हिंदी समझती है विश्व की 18 फीसदी आबादी
काजोड़ा, बंकोला, झांझरा क्षेत्र के कर्मियों की कार्यशाला आयोजित सांकतोड़िया : ईसीएल के काजोड़ा क्षेत्रीय प्रबंधन की पहल पर मंगलवार को हिंदी कार्यशाला आयोजित हुई. इसमें क्षेत्रीय महाप्रबंधक एनके साहा तथा क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक एनके सिंह उपस्थित थे. गौरतलब है कि इसमें काजोड़ा, बंकोला तथा झांझरा क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल हुए. क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक श्री […]
काजोड़ा, बंकोला, झांझरा क्षेत्र के कर्मियों की कार्यशाला आयोजित
सांकतोड़िया : ईसीएल के काजोड़ा क्षेत्रीय प्रबंधन की पहल पर मंगलवार को हिंदी कार्यशाला आयोजित हुई. इसमें क्षेत्रीय महाप्रबंधक एनके साहा तथा क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक एनके सिंह उपस्थित थे. गौरतलब है कि इसमें काजोड़ा, बंकोला तथा झांझरा क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल हुए. क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक श्री सिंह ने कहा कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को राजभाषा संबंधी संवैधानिक प्रावधानों से अवगत कराना तथा कंपनी की राजभाषा संबंधी गतिविधियों में उत्तरोत्तर प्रगति करना है.
महाप्रबंधक श्री साहा ने हिंदी को देश की सबसे बड़ी संपर्क भाषा बताते हुए कहा कि हिंदी ने स्वयं को विश्व भाषा की गुणात्मकता के साथ समृद्ध और सशक्त किया है. उन्होंने काजोड़ा क्षेत्र में चल रही राजभाषा संबंधी गतिविधियों की जानकारी दी तथा सभी से आग्रह किया कि उनमें और अधिक वृद्धि हेतु सतत प्रयास जारी रखें.
कंपनी के राजभाषा प्रभारी जीतन कुमार वर्मा ने हिंदी के वैश्विक स्वरूप पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि विश्व की 18 फीसदी आबादी हिंदी बोलती-समझती है. इसे जाननेवालों की संख्या 1300 मिलियन से भी अधिक है. तमाम पूर्वाग्रहों को छोड़कर इसकी महत्ता को स्वीकार करना चाहिए और इसे अपने दैनंदिन कार्यशैली में भी शामिल करना चाहिए. उन्होंने राजभाषा हिंदी की संवैधानिक स्थिति पर बात करते हुए इसके सैद्धांतिक और व्यावहारिक पहलुओं पर भी टिप्पणी की.
तीनों क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ संवाद-सत्र भी रखा गया जिसके दौरान प्रतिभागियों की भाषा संबंधी कई शंकाओं का निराकरण किया गया. संचालन क्षेत्रीय नोडल अधिकारी (राजभाषा) अभिषेक दूदवाल तथा धन्यवाद ज्ञापन कार्मिक प्रबंधक आशीष मोहन ने किया.