जलढाका नदी के तट पर तेज आवाज में बजा लाउड स्पीकर
मयनागुड़ी : वन विभाग व पुलिस प्रशासन की नजर से बचकर गोरुमारा जंगल के समीप रामशाई जलढाका नदी के तट पर ऊंची आवाज में लाउडस्पीकर बजाकर शराब में गोता लगाते रहे पिकनिक मनाने वाले. हालांकि यह इलाका गोरुमारा जंगल के बाहर पड़ता है. लेकिन यह गेंडे, हाथी व बाइसनों का विचरण भूमि है. पिकनिक पार्टियों […]
मयनागुड़ी : वन विभाग व पुलिस प्रशासन की नजर से बचकर गोरुमारा जंगल के समीप रामशाई जलढाका नदी के तट पर ऊंची आवाज में लाउडस्पीकर बजाकर शराब में गोता लगाते रहे पिकनिक मनाने वाले. हालांकि यह इलाका गोरुमारा जंगल के बाहर पड़ता है.
लेकिन यह गेंडे, हाथी व बाइसनों का विचरण भूमि है. पिकनिक पार्टियों को इस तांडव से वन्यप्राणियों के स्वाभाविक आचरण में बाधा हो हो रही है. हालांकि पुलिस व जलपाईगुड़ी सदर महकमा शासक ने संयुक्त तौर पर रामशाई के एक रिशॉर्ट पर छापामार कर ऊंची आवाज में बज रहे साउंड बॉक्स को जब्त किया. वन विभाग की ओर से रामशाई के इस इलाके में भी कार्रवायी का आश्वासन दिया गया है.
साल के पहले रविवार को डुआर्स के विभिन्न पिकनिक स्पॉटों के साथ ही मयनागुड़ी ब्लॉक के रामशाई नौका विहार व जलढाका नदी के आसपास में पिकनिक पार्टीयों की होड़ मची रही.
पिकनिक दलों की गतिविधि पर नियंत्रण के लिए विभिन्न स्थानों में मयनागुड़ी पुलिस प्रशासन की ओर से निगरानी की व्यवस्था की गयी थी. लेकिन फिर भी पुलिस प्रशासन की नजर से रामशाई के जलढाका नदी तट कैसे बच गया इसपर पर्यावरण प्रेमियों ने सवाल उठाया है.
आरोप है कि रामशाई मेदला नजर मीनार के टिकट काउंटर के बीछे जलढाका बांध से गोरुमारा जंगल के करीब जाकर कुछ पिकनिक पार्टियों ने तेज आवाज में साउंड बॉक्स बजाया. कुछ लोग जलढाका नदी पार करके जंगल में जाकर शराब पीया व शराब की बोतलों को इधर उधर फेंक दिया है. इसपर पर्यावरण प्रेमियों ने चिंता जतायी है.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस सही जगह नहीं जाकर आम लोगों को बेवजह परेशान करते है. गोरुमारा वन्यप्राणी विभाग के डीएफओ नीशा गोस्वामी ने कहा की वह इलाका गोरुमारा जंगल से बाहर है. उस स्थान में पिकनिक की कोई खबर उनके पास नहीं थी. महकमा शासक रंजन दास ने कहा कि इस तरह का अभियान फिलहाल जारी रहेगा.