मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम के चुनावी खर्च पर उठाया सवाल

हल्दिया : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रचार के खर्च को लेकर सवाल उठाया है. मुख्यमंत्री ने इस संबंध में चुनाव आयोग से निष्पक्ष जांच की मांग की है. कांथी लोकसभा सीट से तृणमूल उम्मीदवार शिशिर अधिकारी के लिए हेड़िया में और तमलुक लोकसभा सीट के तृणमूल प्रत्याशी दिव्येंदू अधिकारी के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2019 6:40 AM

हल्दिया : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रचार के खर्च को लेकर सवाल उठाया है. मुख्यमंत्री ने इस संबंध में चुनाव आयोग से निष्पक्ष जांच की मांग की है. कांथी लोकसभा सीट से तृणमूल उम्मीदवार शिशिर अधिकारी के लिए हेड़िया में और तमलुक लोकसभा सीट के तृणमूल प्रत्याशी दिव्येंदू अधिकारी के लिए तमलुक के कुमारगंज में मुख्यमंत्री ने सभाएं कीं.

कुमारगंज में अायोजित चुनावी सभा में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के प्रचार के खर्च पर सवाल उठाते हुए खर्च के पैसों के स्रोत के संबंध में भी प्रश्न किया. शुक्रवार को वाराणसी में प्रधानमंत्री के रोड शो में हुए खर्च पर संदेह प्रकट करते हुए उन्होंने जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री के नामांकन को रद्द करने की मांग की.

मुख्यमंत्री ने कहा कि करोड़ों रुपये खर्च करके प्रधानमंत्री कैसे सभा कर सकते हैं. इतने पैसे कहां से आ रहे हैं. सच्चाई के रास्ते पर चल कर कोई पार्टी इतना खर्च नहीं कर सकती. इस संबंध में चुनाव आयोग को कड़ी नजर रखने की जरूरत है. सभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में धर्मनिरपेक्ष सरकार के गठन के लिए बंगाल में तृणमूल को 42 में से 42 सीटों पर विजयी बनाने की जरूरत है.

हेड़िया की सभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मेदिनीपुर शहीदों का जिला है. इस जिले में मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालय, तीन सरकारी कॉलेज, कोलाघाट में पॉलीटेक्निक कॉलेज बनाया गया है. दीघा-नंदकुमार 116बी राष्ट्रीय राजमार्ग किया गया है. केलेघाई, कपालेश्वरी, बाबुई में 700 करोड़ रुपये खर्च करके बाढ़ नियंत्रण का काम किया गया है.

जिले में राज्य सरकार की ओर से काफी विकास किया गया है. दीघा को नये सिरे से सजाया गया है. हल्दिया उन्नयन परिषद 800 करोड़ रुपये की लागत से नये रूप में सामने आया है.शिक्षा में भी यह जिला काफी आगे है. मुख्यमंत्री ने कहा कि माकपा ने अपने झंडे को भाजपा को बेच दिया है. भाजपा की सभा में दिल्ली व मुंबई की एजेंसियां आकर काम कर रही हैं. इतने पैसे कहां से आ रहे हैं?

नोटबंदी की वजह से देश को काफी धक्का लगा. तृणमूल कभी भी धर्म को लेकर राजनीति नहीं करती है. बंगाल में नरेंद्र मोदी फासीवादी तरीके से सरकार गिराने की कोशिश कर रहे हैं. भाजपा का कोई आदर्श नहीं है. प्रधानमंत्री उकसावे वाला भाषण दे रहे हैं.देश में बंगाल ही अपनी बात रखेगा. धर्म को लेकर राजनीति उचित नहीं. राज्य सरकार ने स्वास्थ्य बीमा, स्वास्थ्य साथी, कृषक बंधु योजनाएं शुरू की हैं. बंगाल में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिलेगी.

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