कॉलेज, यूनिवर्सिटी शिक्षक नहीं ले पायेंगे ज्यादा छुट्टी

आसनसोल : राज्य के कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अब शिक्षकों के अवकाश पर भी निगरानी की जी रही है. सरकारी कर्मचारी होने के नाते वे अपनी मर्जी से अवकाश नहीं ले सकते हैं. यूजीसी द्वारा जारी एक गाइडलाइन में यह कहा गया है कि कॉलेजों में प्रत्येक सप्ताह शिक्षकों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 4, 2019 4:15 AM
आसनसोल : राज्य के कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अब शिक्षकों के अवकाश पर भी निगरानी की जी रही है. सरकारी कर्मचारी होने के नाते वे अपनी मर्जी से अवकाश नहीं ले सकते हैं. यूजीसी द्वारा जारी एक गाइडलाइन में यह कहा गया है कि कॉलेजों में प्रत्येक सप्ताह शिक्षकों के पढ़ाने के घंटे तय किये जायें.
कोई भी सरकारी शिक्षक अपने काम या दायित्व से पीछे नहीं हट सकते हैं. शिक्षकों ने एक मास में कितनी कक्षाएं लीं, उनके अध्यापन का एक रिकाॅर्ड तैयार किया जा रहा है. कॉलेज व विश्वविद्यालयों में शिक्षक सीधे पढ़ाने के अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर के सेमिनार व अन्य प्रैक्टिकल कक्षाएं भी ले सकें, इसकी व्यवस्था करने के लिए कहा गया है.
शिक्षक अनुसंधान के कार्य में भी अपने प्रोजेक्ट समय पर तैयार करके भेजें, इसके लिए विशेष निर्देश दिये गये हैं. हाल ही में राज्य उच्च शिक्षा काउंसिल की बैठक में सभी अधिकारियों व प्रिंसिपलों को यह हिदायत दी गयी है कि कॉलेजों में अब क्लास बंक करनेवालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
नियमित कक्षाओं व उपस्थिति के लिए जहां लगभग सभी कॉलेजों में बायोमेट्रिक प्रणाली स्थापित की गयी है, वहीं उनके पढ़ाने के घंटों का हिसाब रखा जायेगा. उच्च शिक्षा काउंसिल के एक सदस्य ने जानकारी दी कि संस्थानों में शिक्षा का स्तर उन्न्त करने के लिए सीआइ (कॉलेज इंस्पेक्टर) नियमित निरीक्षण करेंगे.
इसी के आधार पर उनके प्रमोशन का मूल्यांकन किया जायेगा. सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में अब फाकीबाजी का माैहाल खत्म करने के लिए कड़ाई बरती जा रही है. इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित की जा रही है. कामकाज पर निगरानी रखने से विद्यार्थियों के परफोरमेंस के साथ सेमेस्टर परीक्षाओं पर भी असर पड़ेगा.

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