केएनयू. अनशन पर बैठे गैर शिक्षण कर्मियों को मिला अध्यापकों का साथ
आसनसोल : सारा बांगला तृणमूल शिक्षा बंधू समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष सीताराम मुखर्जी दस सूत्री मांगों के समर्थन में काजी नजरूल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंपने के बाद रिले अनशन पर बैठ गये. विश्वविद्यालय के समक्ष अनशन पर बैठे श्री मुखर्जी गैर शिक्षण कर्मियों की जायज मांगों को स्वीकार करने तथा रजिस्ट्रार को कुलपती […]
आसनसोल : सारा बांगला तृणमूल शिक्षा बंधू समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष सीताराम मुखर्जी दस सूत्री मांगों के समर्थन में काजी नजरूल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंपने के बाद रिले अनशन पर बैठ गये. विश्वविद्यालय के समक्ष अनशन पर बैठे श्री मुखर्जी गैर शिक्षण कर्मियों की जायज मांगों को स्वीकार करने तथा रजिस्ट्रार को कुलपती डॉ चक्रवर्ती के साथ बैठक कर मांगों पर विचार करने का आग्रह किया.
उल्लेखनीय है कि यूनिवर्सिटी के गैर शिक्षण कर्मी नियुक्ति से पहले नियुक्त किये जाने वाली एजेंसी का पूरा ब्यौरा, काम की शर्तों और वेतन की जानकारी की मांग पर रिले अनशन पर है. सोमवार को श्री मुखर्जी भी उनके साथ हो लिये और अनशन पर बैठ गये. श्री मुखर्जी ने रजिस्ट्रार से गैर शिक्षण कर्मी तरूण कुमार दास के तबादले के आदेश को रद्द कर वापस यूनिवर्सिटी में लाने की मांग की. कार्यरत कर्मियों के वेतन वृद्धि एवं स्वास्थ्य साथी योजना का लाभ देने को कहा. पूर्व में यूनिवर्सिटी में कार्यरत एजेंसी की बकाया राशि के भुगतान की मांग की गयी.
उन्होंने समान पद पर कार्यरत कर्मियों को समान वेतन देने की मांग की. सभी स्थायी कर्मियों के लिये पीएफ और सर्विस बुक चालू करने की मांग की. यूनिवर्सिटी में कार्यरत कर्मियों को पहचान पत्र देने एवं योग्यता के अनुरूप कर्मियों को पद देने, यूनिवर्सिटी में डेली वेज पर कार्यरत कर्मियों को कांट्रेक्चुअल किये जाने की मांग की गयी. रजिस्ट्रार शितांशू गुहा ने मांगों को यूनिवर्सिटी के शीर्ष पदाधिकारियों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि वे सभी कर्मचारियों का हित चाहते हैं. यूनिवर्सिटी में चल रहे गैर शिक्षण कर्मियों के रिले अनशन को लेकर यूनिवर्सिटी के विभिन्न विभागों अंग्रेजी, बांगला, राजनीति विज्ञान, कानून, हिंदी, फिलोसफी, एप्लाईड साइकोलोजी आदि के प्रोफेसरों ने भी सोमवार को यूनिवर्सिटी में बैठक कर हड़ताल कर रहे कर्मियों को समर्थन दिया.
यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति, पूर्व डीन सह अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष डॉ सजल कुमार भट्टाचार्य ने रजिस्ट्रार के साथ बैठक कर रहे शिक्षा बंधू समिति के सामने जाकर हड़ताल में शामिल कर्मियों को यूनिवर्सिटी अध्यापकों का समर्थन देने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि उत्पल मंडल, देवाशिष नंदी, शांतनू बनर्जी, कल्याण बनर्जी, आप्रि दत्त सहित कुल 20 अध्यापकों ने बैठक कर आंदोलन को समर्थन देने का निर्णय लिया है. शिक्षा बंधू समिति सदस्यों ने डॉ भट्टाचार्या के इस निर्णय की सराहना करते हुए आंदोलन को समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया.
डॉ भट्टाचार्या ने आंदोलनरत कर्मियों की मांगों को जायज ठहराते हुए कहा कि ये कर्मी अपनी जायज मांगों के लिए हडताल कर रहे हैं.
यूनिवर्सिटी प्रबंधन को इनसे बातचीत कर समाधान की पहल कर हडताल खत्म करानी चाहिये थी. उन्होंने कहा कि केएनयू के विभिन्न विभागों में कार्यरत सभी एक परिवार के समान हैं. डॉ भट्टाचार्या यूनिवर्सिटी के मुख्य प्रवेश द्वार के समक्ष हड़ताल कर रहे कर्मियों के साथ बैठ गये. उन्होंने कहा कि समर्थन करने वाले सभी अध्यापक अपना कार्य जारी रखते हुए हडताल को समर्थन देंगे और हडताली कर्मियों का साथ देंगे.
टीएमसीपी यूनियन के आदर्श शर्मा ने भी कहा कि भूख हडताल पर बैठे कर्मियों की जायज मांगें पूरी होनी चाहिए. गैरशिक्षण कर्मियों के हडताल पर जाने से यूनिवर्सिटी का कामकाज प्रभावित हो रहा है. यह छात्र हित में नहीं है. बर्दवान यूनिवर्सिटी के सारा सारा बांगला तृणमूल शिक्षा बंधू समिति के सचिव मदन मोहन बनर्जी, संयुक्त सचिव अनिल कुमार हालदार, तृणमूल आसनसोल नॉर्थ ब्लॉक टू के अध्यक्ष उत्पल सिन्हा, बरूणमय बिसवास, बाच्चू सोम, हडताल में शामिल नित्यानंद हालदार, संजीत हाडी, गणेश रूईदास, सुरेष बास्फोर, सुदीप पासवान्, मिठून रॉय, नितू राम आदि उपस्थित थे.