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दुर्गापुर : पीएफ, ग्रेच्युटी दिलाने के नाम पर रिटायर्डकर्मी से ठगी, 30 लाख रुपये की हुई निकासी, पीडि़त ने दी सपरिवार आत्‍मदाह की चेतावनी

दुर्गापुर : सेवानिवृत होने के बाद जमापूंजी िलाने के नाम पर पड़ोसी ने इसीएल कर्मी के पासपुक से 30 लाख रुपयों की निकासी कर हजम कर गया. घटना उखड़ा के कंकड़डांगा की है. सेवानिवृत इसीएल कर्मी नारा बाउरी से धोखाधड़ी के बाद पड़ोसी संदीप चटर्जी फरार है. बुधवार को पीड़ित परिवार ने महकमा शासक कार्यालय […]

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दुर्गापुर : सेवानिवृत होने के बाद जमापूंजी िलाने के नाम पर पड़ोसी ने इसीएल कर्मी के पासपुक से 30 लाख रुपयों की निकासी कर हजम कर गया. घटना उखड़ा के कंकड़डांगा की है. सेवानिवृत इसीएल कर्मी नारा बाउरी से धोखाधड़ी के बाद पड़ोसी संदीप चटर्जी फरार है. बुधवार को पीड़ित परिवार ने महकमा शासक कार्यालय पहुंचकर महकमा शासक से न्याय की गुहार लगाई. पीड़ित की शिकायत सुनकर महकमा शासक डॉक्टर श्रीकांत पल्ली ने मंगलवार को पीड़ित परिवार से भेंट करने का आश्वासन दिया है.
काकड़डांगा निवासी नारा बाउरी चनचनी कोलियरी में पंप खलासी के तौर पर कार्यरत थे. 30 जून 2016 को सेवानिवृत्त हो जाने के बाद पीएफ, ग्रेच्युटी की जमा राशि निकासी करने के लिये प्रबंधन के विभागीय अधिकारियों के पास गये तो अधिकारियों ने उन्हें जमापूंजी देने से इनकार कर दिया.
उन्होंने बताया कि उनकी जमापूंजी पर फिलहाल केस चल रहा है, इस कारण उसका भुगतान फिलहाल संभव नहीं है. उल्लेखनीय है कि नारा की भतीजी सुशीला बाउरी ने संपत्ति में आधे हिस्से की दावेदारी की मांग पर दुर्गापुर कोर्ट में केस दर्ज किया है. सुशीला उखड़ा की उपप्रधान रह चुकी है. जमापूंजी नहीं मिलने पर नारा ने पड़ोसी संदीप चटर्जी से संपर्क किया.
संदीप ने उन्हें जमापूंजी दिलाने का आश्वासन दिया. वह उसकी बातों में आ गये. संदीप ने कंपनी से जमापूंजी दिलाने के नाम पर कई बार रिश्वत लिये. उसने बंकोला एसबीआई शाखा का मेरा पासबुक भी ले रखा था. कभी-कभी बैंक में राशि निकासी फार्म में अंगूठा लगाने के लिये बुलाता था. पीएफ, ग्रेच्युटी के जमा पैसे दिलवाने को कहने पर वह बहाना कर देता था.
शक होने पर कुछ महीनों के बाद परिवार वालों ने बैंक में जाकर स्टेटमेंट निकलवाया तो पता चला कि खाते से समय-समय पर रुपयों की निकासी की गयी है. खाते से करीब 30 लाख रुपये की निकासी कर ली गई है. यह देख उनके होश उड़ गये. मामला उजागर होने के बाद वह संदीप के घर गये लेकिन उससे संपर्क नहीं हो पाया. घटना के बाद से वह फरार हो गया.
पीड़ित नारा ने बताया कि शिकायत स्थानीय तृणमूल नेताओं एवं उखड़ा फाड़ी में करने गया, लेकिन प्रशासन कोई सहयोग नहीं कर रहा है. संदीप ने धोखे से खाते में रखा 30 लाख रुपयों की निकासी कर ली है. इसमें प्रशासन, प्रबंधन एवं बैंक अधिकारी भी शामिल हैं. दुर्गापुर महकमा शासक को मामले से अवगत कराया गया है.
प्रशासन को संदीप से गबन की गई राशि वापस दिलानी होगी अन्यथा महकमा शासक कार्यालय के समक्ष परिवार समेत वह आत्मदाह कर लेंगे. इस संदर्भ में तृणमूल नेता सोरेन सहगल ने बताया कि नारा बाउरी के गबन हुए रुपये को लेकर संदीप से संपर्क किया जा रहा है. लेकिन संदीप इलाके से फरार है.

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