जिले में नहीं होगी अफीम की खेती
आसनसोल : पश्चिम बर्दवान जिले में अफीम की केती पर पूर्ण रूप से रोक लगाने के लिए बुधवार को जिलाशासक शंशाक सेठी की अध्यक्षता में एडीडीए के सभागार में सुरक्षा से जुड़े विभागों के अधिकारियों की बैठक हुई. इसमें आबकारी विभाग के संयुक्त आयुक्त सौमित्र विश्वास, आसनसोल सदर के महकमाशासक प्रलय राय चौधरी, दुर्गापुर के […]
आसनसोल : पश्चिम बर्दवान जिले में अफीम की केती पर पूर्ण रूप से रोक लगाने के लिए बुधवार को जिलाशासक शंशाक सेठी की अध्यक्षता में एडीडीए के सभागार में सुरक्षा से जुड़े विभागों के अधिकारियों की बैठक हुई. इसमें आबकारी विभाग के संयुक्त आयुक्त सौमित्र विश्वास, आसनसोल सदर के महकमाशासक प्रलय राय चौधरी, दुर्गापुर के महकमाशासक डॉ श्रीकांत, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, ब्लॉक लैंड व लैंड रेवेन्यू अधिकारी, आबकारी विभाग के अधिकारी, पुलिस तथआ नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी शामिल थे. बैठक में अधिकारियों ने कहा कि जिले में अफीम की व्यापक खेती का कोई इतिहास नहीं रहा है.
हाल के दो वर्षों में चोरी छिपे भी इसकी अवैध खेती की शिकायतें नहीं मिली हैं. जिले के आबकारी अधीक्षक तुहिन नाग ने जोर देते हुए कहा कि इस सफलता के लिए विभागीय स्तर पर लगातार नजर रखा जाना, विभिन्न जागरूकता अभियानों के माध्यम से स्थानीय लोगों को इसके दुष्प्रभावों से अवगत कराने तथा विभिन्न संबंधित सरकारी विभागों के बीच बेहतर समन्वय के कारण ही यह सफलता मिल सकी है.
इस उपलब्धि को बनाये रखने के लिए ही यह बैठक की जा रही है.नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के सक्षम अधिकारी ए.कूट्टी ने कहा कि अफीम की गैरकानूनी खेती करने पर एनडीपीएस एक्ट, 1985 में सश्रम कारावास तथा जुर्माने का भी प्रावधान है. उन्होंने अफीम की गैर कानूनी खेती रोकने में जिला प्रशासन को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया.
व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने के लिए आम जनता के बीच लिफ्लेट वितरण, टेबलों के माध्यम से रोड शो करने, जिला प्रशासन के सूचना व संस्कृति विभाग की मदद से प्रचार अभियान चलाने तथा ऑडियो-विजुअल मीडिया के उपयोग करने का निर्णय लिया गया. यह अभियान शीघ्र शुरू किया जायेगा. जिलाशासक श्री सेठी ने स्पष्ट किया कि अफीम की गैर कानूनी खेती के मामले में कोई भी लापरवाही या शिथिलता स्वीकार नहीं की जायेगी. उन्होंने निम्नस्थ अधिकारियों को इसके खिलाफ नियमित अभियान चलाने का निर्देश दिया.