छोटी कंपनियों को गोद लें कॉरपोरेट कंपनियां

अतिरिक्त सचिव डॉ मधुकर गुप्ता ने इसकी अनिवार्यता पर डाला प्रकाश वक्ताओं ने कंपनी के टीम वर्क को बताया श्रेष्ठ, कहा- सीएसआर अनुकरणीय सांकतोड़िया : झालबगान स्थित डिसरगढ़ क्लब में शुक्रवार को कॉरपोरेट सोशल रेंसपांसबिलिटी पर इसीएल के सीएसआर विभाग ने सेमिनार आयोजित किया. उद्घाटन कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (डीपीई) डॉ मधुकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 20, 2019 1:53 AM

अतिरिक्त सचिव डॉ मधुकर गुप्ता ने इसकी अनिवार्यता पर डाला प्रकाश

वक्ताओं ने कंपनी के टीम वर्क को बताया श्रेष्ठ, कहा- सीएसआर अनुकरणीय
सांकतोड़िया : झालबगान स्थित डिसरगढ़ क्लब में शुक्रवार को कॉरपोरेट सोशल रेंसपांसबिलिटी पर इसीएल के सीएसआर विभाग ने सेमिनार आयोजित किया. उद्घाटन कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (डीपीई) डॉ मधुकर गुप्ता (आईएएस), टाटा संस के उपनिदेशक प्रो. (डॉ) इंदिरा चक्रवर्ती, उपनिदेशक (हैदराबाद) आर गोपालकृष्णन तथा प्रो. एस शिवाराजू ने किया.
कंपनी अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक प्रेमसागर मिश्रा, तकनीकी निदेशक (संचालन) सुनील कुमार झा, तकनीकी निदेशक (योजना व परियोजना) जयप्रकाश गुप्ता, वित्त निदेशक संजीव सोनी, कार्मिक निदेशक विनय रंजन, मुख्य विजिलेंस अधिकारी आरके अग्रवाल, महाप्रबंधक (सीएसआर एवं कल्याण) आरके श्रीवास्तव, उप महाप्रबंधक (सीएसआर) एके लाल, कार्मिक प्रबंधक विवेक कुमार सहित विभिन्न यूनियनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे. अतिरिक्त सचिव डॉ गुप्ता ने कहा की सीएसआर हर क्षेत्र में आवश्यक है. इस पर कई रिसर्च किये गये हैं एवं उसका निष्कर्ष यह निकल रहा है कि कॉरपोरेट कंपनियां छोटी-छोटी कंपनियों को गोद ले एवं उसे विकसित करें. सीएसआर को सामग्रिक व्यवसाय प्रबंधन अवधारणा और दान, प्रायोजन के रूप में परिभाषित कर सकते हैं.
निगमों को व्यवसायिक स्थितियों को बदलने और उसके अनुसार उनकी योजनाओं और नीतियों को बदलने के साथ संपर्क में रहना चाहिए. अपनी सफलता सुनिश्चित करने के लिए कर्मचारियों, ग्राहकों, निवेशकों, आपूर्तिकर्ताओं और जनता के साथ अच्छे और सौहार्दपूर्ण संबंध बनाये रखें . प्रो. शिवाराजू ने कहा कि सीएसआर का जीवन से काफी संबंध है. समाज का सतत विकास राष्ट्र के विकास को संभव बनाता है. इसीएल जिस तरह कोयला उत्पादन एवं संप्रेषण में पूरे कोल इंडिया में अग्रणी बनीं हुई है, उसी तरह सीएसआर में भीबनीं हुई है.
श्री गोपालकृष्ण ने कहा कि सीएसआर का सामान्य अर्थ है कि कंपनियां जो व्यवसाय कर मुनाफा कमाती है, उसका कुछ हिस्सा समाज व लोगों के विकास में खर्च करें. जिससे लोगों के आर्थिक विकास के साथ उनकी जीवनशैली में सुधार हो. प्रो. चक्रवर्ती ने कहा कि जिम्मेदार कॉरपोरेट पब्लिक सेक्टर के रूप में इसीएल बेहतर कार्य कर रही है.
सीएसआर में भी इसका प्रदर्शन अनुकरणीय है. समाज के टिकाऊ विकास के लिए प्रतिबद्ध है और जो समुदायों की सेवा करता है, उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है. कंपनी टीम बनाकर काम कर रहा है जिसके कारण कंपनी प्रगति कर रही है.

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