सेल के घाटे में 83 फीसदी की कमी
बर्नपुर : स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (सेल) की 46वीं वार्षिक आमबैठक में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सरस्वती प्रसाद ने कहा कि परिचालन लाभप्रदता में सुधार के लिए लगातार अपनाए गये रणनीतिक दृष्टिकोण के चलते सेल ने वित्त वर्ष 2017-18 में 5,184 करोड़ रुपये इबीआइटीडीए दर्ज किया, जो वित्त वर्ष 2016-17 […]
बर्नपुर : स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (सेल) की 46वीं वार्षिक आमबैठक में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सरस्वती प्रसाद ने कहा कि परिचालन लाभप्रदता में सुधार के लिए लगातार अपनाए गये रणनीतिक दृष्टिकोण के चलते सेल ने वित्त वर्ष 2017-18 में 5,184 करोड़ रुपये इबीआइटीडीए दर्ज किया, जो वित्त वर्ष 2016-17 की तुलना में महत्वपूर्ण वृद्धि है.
उन्होंने कहा कि कंपनी का बेहतर परिचालन निष्पादन, विक्रय इस्पात उत्पादन में वृद्धि, कंटीन्यूअस कास्टिंग रूट से उत्पादन की अधिक हिस्सेदारी, बेहतर उत्पाद-मिश्र, ब्लास्ट फर्नेस उत्पादकता में सुधार, कोक दर और विशिष्ट ऊर्जा खपत में कमी, विशिष्ट श्रम लागत में कमी आदि परिचालन आयामों में सुधार के ज़रिये हासिल हुआ है.
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में कंपनी ने घाटे को करीब 83 फीसदी कम किया है, जिससे कंपनी का एकल आधार पर कर-पश्चात लाभ वित्त वर्ष 2016-17 के रुपया (-) 2833 करोड़ के मुक़ाबले बढ़कर रुपया (-) 482 करोड़ हो गया. कंपनी का समेकित कर-पश्चात लाभ वित्त वर्ष 2016-17 के रुपया (-) 2756 करोड़ के मुक़ाबले वित्त वर्ष 2017-18 में बढ़कर रुपया (-) 281 करोड़ दर्ज किया गया. उन्होंने कहा कि सेल ने अपने शेष आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण कार्यक्रम को लगभग पूरा कर लिया है.
नई सुविधाओं के चालू होने और परिचालनगत निष्पादन में पिछले रिकाडर्स से अधिक निष्पादन करने के जरिये वित्त वर्ष 2017-18 कई लैंडमार्क उपलब्धियों का गवाह बना. सेल ने अब तक का सर्वाधिक 159.83 लाख टन हाट मेटल, 150.21 लाख टन कच्चा इस्पात और 140.71 लाख टन विक्रेय इस्पात उत्पादन हासिल किया है. कंटीन्यूअस कास्टिंग रूट से वित्त वर्ष 2016-17 तक के सर्वाधिक 117.7 लाख टन इस्पात उत्पादन के मुक़ाबले वित्त वर्ष 2017-18 में नौ फीसदी की वृद्धि करते हुए अब तक का सर्वाधिक 128 लाख टन इस्पात उत्पादन किया है.
उन्होंने कहा कि सेल के सभी संयत्रों की उत्पादकता और दक्षता को बढ़ाने की दिशा में की गई पहलों से हर इकाई और बेहतर हुई है. भिलाई इस्पात संयंत्र का नया ब्लास्ट फर्नेस-8 ‘महामाया’ और स्टील मेल्टिंग शॉप-3 वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान चालू किया गया और अपनी नई रेल मिल से भारतीय रेलवे को लंबे रेल पैनल (260 मीटर) की आपूर्ति करते हुए, वित्त वर्ष 2017-18 में लगभग 112 फीसदी की वृद्धि दर्ज की.
दुर्गापुर इस्पात संयंत्र के व्हील और एक्सेल प्लांट में नैरोगेज व्हील और स्ट्रक्चरल मिल (एमएसएम) में ई-350 ग्रेड के उच्च शक्ति स्ट्रक्चरल का विकास आंतरिक संसाधनों से किया गया. राउरकेला इस्पात संयंत्र की नई प्लेट मिल ने वित्त वर्ष 2017-18 में आठ लाख टन से अधिक प्लेट का उत्पादन किया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुक़ाबले 48.1 फीसदी अधिक है. रोपियन बाज़ार के लिए 1,27,000 टन सीई मार्क्ड़ प्लेट का निर्यात भी किया है.