हिन्दी भाषी मतदाताओं पर टिकी सबकी नजर

•बर्दवान-दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र में हिन्दी भाषी मतदाता की तादाद अधिक •उम्मीदवारो की जीत हार तय करने मे इनका रहता है योगदान दुर्गापुर : बर्दवान दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र में 29 अप्रैल को मतदान होना है. मतदान का समय सन्निकट होने के कारण सभी दल अपनी पूरी ताकत लगाकर प्रचार कर रहे हैं. सियासी पारा पूरी तरह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2019 1:38 AM

•बर्दवान-दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र में हिन्दी भाषी मतदाता की तादाद अधिक

•उम्मीदवारो की जीत हार तय करने मे इनका रहता है योगदान
दुर्गापुर : बर्दवान दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र में 29 अप्रैल को मतदान होना है. मतदान का समय सन्निकट होने के कारण सभी दल अपनी पूरी ताकत लगाकर प्रचार कर रहे हैं. सियासी पारा पूरी तरह से चढ़ा हुआ है. सभी पार्टियों के लिए एक-एक वोट कीमती है. बर्दवान-दुर्गापुर लोक्सभा क्षेत्र मे हिन्दी भाषी मतदाताओ की संख्या अधिक होने के कारण सभी की नजर इस वोट बैंक पर अधिक दिख रही है. दुर्गापुर सहित पानागढ़, काकसा, बुद्बुद जैसे इलाके हिन्दी बहुल है. इन इलाकों में हिंदी भाषी फैक्टर किसी भी चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं.
उम्मीदवारों की जीत हार तय करने में इन्हें नकारा नहीं जा सकता है. तृंका हो या भाजपा सभी दल हिन्दी भाषी वोटरों को अपने पक्ष में करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते है. तृणमूल के उम्मीदवार ने गुरुद्वारा जाकर माथा टेका, पंजाबी समुदाय से वोट देने की अपील की. वहीं लक्ष्मी नारायण मंदिर जाकर मारवाड़ी समुदाय से मिलकर अपने पक्ष मे वोट देने को अपील की. वही भाजपा की ओर से से भी गुरद्वारे जाकर मतदान के लिए अपील की गई.
हिंदी मतदाताओं को ही ध्यान में रखकर तृणमूल और भाजपा दोनों पार्टियों ने रामनवमी का उत्सव धूमधाम से मनाया. इस सीट से भाजपा ने हिन्दी भाषी एसएस आहुलवालिया को उतार कर तृंका की मुश्किल बढ़ा दी है. इससे पहले चुनाव में हिन्दी भाषियों का अच्छा खासा वोट तृंका के खाते में गया था. इससे तृकां को जीत में काफी बढ़त मिली थी. इस बार भाजपा ने हिन्दी भाषी उम्मीदवार उतारे जाने से तृंका खेमे मे बेचैनी देखी जा रही है.

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