केंद्र सरकार को हर मोर्चे पर पूरी तरह से विफल, जनविरोधी भी है सरकार – सीटू

आसनसोल :सीटू के महासचिव तपन सेन ने कहा कि केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों से आम जनता त्रस्त हो चुकी है. चार साल पहले भाजपा ने जिन मुद्दों का हवाला देकर जनता की सहानभूति बटोरा, सारे मुद्दे जस के तस बने हुए हैं. पिछले चार साल में केंद्र सरकार ने जनता की समस्या का समाधान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2018 6:45 AM
आसनसोल :सीटू के महासचिव तपन सेन ने कहा कि केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों से आम जनता त्रस्त हो चुकी है. चार साल पहले भाजपा ने जिन मुद्दों का हवाला देकर जनता की सहानभूति बटोरा, सारे मुद्दे जस के तस बने हुए हैं. पिछले चार साल में केंद्र सरकार ने जनता की समस्या का समाधान करने के बजाय उसे और भी अधिक समस्यायों में घेर दिया है. वे शनिवार को बर्नपुर के भारती भवन में आयोजित सीटू की स्टेट वर्किंग कमेटी की दोदिवसीय विस्तारित बैठक को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि भाजपा का सफेद झूठ लोगों के समक्ष आ गया है. उनके पास आगामी चुनाव के लिए कोई मुद्दा नहीं है. अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए भाजपा और उसके सहयोगी मंदिर मस्जिद का मुद्दा उठाकर लोगों का ध्यान भटकाने में जुट गयी है. 18 सूत्री मांगों को लेकर आठ जनवरी से दोदिवसीय हड़ताल को सफल बनाने की अपील की.
सीटू के राज्य अध्यक्ष सुभाष मुखर्जी ने उद्घाटन किया. राज्य सचिव अनादि साहू, उपाध्यक्ष दीपक दासगुप्ता, संयुक्त सचिव गार्गी चटर्जी, राज्य सचिव मंडली के सदस्य सह पूर्व सांसद वंशगोपाल चौधरी, राज्य सचिव मंडली सदस्य दीपक सरकार आदि उपस्थित थे. 350 प्रतिनिधि बैठक में शामिल हैं.
सीटू के राज्य सचिव श्री साहू ने कहा कि बेतहासा मूल्यबृद्धि को नियंत्रित करने, नित्य जरूरी की सामानों का आयात बन्द करने, रोजगार सृजन को लेकर सुनियोजित परियोजना तैयार कर बेकरी दूर करना, सभी मौलिक श्रम कानून को लागू करना, श्रम कानून की उपेक्षा करने वालों को कठोर सजा देने, श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपया करने, सभी श्रमजीवी श्रमिकों के अवकाश ग्रहण के बाद न्यूनतम छह हजार रुपया पेंसन देने, स्थायी कार्य मे ठेकेदारी प्रथा बन्द करने, समान कार्य का समान मजदूरी सहित सभी सुविधा देना, बोनस, प्रोविडेंड फंड, ग्रेच्यूएटी में सीलिंग को वापस लेना, आवेदन के 45 दिन के अंदर ट्रेड यूनियनों का रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करना, आईएलओ कन्वेंशन संख्या 87 व 98 की स्वीकृति तत्काल देना, श्रमिक हित मे विरोधी श्रम कानून का संसोधन बंद करना और रेलवे, बीमा तथा रक्षा के क्षेत्र में विदेशी विनिवेश बंद करने की मांग को लेकर सभी राष्ट्रीय ट्रेड यूनियनों ने आठ व नौ जनवरी को आम हड़ताल की घोषणा की है.

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