बहुरंगी भारत उतर आया शहर के सड़क पर

आसनसोल : पर्यावरण जागरूकता, जल संरक्षण, पौधारोपण को बढ़ावा देने और ग्लोबल वार्मिंग के संदेश के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से एनएसएस के क्षेत्रीय निदेशालय (कोलकाता) ने बीबी कॉलेज परिसर में आयोजित राष्ट्रीय एकीकरण शिविर के तहत रविवार को कॉलेज परिसर से पदयात्रा निकाली. कॉलेज के सभागार में सांस्कृतिक समारोह, हस्तकला से निर्मित सामानों की बिक्री, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2019 5:38 AM

आसनसोल : पर्यावरण जागरूकता, जल संरक्षण, पौधारोपण को बढ़ावा देने और ग्लोबल वार्मिंग के संदेश के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से एनएसएस के क्षेत्रीय निदेशालय (कोलकाता) ने बीबी कॉलेज परिसर में आयोजित राष्ट्रीय एकीकरण शिविर के तहत रविवार को कॉलेज परिसर से पदयात्रा निकाली.

कॉलेज के सभागार में सांस्कृतिक समारोह, हस्तकला से निर्मित सामानों की बिक्री, व्यक्तित्व विकास, स्वास्थ्य शिक्षा, नेहरू युवा केंद्र संगठन और एनएसएस के आपसी संयोजन के विषय पर संगोष्ठियों का आयोजन किया गया. संगोष्ठी में एनआइटी (दुर्गापुर) के संयोजक डॉ श्रीनिवासन रॉय ने व्यक्तित्व निर्माण, नेहरू युवा कल्याण संगठन के राज्य निदेशक नवीन नायक ने राष्ट्र निर्माण में एनवाईकेएस की भूमिका और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के डॉ किंग्शूक कर्मकार ने स्वास्थ्य शिक्षा की अनिवार्यता विषय पर अपने व्याख्यान रखे.
रविवार की सुबह कॉलेज परिसर से आश्रम मोड़ तक आयोजित पदयात्रा में देश के 120 राज्यों से शामिल एनएसएस प्रतिभागियों ने पर्यावरण एवं जल संरक्षण, पौधारोपण के महत्व को दर्शाते पोस्टरों एवं बैनरों के साथ हिस्सा लिया. विभिन्न राज्यों के एनएसएस प्रतिभागी बिहार, बंगाल, झारखंड, पंजाब, असम, ओडिशा, हरीयाणा, छत्तीसगढ़, मिजोरम, मणिपुर के प्रतिभागी अपने पारंपरिक परिधान वेशभूषा और वाद्ययंत्रों के साथ पदयात्रा में शामिल हुए.
कॉलेज सभागार में आयोजित संगोष्ठी में एनआइटी (दुर्गापुर) के संयोजक डॉ श्रीनिवासन रॉय ने स्टूडेंटस को अध्ययन के साथ व्यक्तित्व निर्माण को कैरियर बनाने में सहायक बताया. उन्होंने स्पष्ट किया कि भीड़ के बीच एक व्यक्ति की अपनी अलग पहचान तभी बन पाती है जब वह अपने आप को भीड़ से अलग स्थापित करता है. इसके लिए उसे भीड़ से अलग हटकर काम कर अपनी पहचान बनानी पडती है.
नेहरू युवा कल्याण संगठन के राज्य निदेशक नवीन नायक ने देश के नव निर्माण में युवाओं की भूमिका, एनवाईकेएस और एनएसएस की पारस्परिक सहयोगिता से युवाओं में हो सकने वाले चारित्रिक और नैतिक बदलाव, चरित्र निर्माण और राष्ट्र निर्माण के लक्ष्य को प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि अति विकसित देशों- अमेरिका, कनाडा, स्पैन, फ्रांस, जर्मनी के युवा विकास और जीवन में कुछ कर गुजरने को लेकर तनाव लेते हैँ परंतु भारत में युवा बैठे- बिठाये तनाव ग्रस्त रहते हैँ.
आरजी कर मेडिकल कॉलेज के डॉ किंग्शूक कर्मकार ने युवा बहुल राष्ट्र बताते हुए स्वास्थ्य शिक्षा को सभी के लिए जरूरी बताया. स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है. इसलिए सभी को अपने प्रयासों से स्वस्थ रहने और अपने स्वास्थ्य की चिंता करनी चाहिए.
संचालन बीबी कॉलेज के एनएसएस विभाग के संयोजक डॉ अनिमेष मंडल तथा डॉ सोमा मंडल ने किया. रानीगंज गर्ल्स कॉलेज के डॉ तुषारकांति बनर्जी, बांकुडा यूनिवर्सिटी के एनएसएस सलाहकार समिति के सदस्य डॉ संजय मुखर्जी, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय (रायपुर) के आरके साव आदि उपस्थित थे.

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