कोलकाता : लगातार कटाव से खतरे में गंगासागर, विशेषज्ञों ने कटान रोकने के लिए दिया है कंक्रीट की दीवार बनाने का सुझाव

कोलकाता : सागरद्वीप में गंगा सागर तट का कटाव लगातार जारी है. प्रत्येक साल लगभग 15 मीटर समुद्र तट सागर में समाता जा रहा है. अगर आने वाले वर्षों में यही हाल रहा तो कपिल मुनि मंदिर पर भी खतरे की संभावना है. इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने आइआइटी मद्रास से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2018 12:46 AM
कोलकाता : सागरद्वीप में गंगा सागर तट का कटाव लगातार जारी है. प्रत्येक साल लगभग 15 मीटर समुद्र तट सागर में समाता जा रहा है. अगर आने वाले वर्षों में यही हाल रहा तो कपिल मुनि मंदिर पर भी खतरे की संभावना है. इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने आइआइटी मद्रास से मदद मांगी है.
यह जानकारी गंगासागर व बक्क्खाली उन्नयन पर्षद के चेयरमैन बंकिम चंद्र हाजरा ने दी. उन्होंने बताया कि गंगा सागर तट के कटाव की समस्या को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने इसके बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाना आरंभ कर दिया है.
आइआइटी मद्रास को गंगासागर तट के पास सतह के स्तर के सर्वे का जिम्मा सौंपा गया था. किस तरह से समुद्र तट कट रहा है, इसके क्या कारण हैं, और इसे कैसे रोका जा सकता है. इस बारे में आइआइटी मद्रास को रिपोर्ट तैयार करने का काम सौंपा गया था.
राज्य सरकार का प्रस्ताव मिलने के बाद आइआइटी मद्रास के विशेषज्ञों ने गंगा सागर तट का सर्वेक्षण किया और उन्होंने सुझाव दिया कि गंगा सागर तट के पास कंक्रीट से बनी दीवार को तैयार किया जाये तो इसे रोका जा सकता है. इस संबंध में आइआइटी ने प्राथमिक रिपोर्ट सौंपी थी. जिसे शहरी विकास विभाग के मंत्री फिरहाद हाकिम को सौंप दिया गया था. श्री हाकिम ने आइअाइटी मद्रास को इस योजना की डीपीआर तैयार करने का काम दिया है.
जिसके लिए उन्होनें 4 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं. आइआइटी मद्रास ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गंगा सागर तट के एक नंबर स्नान घाट से पांच नंबर स्नान घाट तक लगभग 5 किलोमीटर समुद्र तट (रूप सागर से ढेउ सागर) तक कंक्रीट दीवार तैयार की जाये. इस योजना पर लगभग 77 करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं. श्री हाजरा ने बताया कि डीपीआर मिलने के बाद इस योजना पर काम शुरू हो जायेगा. इससे अगले 40 वर्षों तक गंगा सागर तट पर कटाव की समस्या नहीं होगी.

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