात बिधि पूर्वक विवाह होती है. उक्त प्रसंग मे उन्होंने ने कई भक्ति संगीत की पंक्तियां गाकर सुनाया. जिसे सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गये. इसके पश्चात भागवत की आरती कर उपस्थित महिला पुरुषो मे प्रसाद का बितरण किया गया. कार्यक्रम मे आस पास के काफी संख्या मे महिला-पुरुष उपस्थित थे.

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