19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

स्टैंडर्डाइजेशन कमेटी की बैठक को लेकर एचएमएस ने उठाये सवाल : दक्षता, योग्यता के अनुरूप हो पदास्थापन

आसनसोल : इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (इसीएल) सहित कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) की विभिन्न अनुषांगिक कोयला कंपनियों में कार्यरत श्रमिकों की योग्यता के अनुरूप पद नहीं मिलने का हिंद मजदूर सभा ने विरोध किया है. सीआइएल की मानकीकरण (स्टैंडर्डाइजेशन) कमेटी के सदस्य तथा एचएमएस प्रतिनिधि एसके पांडेय ने आगामी 27 नवंबर को होनेवाली बैठक में इस […]

आसनसोल : इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (इसीएल) सहित कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) की विभिन्न अनुषांगिक कोयला कंपनियों में कार्यरत श्रमिकों की योग्यता के अनुरूप पद नहीं मिलने का हिंद मजदूर सभा ने विरोध किया है. सीआइएल की मानकीकरण (स्टैंडर्डाइजेशन) कमेटी के सदस्य तथा एचएमएस प्रतिनिधि एसके पांडेय ने आगामी 27 नवंबर को होनेवाली बैठक में इस मुद्दे को गंभीरता से उठाने की बात कही है.उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने इसका समर्थन किया है. विभिन्न संसदीय समितियों की रिपोर्ट भी इसके पक्ष में हैं.

कोलियरी मजदूर कांग्रेस (एचएमएस) के महासचिव सह मानकीकरण कमेटी सदस्य श्री पांडेय ने कहा कि 27 नवंबर को होनेवाली बैठक के मुद्दों की कोई जानकारी नहीं दी गई है तथा इसके पूर्व 13 जुलाई तथा 11 नवंबर को हुई बैठक में बारे में भी कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट है कि आश्रितों के नियोजन के विभिन्न मामलों में प्रबंधन का रुख स्पष्ट नहीं है.
उन्होंने कहा कि 11 नवंबर को हुई बैठक में इस संबंध में पारित प्रस्ताव पर बीएमएस के डॉ बीके राय तथा एटक के लखन लाल महतो ने हस्ताक्षर कर दिये. जबकि उन्होंने तथा उनके सहयोगी नेता नत्थूलाल पांडेय ने इसका पुरजोर विरोध किया था. उन्होंने कहा कि यह ध्यानतब्य है कि यह कमेटी सिर्फ अनुशंसा कर सकती है. इसे निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है. कोई भी निर्णय जेबीसीसीआइ की बैठक में ही लिया जा सकता है.
  • एचएमएस नेता एसके पांडेय ने पिछली दो बैठकों की मांगी जानकारी
  • शिक्षा के अनुरूप पदास्थापन की योजना तैयार कर सौंपा प्रबंधन को
  • हाईकोर्ट, विभिन्न ससंदीय कमेटियों ने की है अनुशंसा
  • प्रभावी नीति न होने के कारण क्षमता का भरपूर उपयोग नहीं
श्री पांडेय ने प्रबंधन को योग्यता के अनुरूप नियोजन के मुद्दे पर विस्तृत योजना भी प्रस्तावित किया है. उन्होंने कहा कि एनसीडब्ल्यूए-चार से एनसीडब्ल्यीए –सात तक बड़ी संख्या में दक्ष तथा शिक्षित कर्मियों ने आश्रित तथा जमीन अधिग्रहण के बदले नियोजन पाया है. लेकिन उनका पूरा उपयोग नहीं हो रहा है. कई कोयला कंपनियों ने अपने स्तर से इन कर्मियों की क्षमता व दक्षता के उपयोग की पहल की है.
वर्ष 1984 में डब्ल्यूसीएल में सिविल, मेकेनिकल, इलेक्ट्रिकल तथा माइनिंग में बीइ को टीएंडएस ग्रेड बी में पदास्थापित किया था. इसीएल ने भी एआइएमइ डिग्री होलडरों को फोरमेन इंचार्ज के पद पर नियोजित किया था. पांच दिसंबर, 2009 को सीएमडी मीट में भी सक्षम कर्मियों को कॉस्ट एकाउंटेंट के पद पर नियोजित करने का निर्णय लिया गया था. एसइसीएल में भी आश्रितों तथा भूमि अधिग्रहण के बदले नियोजित कर्मियों को फोरमैन, सहायक फोरमैन, सीनियर डाटा ऑपरेटर (टी) में नियोजित किया गया था.
एनसीडब्ल्यूए –आठ में भी यूनियनों ने इसका प्रस्ताव दिया था. उन्होंने कहा कि मशीनीकरण तथआ कम्प्यूटराइजेशन के बाद विभिन्न क्षेत्रों में इसके लिए काफी संभावना बनी है. पहली जनवरी, 2007 के बाद शिक्षित नर्स, बी फार्मेसी, बीडीएस, बीएएमएस, बीइ, कम्प्यूटर साइंस में डिप्लोमा होल्डर, मेकेनिकल, सिविल, इलेक्ट्रिकल में बीइ, डिप्लोमा, एमबीए, एलएलबी आदि ने योगदान किया है, लेकिन उनका उपयोग नहीं हो पा रहा है.
प्रस्ताविक योजना के बारे में उन्होंने कहा कि आश्रित तथा भूमि अधिग्रहण के बदले नियोजित सभी कर्मियों को पहले छह माह का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए. जो नन-मैट्रिक हैं उन्हें उनके कार्य का विशेष प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए. मैट्रिक पास कर्मियों को प्रशिक्षण के बाद केटेगरी दो में नियोजित किया जाना चाहिए तथा उन्हें संबंधित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए. आइटीआइ सर्टिफिकेट होल्डरों को केटेगरी तीन में नियोजित किया जाना चाहिए. दो वर्ष के अनुभव के बाद उन्हें केटेगरी चार में प्रोन्नत किया जाना चाहिए.
स्नातक तथा स्नातकोत्तर को केटेगरी तीन में नियोजित किया जाये. इसके बाद उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए. तीन साल के बाद उन्हें केटेगरी चार में नियोजित किया जाना चाहिए, जो तकनीकी शिक्षित हैं या स्नातक के समतुल्य डिग्रीधारक हैं, उन्हें टीएस ग्रेड एथथा पांच साल के अनुभव के बाद एक्सक्यूटिव ग्रेड में भेजा जाना चाहिए.
मेडिकल साइंस, सिविल, मेकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, क्म्प्यूटर साइंस , इएंडटी, आइटी आदि मामलों में भी यही नियम प्रभावी होना चाहिए. बीसीए, एमसीए को डाटा एंड कम्प्यूटर सेक्शन में नियोजित करना चाहिए. एनएनबी तथा एमएसडब्ल्यू को प्रशिक्षण देकर लॉ इंस्पेक्टर तथा वेलफेयर इंस्पेक्टर बनाया जाना चाहिए. विशेष दक्षता के लिए कंपनी स्पेशल स्कीम बना सकती है. वेकेन्सी या प्रमोशन नहीं होने की स्थिति में इनके पांच वर्ष के अनुभव के बाद सर्विस लिंक प्रमोशन बेनेफिट दिया जाना चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें