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दुर्गापुर : दामोदर नदी समेत विभिन्न नदियों में लाखों श्रद्धालुओं ने लगायी डुबकी
दुर्गापुर : दुर्गापुर सहित पूरे शिल्पांचल में मंगलवार को मकर संक्रांति हर्षोल्लास के साथ मनाई गई. दामोदर नदी, अजय नदी समेत विभिन्न नदियों में लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया. मंदिरों में पूजा-अर्चना कर दान किया. परिजनों की मंगलकामना के साथ मोक्ष की कामना की. भिरंगी काली मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं की विशेष […]
दुर्गापुर : दुर्गापुर सहित पूरे शिल्पांचल में मंगलवार को मकर संक्रांति हर्षोल्लास के साथ मनाई गई. दामोदर नदी, अजय नदी समेत विभिन्न नदियों में लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया. मंदिरों में पूजा-अर्चना कर दान किया. परिजनों की मंगलकामना के साथ मोक्ष की कामना की.
भिरंगी काली मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं की विशेष भीड़ रही. मंदिरों में कई आयोजन किये गये. लोगों ने दान कर पुण्य कमाया. गायों को हरा चारा खिलाया तथा जरूरतमंदों को भोजन करा वस्त्र दान किया. दामोदर नदी में लाकों श्रद्धालुओं ने डूबकी लगाई.
सुबह ठंड के बावजूद लाखों लोग नदी और जलाशयों पर पहुंचे और पवित्र स्नान किया. मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा में स्नान करने और नदी तट पर तिल का दान करने से सारे पाप कट जाते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसी दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं और दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाते हैं. सूर्य के धनु से मकर राशि में जाने से
‘खरमास’ भी समाप्त हो जाता है और शुभ कार्य भी प्रारंभ हो जाते हैं.
ज्योतिषाचार्य गोपाल शर्मा के मुताबिक, जो लोग मकर संक्रांति की सुबह गंगा स्नान के बाद भगवान भास्कर को तिल का भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण करते हैं, उनके उपर भास्कर की विशेष कृपा बनी रहती है. मकर संक्रांति के दिन चूड़ा-दही तथा तिल खाने की भी परंपरा है. इस दिन तिल खाने और तिल दान शुभ माना जाता है.
बर्दवान में मना पीठे-पुली उत्सव, पतंगबाजी भी
बर्दवान. मकर संक्रांति पर मंगलवार को बर्दवान शहर में पीठे-पुली उत्सव आयोजित हुआ. इसके साथ ही पतंगबाजी भी की गई. दिनभर हुई पतंगबाजी के कारण अधिसंख्य पक्के मकानों की छतों पर परिजनों ने पिकनिक मनाया.
सामान्य मांजा के धागा के साथ चीनी मांजा (एक हिस्से के नाइलन) का भी उपयोग किया गया. बर्दवान नगर में पतंगबाजी यानी गुड्डी मेला का इतिहास काफी पुराना रहा है.
रंग-विरंगी तथा विभिन्न आकार की पतंग आसमान में पूरे दिन दिखती रही. विजयचंद रोड, बड़ाबाजार, मयूरमहल, सर्वमंगलापाडा, बबुरबाग, रसिकपुर, मेहंदीबागान, चौधरीबाजार, लस्करदिघी रोड, पार्कास रोड और रानीगंजबाजार आदि मुहल्लो में जम कर पतंगबाजी हुई.
दामोदर, अजय नदी में मकर संक्रांति पर लगायी डुबकियां
रानीगंज : रानीगंज शहर और कोयलांचल में मकर संक्रांति मंगलवार को मनी. दामोदर नदी तथा जामुड़िया में अजय नदी के किनारे हजारों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई तथा पास के मंदिरों में पूजा की.
नारायणकुड़ी स्थित लगभग 300 वर्ष पुराने मथुराचंडी मंदिर प्रांगण में तीनदिवसीय मकर सक्रांति मेला की शुरूआत पूजा एवं सामूहिक खिचड़ी भोग से शुरू हुई.
मां मथुरा चंडी पीडी स्थान कमेटी ने मां मथुरा चंडी की पूजा आयोजित की. मेला भी लगाया गया. बाउल संगीत, कवि गान, भजन-कीर्तन आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. सचिव भूतनाथ मंडल, परेश मंडल, उत्पल घोष, गौतम चौधरी, अरविंद सिंघानिया आदि सक्रिय थे.
मकर संक्रांति पर व्यवसायी समिति की नर नारायण सेवा
रानीगंज : मकर संक्रांति पर रानीगंज बड़ाबाजार व्यवसायी समिति ने लोगों को पूड़ी-सब्जी तथा खीर खिलाई. समिति के जगन्नाथ पाल, समाजसेवी आलोक बोस, मनसा पाल, बाबू पाल, निर्वाण नंदी, विकाश केडिया आदि ने बताया कि पिछले 30 वर्षों से यह परंपरा चल रही है.
इससे पुण्य की प्राप्ति होती है. एनएसबी रोड स्थित शनि मंदिर के पास श्री इच्छा पूर्ति हनुमान मंडली के सदस्यों ने राहगिरों में पूड़ी-खीर का वितरण किया.
मकर संक्रांति पर एकतेश्वर मंदिर परिसर में लगा मेला
बांकुड़ा. 300 वर्ष पुराने एकतेश्वर शिव मंदिर परिसर में मकर संक्रांति पर मेला लगा. द्वारकेश्वर नदी में स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं ने मंदिर में पूजा-अर्चना की. नदी के किनारे बैठकर पीठा से लेकर मुड़ी तक का आनंद उठाया. जंगलमहल इलाके में टुसु उत्सव भी धूमधाम से मना.
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