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12 को समाप्त होंगी स्नातक स्तर की परीक्षाएं, 31 तक निकलेगा रिजल्ट

परीक्षा कॉपियों की जांच के लिए डिजिटल मूल्यांकन पद्धति को मिला बढ़ावा आसनसोल : निर्धारित समय पर परीक्षा परिणामों को जारी करने और समय से परीक्षा प्रमाण पत्र निर्गत करने के उद्देश्य से काजी नजरूल यूzवर्सिटी (केएनयू) में परीक्षा कॉपियों की जांच के लिए डिजिटल मूल्यांकन पद्धति को बढ़ावा दिया जायेगा. स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर […]

परीक्षा कॉपियों की जांच के लिए डिजिटल मूल्यांकन पद्धति को मिला बढ़ावा

आसनसोल : निर्धारित समय पर परीक्षा परिणामों को जारी करने और समय से परीक्षा प्रमाण पत्र निर्गत करने के उद्देश्य से काजी नजरूल यूzवर्सिटी (केएनयू) में परीक्षा कॉपियों की जांच के लिए डिजिटल मूल्यांकन पद्धति को बढ़ावा दिया जायेगा. स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर की सभी परीक्षा कॉपियां डिजिट मूल्यांकन के तहत जांची जायेंगी.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इससे मैनुअल पद्धति में परीक्षा कॉपियों की जांच में लगने वाले समय से काफी कम समय में कॉपियों की जांच हो सकेगी. परीक्षा परिणामों का प्रकाशन भी समय से हो सकेगा. डिजिटलाइज्ड पद्धति के तहत कॉपियों की जांच के लिए केएनयू के प्रशासनिक भवन में ढांचागत व्यवस्था के तहत 80 अत्याधुनिक कंप्यूटरों के साथ दो डिजिटल कंप्यूटर लैब बनाये गये हैँ. सभी कंप्यूटरों को अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर और प्रोग्राम से लैस किया गया है.
ज्ञात हो कि केएनयू के अधीन संचालित कॉलेजों में बीए, बीएससी, बीकॉम प्रोग्राम पाठयक्रम की परीक्षाएं चल रही हैँ. प्रोग्राम परीक्षाएं 12 जुलाई तक समाप्त होनी है और परीक्षा परिणाम 31 जुलाई से पहले प्रकाशित करने हैँ. केएनयू प्रबंधन परीक्षा कॉपियों को तेजी से जांच कर समय से परीक्षा परिणाम प्रकाशित करने के उद्देश्य से डिजिटल मूल्यांकन को बढ़ावा दे रहा है. इसके लिए तेज गति से कॉपियों की जांच अनिवार्य है.
यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ साधन चक्रवर्ती ने कहा कि केएनयू को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की यूनिवर्सिटियों में प्रचलित अत्याधुनिक पद्धति के समानांतर स्थापित करने के प्रयास के तहत सभी आधुनिक पद्धतियों को यूनिवर्सिटी में लागू किया जायेगा. राज्य में सबसे पहले केएनयू में सीबीसीएस पद्धति लागू करने और डिजिटलाईजेशन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि डिजिटलाईज्ड पद्धति को लागू करने से यूनिवर्सिटी की कार्य प्रणाली में गति आयी है.
परंतु डिजिटलाइजेशन को पूरी तरह लागू करने और अपेक्षित परिणाम मिलने में अभी और समय लगने की संभावना है. डिजिटल मूल्यांकन के तहत पहले परीक्षा कॉपियों के प्रत्येक पन्ने को कंप्यूटर स्कैनर के जरीये स्कैन कर ई-फाइल में परिणत कर लिया जायेगा. हर स्टूडेंटस के नाम और रोल नंबर के आधार पर प्रत्येक स्टूडेंटस के स्कैन्ड फाइल का अलग नाम रखा जायेगा. ई-फाइलों को कंप्यूटरों में अपलोड कर जांच की अनुसूची जांचकर्ता को आवंटित कर दी जायेगी.
उन्होंने कहा कि डिजिटल मूल्यांकन के प्रक्रिया से परीक्षा कॉपियां हमेशा के लिए यूनिवर्सिटी के पास संरक्षित रहेंगी. स्टूडेंटस द्वारा रिव्यू की मांग किये जाने पर स्टूडेंट को कंप्यूटर स्क्रिन पर ही परीक्षा कॉपियां दिखा दी जायेंगी. इससे जांच कार्य में पारदर्शिता के साथ परीक्षा कॉपियों की जांच में लगने वाले समय की बचत होगी.

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