टेरर फंडिंग मामले में एनआइए की बड़ी कार्रवाई, दुर्गापुर में बड़े उद्योगपति के ठिकानों पर रेड, दुर्गापुर, रांची, जमशेदपुर व हजारीबाग में एक साथ छापे
दुर्गापुर/ पानागढ़. टेरर फंडिंग के मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की. दुर्गापुर, रांची, जमशेदपुर और हजारीबाग में एक साथ 15 स्थानों पर छापे मारे गये. दुर्गापुर शहर के विधाननगर रोबिन मुकुंद सरणी निवासी उद्योगपति सोनू अग्रवाल के आवास तथा कांकसा थाना अंतर्गत बामूनारा स्थित उनके कारखाने जय श्री इस्पात […]
दुर्गापुर/ पानागढ़. टेरर फंडिंग के मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की. दुर्गापुर, रांची, जमशेदपुर और हजारीबाग में एक साथ 15 स्थानों पर छापे मारे गये. दुर्गापुर शहर के विधाननगर रोबिन मुकुंद सरणी निवासी उद्योगपति सोनू अग्रवाल के आवास तथा कांकसा थाना अंतर्गत बामूनारा स्थित उनके कारखाने जय श्री इस्पात परिसर में एनआइए ने छापेमारी की. संध्या आठ बजे तक जांच जारी थी.
जांच एजेंसी के महानिरीक्षक (पॉलिसी) आलोक कुमार मित्तल ने कहा कि टेरर फंडिंग मामले में एनआइए ने रांची, हजारीबाग, जमशेदपुर तथा दुर्गापुर में एक साथ 15 स्थानों पर छापेमारी की है. यह पहले से दर्ज कांड संख्या आरसी-06/2018/एनआइए/डीएलआइ से संबंधित अभियान है. उन्होंने कहा कि आम्रपाली तथा मगध कोलफील्ड से कोयले की खरीदारी तथा ट्रांसपोर्टिंग से जुड़ी विभिन्न कंपनियों के प्रबंधकों के आवासों तथा कार्यालयों में छापेमारी की गयी. पश्चिम बंगाल तथा झारखंड की पुलिस ने इसमें सहयोग किया. आरोप है कि इन कंपनियों ने तृतीय प्रस्तुति कमेटी ((टीपीसी) नामक संगठन को फंड मुहैया कराया है.
सूत्रों के अनुसार, अग्रवाल के घर को सीआरपीएफ जवानों ने घेर रखा है. किसी को भी आसपास भटकने की इजाजत नहीं है. आवास तथा उनके कारखाने में एक साथ अलग-अलग टीमों ने छापेमारी की.
सुबह पांच बजे से शुरू की गयी जांच देर संध्या आठ बजे तक जारी थी.
संभवत: श्री अग्रवाल घर में नहीं हैं. सिर्फ उनके परिजन ही घर में हैं. उनके लीगल एडवाइजर अधिवक्ता सुजीत राय दोपहर डेढ़ बजे उनके आवास में पहुंचे तथा परिजनों से मिलने की इच्छा जतायी. लेकिन सुरक्षा में तैनात कर्मियों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया. अधिवक्ता श्री राय ने कहा कि लीगल एडवाइजर होने के कारण सूचना मिली है कि एनआइए की टीम जांच के लिए आयी है. टीम क्यों जांच कर रही है, इसकी जानकारी लेने तथा अपने मुवक्किल की मदद करना उनका दायित्व है.
घर में पत्नी और उनकी बच्ची अकेले हैं तथा इस कार्रवाई से काफी भयभीत हैं. उन्हें सांत्वना देना जरूरी है. इन तर्कों के बावजूद उन्हें घर में प्रवेश नहीं करने दिया गया. आवास में सोनू अग्रवाल की पत्नी व बच्चे के साथ-साथ नौकर-नौकरानियां भी मौजूद हैं. उन्हें भी घर से बाहर नहीं निकलने दिया गया.
विभागीय स्तर पर सूचना न दिये जाने से छापेमारी को लेकर तरह-तरह की अफवाहें उड़ती रहीं. कुछ लोगों का कहना था कि पाकिस्तान के लिए जासूसी करनेवाले तथा गिरफ्तार डीआरडीओ कर्मी निशांत अग्रवाल से इनका संबंध है. इसकी जांच हो रही है. कुछ लोगों का कहना था कि बामूनारा के पास गोपालपुर से कुछ महीनों पहले माओवादी के संदेह में इंजीनियरिंग छात्र को गिरफ्तार किया गया था. यह छापेमारी उसी सिलसिले में है.
श्री अग्रवाल बड़े उद्योगपति हैं. उनके कारखाने पश्चिम बंगाल तथा झारखंड में भी हैं. वे कड़ी सुरक्षा में आना-जाना करते हैं. अंदेशा है कि झारखंड के माओवादियों से उनका संबंध हो सकता है.
क्या -क्या बरामद हुआ
श्री मित्तल ने कहा कि जांच के दौरान एनआइए ने बड़ी संख्या में गड़बड़ सामग्रियां, दस्तावेज, बैंक अकाउंट तथा फिक्स्ड डिपोजिट से संबंधित विवरण, वेली राशि की कटौती, कम्प्यूटर, हार्डडिश, मोबाइल फोन, कंपनियों के अकाउंट्स डायरियां, तृतीय प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) तथा पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) के दी गयी राशियों का विवरण, भारतीय मुद्रा में 68 लाख रुपये, दस हजार सिंगापुरी डालर, 1300 अमेरिकी डालर, तथा 86 हजार बंद हो चुके नोट जब्त की गयी हैं.