बर्नपुर : दुकानों में लगी भयंकर आग, लाखों का सामान जल कर हुआ राख
एडीडीए चेयरमैन तापस बनर्जी ने किया निरीक्षण, सहयोग का दिलासा बंद थी बिजली सप्लाई, आग लगने के कारणों की जांच में जुटी पुलिस चंदा कर दुकान बनाने का पीड़ितों नेलियानिर्णय बर्नपुर : वार्ड संख्या 77 अंतर्गत गुरूद्वारा मोड स्थित दुकानो में रविवार की रात दो बजे 18 दुकानों में आग लगने से दुकानों में रखा […]
- एडीडीए चेयरमैन तापस बनर्जी ने किया निरीक्षण, सहयोग का दिलासा
- बंद थी बिजली सप्लाई, आग लगने के कारणों की जांच में जुटी पुलिस
- चंदा कर दुकान बनाने का पीड़ितों नेलियानिर्णय
बर्नपुर : वार्ड संख्या 77 अंतर्गत गुरूद्वारा मोड स्थित दुकानो में रविवार की रात दो बजे 18 दुकानों में आग लगने से दुकानों में रखा लाखों का सामान जलकर राख हो गया.बोरो कार्यालय के पीछे गुरूद्वारा मोड के पीछे स्थित दुकानों में आग लग गई. आग की लपटों से निकलते धुएं के गुब्बार को देखकर अफरा-तफरी मच गई. लोग अपने अपने घरो से निकलकर बाहर आ गये.
इसकी सूचना दमकल विभाग तथा संबंधित दुकानदारों को दी गई. सरकारी दमकल विभाग तथा आईएसपी के दमकल कर्मियो के संयुक्त प्रयास के बाद पांच बजे आग पर काबू पाया गया. पुलिस आग लगने के कारणों की जांच कर रहे है.
दुकानदारों ने कहा कि दुकानों में बिजली सप्लाई नहीं थी. या तो किसी की लापरवाही से आग लगी या किसी साजिश के तहत आग लगाई गई. मंतोष दास की हेलमेट की दुकान में एक लाख रूपये के सामान जल गये. सीता साव की झोपड़ी जल गई. संजय साव की जूस दुकान की मशीन जल गयी.
बबलू ठाकुर, लखन ठाकुर, नन्दु ठाकुर, गोदाई सेन के सैलून का सारा सामान जलकर राख हो गया. गगन राम तथा संतोष जैसवाल के कपड़े की दुकान में रखा तीन से चार लाख रुपये मूल्य के कपड़े जल गये. स्वपन दास की जूता दुकान तथा भोला चौधरी की मिठाई दुकान में एक लाख रूपये मूल्य के सामान जल गये. रामेश्वर गुप्ता, सत्यरंजन बनर्जी के होटल का सामान आग की भेंट चढ़ गया.
घटना की सूचना पाकर एडीडीए चेयरमैन तापस बनर्जी, एमएमआईसी (शिक्षा) अंजना शर्मा, पार्षद श्रवण साव, आसनसोल साउथ ब्लॉक टाउन कार्यकारी अध्यक्ष उत्पल सेन, टीएमवाईसी ब्लाक अध्यक्ष अमित सेन, कैलाश शर्मा आदि पहुंचे. श्री बनर्जी ने इस अग्निकांड में प्रभावित दुकानदारो को लिखित आवेदन करने का निर्देश दिया.
दुकानदार गगन राम ने कहा कि अग्निकांड में काफी नुकसान हो चुका है. किसी भी प्रकार से कोई सहयोग मिलने की उम्मीद नही है. इसलिए सभी दुकानदारो में आपस में मिलकर चंदा कर दुकानों के पुन: निर्माण करने का निर्णय लिया है.