ट्रेनों, स्टेशनों पर बिकेगा सिर्फ रेल नीर
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अन्य कंपनियों के करोड़ों रुपये मूल्य के खेल पर लगेगी रोक
इसके क्रियान्वयन का दायित्व मिला रेलवे कॉमर्शियल विभाग को
आसनसोल : सभी रेलवे स्टेशनों पर करोड़ों रुपये मूल्य के बोतलबंद पानी का खेल अब रुक जायेगा. अब दूसरी कंपनी या लोकल कंपनी का बोतलबंद पानी स्टेशनों तथा ट्रेनों में नहीं बिकेगा. इसके लिए रेलवे बोर्ड ने सर्कुलर जारी किया है.
इसमें कहा है कि स्टेशनों तथा ट्रेन में केवल रेल नीर ही यात्रियों को उपलब्ध कराया जाये. रेलवे के कमर्शियल विभाग को इसे सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.
पीक सीजन हो या आम दिन, बिके सिर्फ रेल नीर
30 अप्रैल को रेलवे बोर्ड ने सर्कुलर जारी कर कहा है कि अब सभी स्टेशनों पर केवल रेल नीर की बिक्री सुनिश्चित करायी जाये. पैंट्री कार वाली ट्रेनों और अन्य मेल तथा एक्सप्रेस ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को केवल रेल नीर दिया जाये. इसके पहले रेलवे बोर्ड ने चार अप्रैल, 2018 को रेल नीर बिक्री को लेकर सर्कुलर जारी किया था. इसमें सभी राजधानी, दुरंत, मेल एक्सप्रेस तथा बड़े स्टेशनों पर रेल नीर बेचने का आदेश जारी किया गया था. कहा गया था कि यदि रेल नीर उपलब्ध न हो पा रहा हो तो रेलवे से मंजूर अन्य ब्रांडेड कंपनियों के पानी के बोतल बेच सकते हैं. लेकिन इस आदेश के बाद अब स्टेशन तथा ट्रेनों में सिर्फ रेल नीर ही उपलब्ध होगा.
मुनाफा का होता था पूरा खेल
रेलवे स्टेशनों तथा चलंत ट्रेनों में पानी बोतल पर मुनाफे का खेल वर्षों से चलता आ रहा है. स्टेशन का स्टॉल हो या चलती ट्रेन, रेल नीर की जगह यात्रियों को अन्य लोकल कंपनियों का पानी लेना पड़ता था. पैंट्रीकार के ठेकेदार भी अन्य कंपनियों का पानी उपलब्ध कराते थे. रेल नीर पूरे भारतीय रेल में 15 रुपये प्रति लीटर बोतल की दर से यात्रियों को उपलब्ध कराया जाता है.
रेल नीर पैंट्रीकार या स्टॉल को लगभग 11 रुपये में दिया जाता है और उन्हें चार रुपये की बचत होती थी, लेकिन इसके उलट लोकल पैकेज्ड वाटर की बोतल सिर्फ पांच-छह रुपये में आती है और इसे बेचने पर नौ या 10 रुपये का फायदा होता है. इसी मुनाफे की खातिर रेल नीर के बजाय लोकल पानी बेचकर यात्रियों को ठगा जाता है.
दंपती की ही होगी समान स्टेशन में पोस्टिंग
भारतीय रेल में काम करने वाले दंपती को ही अब समान स्टेशन पर काम करने का मौका मिलेगा. इससे पहले किसी भी भारतीय सेवा में कार्यरत पति या पत्नी को रेलवे में कार्यरत पति या पत्नी के स्टेशन में पोस्टिंग हो जाती थी. लेकिन अब नियमों में बदलाव किये गये है. इसके अनुसार रेलवे से बाहर किसी भारतीय सेवा के कर्मचारी को इसका लाभ रेलवे नहीं देगी. इस संबंध में रेलवे बोर्ड ने सभी जोन तथा डिवीजन को पत्र जारी किया है.
रेलवे बोर्ड ने अपने पत्र के माध्यम से बताया कि ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन ने भारतीय सेवा से जुड़ी दुविधा को दूर करने की मांग की थी. उसके बाद रेलवे बोर्ड ने पुराने सभी आदेश का अवलोकन करने के बाद भारतीय सेवा में कार्यरत कर्मचारियों के पूरा वाक्य को हटा दिया और नया आदेश जारी किया. उसमें बताया कि सिर्फ रेलवे में काम करने वाले दंपती कर्मचारियों को ही एक स्टेशन पर तैनात किया जायेगा.