दुर्गापुर : एसएफआई की रैली को पुलिस ने रोका, 89 को किया गिरफ्तार

दुर्गापुर : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी समर्थित छात्र संगठन एसएफआई, डिवाइएफआई की मोटरसाइकिल रैली को गुरुवार को दुर्गापुर पुलिस ने रोक दिया. इस दौरान पुलिस ने एसएफआई राज्य सचिव सृजन भट्टाचार्य समेत 89 माकपा समर्थकों को गिरफ्तार किया. पुलिस द्वारा जबरन गिरफ्तार किये जाने को लेकर माकपा समर्थकों ने प्रशासन के खिलाफ नारा लगाते हुये दुर्गापुर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2018 3:37 AM
दुर्गापुर : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी समर्थित छात्र संगठन एसएफआई, डिवाइएफआई की मोटरसाइकिल रैली को गुरुवार को दुर्गापुर पुलिस ने रोक दिया. इस दौरान पुलिस ने एसएफआई राज्य सचिव सृजन भट्टाचार्य समेत 89 माकपा समर्थकों को गिरफ्तार किया. पुलिस द्वारा जबरन गिरफ्तार किये जाने को लेकर माकपा समर्थकों ने प्रशासन के खिलाफ नारा लगाते हुये दुर्गापुर के धूपचूड़ियां मोड़ स्थित जीटी रोड को जाम कर दिया.
इससे करीब आधे घंटे तक आसनसोल-दुर्गापुर का आवागमन बाधित हो गया. पुलिस ने हिरासत में लिये गये प्रदर्शनकारियों को थाना में करीब 2 घंटा रखने के बाद उन्हें रिहा कर दिया. उल्लेखनीय है कि राज्य सचिवालय के समक्ष माकपा द्वारा प्रदर्शन में शामिल होने के लिए माकपा ने बर्नपुर में जमायत बुलाई थी. वहां बर्दवान जिले के विभिन्न इलाकों से छात्र संगठन एवं डीवाइएफआई एवं एसएफआई के सदस्य एकत्र होकर नवान्न कूच करने वाले वाले थे.
गुरुवार को दुर्गापुर इलाके से सैकड़ों सदस्य मोटरसाइकिल रैली निकालकर बर्नपुर जमायत में शामिल होने जा रहे थे. मोटरसाइकिल रैली धूपचूड़ियां मोड़ के समीप जीटी रोड पर ज्यों पहुंची उसी दौरान भारी संख्या में तैनात दुर्गापुर की पुलिस ने मोटरसाइकिल रैली रोक दी.
इस दौरान माकपा समर्थकों के साथ पुलिस के जवानों की धक्का-मुक्की हुई. पुलिस की ओर से डीसीपी (इस्ट) अभिषेक मोदी ,एसीपी आरिफ जिलाल, थाना प्रभारी गौतम तालुकदार समेत काफी संख्या में जवान इकट्ठा थे. पुलिस द्वारा रोके जाने से माकपा समर्थक आक्रोशित हो उठे एवं प्रशासन पर लोकतंत्र के अधिकार को दबाने का आरोप लगाते हुये जीटी रोड पर बैठकर प्रदर्शन करने लगे.
इस दौरान जीटी रोड अवरोध करने के लिये पुलिस ने एसएफआई राज्य सचिव श्रीजन भट्टाचार्य, जिला सचिव समेत 89 लोगों को हिरासत में ले लिया. दुर्गापुर के माकपा नेता पंकज राय सरकार ने कहा कि प्रशासन लोकतंत्र के अधिकारों को कुचलने का प्रयास कर रहा है. राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ छात्र एवं युवा संगठन चार सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन करने जा रहा था.
आंदोलन के मुख्य मांगो में मुख्य तौर से पश्चिम बर्दवान में अवैध कार्यों में अंकुश लगाना, शिक्षा खर्च में संशोधन करना, जिले में उद्योग धंधा विकसित करना एवं बेरोजगार युवकों को रोजगार प्रदान करना शामिल था. लेकिन पुलिस जबरन आंदोलन में जा रहे माकपा समर्थकों को रोककर अधिकारों को दबाने का प्रयास कर रही है.

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