- चार घंटे के आंदोलन के बाद क्षेत्रीय महाप्रबंधक के साथ हुई बैठक
- आश्रितों को तत्काल नियोजन सहित पांच लाख रुपये की मुआवजा राशि
- दुर्घटना की जांच के लिए प्रबंधन ने गठित की उच्चस्तरीय कमेटी
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चाल गिरने से खोट्टाडीह प्रोजेक्ट में दो की मौत, मुआवजे, नियोजन की मांग को लेकर प्रदर्शन
पांडेश्वर / सांकतोड़िया (आसनसोल) : इसीएल के पाण्डेश्वर एरिया अंतर्गत खोट्टाडीह प्रोजेक्ट के दो नंबर पिट में शनिवार को तृतीय पाली में चाल गिरने से ओवरमैन चंद्रशेखर गिरि (40) तथा ड्रेसर (एमएस क्रू) कालेश्वर महतो की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी. इसकी सूचना मिलने के बाद श्रमिकों ने कार्य बंद कर दिया तथा घटना […]
पांडेश्वर / सांकतोड़िया (आसनसोल) : इसीएल के पाण्डेश्वर एरिया अंतर्गत खोट्टाडीह प्रोजेक्ट के दो नंबर पिट में शनिवार को तृतीय पाली में चाल गिरने से ओवरमैन चंद्रशेखर गिरि (40) तथा ड्रेसर (एमएस क्रू) कालेश्वर महतो की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी. इसकी सूचना मिलने के बाद श्रमिकों ने कार्य बंद कर दिया तथा घटना की उच्च स्तरीय जांच एवं मृतकों के आश्रित को नियोजन व मुआवजे की मांग की.
स्थानीय विधायक सह आसनसोल के मेयर जितेंद्र तिवारी ने सभी श्रम संगठनों के साथ बैठक कर मृतकों के आश्रितों को 20-20 लाख रुपये देने एवं उनके परिजन को नौकरी पर तुरंत बहाल किये जाने की मांग की. मांगें पूरी नहीं होने तक श्रमिकों ने शवों को खदान से बाहर नहीं निकले दिया. कोलियरी एजेंट बीके सिंह तथा यूनियन प्रतिनिधियों के बीच समझौता होने के बाद आंदोलन समाप्त हुआ तथा शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. महाप्रबंधक एके झा ने कहा कि घटना की जांच के लिए कमेटी गठित की गयी है.
शनिवार को तृतीय पाली में ओवरमैन चंद्रशेखर तथा ड्रेशर कालेश्वर कार्य कर रहे थे. अचानक उनके ऊपर दो वर्गफुट आकार का चाल गिर गया. जिसके नीचे दोनों दब गये तथा घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गयी. घटना के बाद खदान में अफरा-तफरी मच गयी. श्रमिकों ने कार्य बंद कर दिया. दुर्घटना के लिए प्रबंधन को दोषी ठहराते हुए घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने, मृतकों के आश्रितों को नियोजन व मुआवजे के भुगतान की मांग रखी.
उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी तबतक शवों को खदान से बाहर नहीं निकलने दिया जायेगा.इसकी सूचना मिलते ही यूनियन नेता तथा स्थानीय विधायक श्री तिवारी कोलियरी कार्यालय पहुंचे. उन्होंने सभी यूनियन नेताओं के साथ बैठक की तथा एक मत से मुआवजे की मांग की. उन्होंने नियोजन के साथ ही 20-20 लाख रुपये की अतिरिक्त भुगतान की मांग रखी.
चार घंटों तक चले आंदोलन के बाद द्विपक्षीय बैठक हुई. जिसमें केकेएससी के हरेराम सिंह, एचएमएस के शब-ए-आलम, बीडी नोनिया, सफल सिन्हा, केएससी के धनंजय पांडेय, नरेंद्र सिंह, इफ्टू के कन्हैया बरनवाल, इंटक के सुनील कर्मकार, एटक के आरएस यादव, जीएम श्री झा, डीजीएम बीके सिन्हा, कार्मिक प्रबंधक मंजूर आलम आदि शामिल हुए. समझौता होने के बाद आंदोलन समाप्त हुआ तथा शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.
क्या-क्या मिला समझौते में
दोनों पक्षों में हुए समझौते में दोनों मृतकों के आश्रितों को तत्काल नियोजन देने , मुआवजे की राशि एक माह के अंदर आयुक्त के पास जमा करने, नोमनी के बैंक खाता उपलब्ध होते ही एलसीएस की राशि तुरंत जमा करने, ग्रेच्युटी, पीएफ के भुगतान की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने, एनसीडब्ल्यूए 10 के अनुसार 90 हजार रुपये एक्सग्रेसिया देने, पांच –पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की बात शामिल हैं.
साथ ही कहा गया कि 20-20 लाख रुपये मुआवजे का प्रस्ताव कंपनी मुख्यालय को भेजा जायेगा तथा ट्रेड यूनियन नेता भी कंपनी के निदेशकों से इस मुद्दे पर बात करेंगे. शव के दाह संस्कार तथा परिवहन खर्च कंपनी वहन करेगी.D
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