यहां विजयादशमी से आठ दिनों तक निकलती है श्रीरामचंद्र की रथयात्रा

बांकुड़ा : बांकुड़ा जिले के ओंदा थाना अंतर्गत सनातपल गांव में सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार विजयादशमी से आठ दिनों तक मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम चंद्र की रथयात्रा निकाली जाती है. इसे देखने के लिए आसपास के इलाकों से हजारों की संख्या में दर्शनार्थियों का समागम लगा रहता है. तीसरे दिन रविवार को नर नारायण सेवा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2018 6:28 AM
बांकुड़ा : बांकुड़ा जिले के ओंदा थाना अंतर्गत सनातपल गांव में सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार विजयादशमी से आठ दिनों तक मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम चंद्र की रथयात्रा निकाली जाती है. इसे देखने के लिए आसपास के इलाकों से हजारों की संख्या में दर्शनार्थियों का समागम लगा रहता है. तीसरे दिन रविवार को नर नारायण सेवा का आयोजन किया गया. करीब आठ हजार लोगों ने खिचड़ी प्रसाद ग्रहण किया.
आसपास के सनातपाल, सांतोड़, नूतनग्राम, भीमपुर, मालातोड़ तथा बालुयारा ग्राम से भारी संख्या में लोग इसमें शामिल हुये. द्वारकेश्वर नदी के किनारे स्थित सनातपाल गांव में श्रीरामचंद्र के मंदिर के बारे में पौराणिक कथा प्रचलित है. मंदिर में भगवान श्रीरामचंद्र के साथ-साथ माता सीता, लक्ष्मण, हनुमान, जामवंत तथा शालग्राम की मूर्ति स्थापित है.
दशहरे के बाद से होने वाली रथयात्रा के प्रचलन के बारे में मधुसूधन चक्रवर्ती ने कहा कि दो सौ वर्षों से रथ निकालने की प्रथा कायम है. दशहरे के बाद ही श्रीरामचंद्र की विजय यात्रा निकाली जाती है. रथ को आठ दिनों तक निकाला जाता है. आठवें दिन रथ को स्नातपाल ग्राम में रखकर भगवान को सिंहासन पर बैठाकर मंदिर तक लाया जाता है. द्वादशी के दिन आठ हजार भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया जाता है.
मन्दिर के प्रति श्रद्धालुओं की अपार आस्था है. प्रत्येक दिन उत्सव जैसा माहौल बना रहता है. स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि सदियों पहले लकड़ी का रथ व्यवहार होता था, अब पीतल के रथ पर बैठकर श्रीरामचंद्र नगर परिक्रमा करते हैं.

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