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कोयला ट्रांसपोर्टर पर उग्रवादी संगठनों को आर्थिक मदद करने का आरोप, गिरफ्तारी के लिए विभिन्न ठिकानों पर लगातार हो रही है छापेमारी

आसनसोल/ दुर्गापुर : दुर्गापुर शहर के विधाननगर रोबिन मुकुंद सरणी निवासी कोयला ट्रांसपोर्टर तथा उद्योगपति सोनू अग्रवाल को झारखंड पुलिस से छह अंगरक्षक मिले हैं. इनमें हजारीबाग से दो, रांची से दो और धनबाद जिले से दो अंगरक्षक मिले हुए हैं.हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक मयूर कन्हैया पटेल ने कहा कि सोनू अग्रवाल को दो अंगरक्षक […]

आसनसोल/ दुर्गापुर : दुर्गापुर शहर के विधाननगर रोबिन मुकुंद सरणी निवासी कोयला ट्रांसपोर्टर तथा उद्योगपति सोनू अग्रवाल को झारखंड पुलिस से छह अंगरक्षक मिले हैं. इनमें हजारीबाग से दो, रांची से दो और धनबाद जिले से दो अंगरक्षक मिले हुए हैं.हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक मयूर कन्हैया पटेल ने कहा कि सोनू अग्रवाल को दो अंगरक्षक हजारीबाग से मिला है.
सोनू जब भी दुर्गापुर जाता है, तो साथ में अंगरक्षकों को ले जाने के लिए आदेश रेंज उपमहानिरीक्षक से लेता है. धनबाद में काफी पहले सोनू को एक अंगरक्षक मिला था. फिर कुछ माह पहले एक और अंगरक्षक धनबाद पुलिस से मिला है. सोनू की ससुराल चिरकुंड़ा (धनबाद जिले का सीमावर्ती शहर) में है.
सनद रहे कि एलडब्ल्यूइ टेरर फंडिंग मामले में एनआईए ने रांची, हजारीबाग, जमशेदपुर तथा दुर्गापुर में एक साथ 15 स्थानों पर छापेमारी मंगलवार को की थी. पहले से दर्ज कांड संख्या आरसी-6/2018/एनआईए/डीएलआई से संबंधित अभियान था. आम्रपाली तथा मगध कोलफील्ड से कोयले की खरीदारी तथा ट्रांसपोर्टिंग से जुड़ी विभिन्न कंपनियों के प्रबंधकों के आवासों तथा कार्यालयों के साथ-साथ सोनू अग्रवाल के आवास में भी छापेमारी की गई थी.
छापेमारी में आम्रपाली तथा मगध एरिया कमेटी को दी गई राशि से संबंधित दस्तावेज, बैंक अकाउंट तथा फिकस्ड डिपोजिट से संबंधित विवरण, वेली राशि की कटौती, कम्प्यूटर, हार्डडिश, मोबाइल पोन, कंपनियों के एकाउंट्स दर्ज डायरियां, तृतीय प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) तथा पीपुल्स लिबरेशन फ्रँट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के दी गई राशियों का विवरण, भारतीय मुद्रा में 68 लाख रूपये, दस हजार सिंगापुरी डालर, 1300 अमेरिकी डालर, तथा 86 हजार बंद हो चुके नोट जब्त किये गये थे.
सूत्रों के अनुसार सोनू को रांची जिला से भी दो अंगरक्षक मिला हुआ है. इनमें से जुलाई में मिला एक अंगरक्षक प्रिंस सिंह शराब तस्करी के आरोप में बिहार के वैशाली जिले की पुलिस के हत्थे चढ़ा था. वह जेल भी गया था. फिलहाल वह जमानत पर जेल से बाहर है. मामले की जानकारी मिलने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया है.
ऐसे में सवाल उठता है कि सोनू अग्रवाल को इतने सारे अंगरक्षक किस आधार पर तथा किनके कहने पर दिये गये? क्योंकि श्री अग्रवाल पर उग्रवादी संगठनों को आर्थिक तौर पर मदद करने का गंभीर आरोप लगा है. जबकि झारखंड पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है.
बिंदू गंझू ने किया था खुलासा
टीएसपीसी के लिए लेवी की वसूली करनेवाला मुख्य सरगना बिंदेश्वर गंझू उर्फ बिंदू गंझू को एनआईए ने पिछले दिनों रांची से गिरफ्तार किया था. सूत्रों के मुताबिक उसने ही लेवी देनेवाले ट्रांसपोर्टरों तथा कंपनियों के नाम का खुलासा किया था. एनआईए को उसने यह भी बताया था कि लेवी के पैसे का हिस्सा पुलिस के आला अफसरों से लेर नेताओं तक पहुंचाया जाता है. उसकी गिरफ्तारी के बाद हजारीबाग से इनामी उग्रवादी कोहराम और चतरा से मुनेशजी की गिरफ्तारी हुई थी.
डायरी से होगा बड़ा खुलासा
विधाननगर स्थित सोनू अग्रवाल के आवास से एनआईए की टीम ने लेवी तथा पैसों के लेन-देन से जुड़ी डायरी भी जब्त की है. कंपनियों ने टीपीसी तथा पीएलएफआई को लेवी दी है. इसका जक्रि डायरी में है. पुलिस तथा सीसीएल अधिकारियों को दिए गये भुगतान का लेखा-जोखा भी कंप्यूटर के हार्ड डिस्क और डायरी में होने की बात एनआईए सूत्र दावा कर रहे हैं.
स्टील उद्योग में धमाकेदार इंट्री
शिल्पांचल के उद्योगपतियों के अनुसार चार-पांच वर्ष पहले सोनू अग्रवाल को शिल्पांचल में कोई पहचानता तक नहीं था. लेकिन बाद में उसने धमाकेदार इंट्री ली है. चार वर्षों में उसने कम से कम 1500 करोड़ रूपये की राशि का निवेश किया है. उसने आयरन स्मेलटिंग पिग आयरन के छह से अधिक रूग्न प्लांटों की खरीदारी की है. इन उद्योंगों के आसपास की जमीन की हो रही खरीद-बिक्री में से 70 फीसदी जमीन की खरीदारी उसने ही की है.
अंकित स्टील प्राइवेट लिमिटेड में छापेमारी
दुर्गापुर. अतिवामपंथी संगठनों की फंडिंग के मामले में आरोपी बने उद्योगपति सह ट्रांसपोर्टर सोनू अग्रवाल के ठिकानों पर नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) की छापेमारी जारी है. दुर्गापुर के बामूनारा स्थित जय श्री फैक्ट्री व बिधाननगर के आवास में मंगलवार को घंटों छापेमारी के बाद बुधवार को बांकुड़ा जिले के बड़जोड़ा संलग्न मालीयारा स्थित अंकित स्टील प्राइवेट लिमिटेड में छापेमारी की गई. सुबह से शुरू की गई छापेमारी दोपहर दो बजे तक चली. एनआईए की टीम के सदस्य छह वाहनों में सवार होकर पहुंचे थे. करीब छह घंटे तक चले जांच अभियान मे कई जरूरी फाइलें एवं कागजात जब्त किये गये.
दुर्गापुर के सिटी सेंटर स्थित दुर्गापुर महकमा अदालत में एनआइए के जांच अधिकारी विशेष वाहन से सुबह से मौजूद थे. अंदेशा किया जा रहा था कि सोनू अग्रवाल महकमा अदालत में आत्मसमर्पण करने आने वाला है. दूसरी तरफ सोनू अग्रवाल के बिधाननगर आवास से जब्त किये गये दस्तावेज व सामग्री की सूची एनआईए अधिकारियों द्वारा अदालत को सौपने की भी बात सामने आ रही है. हालांकि इस संदर्भ में एनआइए के स्तर से कोई पुष्टि नहीं की गई.
इनके यहां हुई छापेमारी
सोनू अग्रवाल: ट्रांसपोर्टर, दुर्गापुर विधाननगर रोबिन मुकुंद सरणी स्थित आवास, कांकसा थाना अंतर्गत बामूनारा स्थित उनका कारखाना जयश्री इस्पात.
सोनू अग्रवाल: रांची के बांधगाड़ी स्थित बालाजी अपार्टमेंट स्थित उनका दफ्तर
विष्णु अग्रवाल: ट्रांसपोर्टर (सोनू अग्रवाल का मैनेजर) संतोषी अपार्टमेंट बरियातू (रांची)
आधुनिक इस्पात कंपनी: मेनरोड, चर्च कांप्लेक्स(रांची). कांड्रा (जमशेदपुर) स्थित कार्यालय
सुदेश केडिया: ट्रांसपोर्टर, रातू रोड में कार्यालय (रांची)
विनीत अग्रवाल: ट्रांसपोर्टर, लाइन टैंक रोड (रांची)
विपिन मिश्रा: ट्रांसपोर्टर, दफ्तर, स्टेट स्क्वायर अपार्टमेंट, चेशायर होम रोड (रांची)
रघुराम रेड्डी: बीजीआर कंपनी के जीएम, आवास पंडितजी रोड (हजारीबाग)
रांची में दर्जनों कर्मियों से पूछताछ
एनआइए के रांची कार्यालय में संस्था अधिकारियों ने उन विभिन्न ट्रांसपोर्टेरो के कर्मचारियों से पूछताछ की, जिनके यहां मंगलवार को छापेमारी की गई थी. हालांकि किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. अधिकारियों ने कहा कि कर्मचारियों से उस समय की कंपनी गतिविधियों की जानकाली ली जा रही है. साथ ही उन कर्मचारियों के बारे में भी पूछताछ की जा रही है, जिनका तबादला हाल के महीनों में अन्यत्र किया गया है. खासकर एकाउंट से जुड़े कर्मियों से पूछताछ की जा रही है.

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