रूपनारायणपुर : आज से नदी घाटों पर बालू खनन का कार्य बंद होगा

रूपनारायणपुर : जिलाधिकारी शशांक सेठी ने आठ जुलाई से अगले आदेश तक जिले के नदी घाटों से बालू खनन के कार्य को बंद करने का आदेश जारी किया. श्री सेठी ने इस संबंध में जारी आदेश की प्रति पुलिस आयुक्त, अतिरिक्त जिलाधिकारी (एलआर), दुर्गापुर और आसनसोल सदर के महकमा शासक, जिला के मुख्य खनन अधिकरी, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 8, 2019 2:24 AM

रूपनारायणपुर : जिलाधिकारी शशांक सेठी ने आठ जुलाई से अगले आदेश तक जिले के नदी घाटों से बालू खनन के कार्य को बंद करने का आदेश जारी किया. श्री सेठी ने इस संबंध में जारी आदेश की प्रति पुलिस आयुक्त, अतिरिक्त जिलाधिकारी (एलआर), दुर्गापुर और आसनसोल सदर के महकमा शासक, जिला के मुख्य खनन अधिकरी, दोनों महकमा के एसडीएल एंड एलआरओ, सभी आठ प्रखंड के बीडीओ, बीएल एंड एलआरओ को भेज दिया. श्री सेठी ने प्रशासनिक अधिकारियों को कड़ाई से इस आदेश का पालन करने की हिदायत दी.

सनद रहे कि जिला में दामोदर और अजय नदी में कुल 65 घाटों की नीलामी जिला प्रशासन ने बालू खनन के लिए किया है. इन सभी घाटों पर आठ जुलाई से खनन की प्रक्रिया बन्द करने का आदेश जिलाधिकारी ने जारी किया.
आदेश में उन्होंने बताया कि केंद्रीय एनवायरमेंट, फॉरेस्ट और क्लाइमेट चेंज मंत्रालय के सब्स्टनेबल सैंड माइनिंग मैनेजमेंट की गाइडलाइन तथा जिला एनवायरमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी (डीईआईएए) द्वारा जारी एनवायरमेंट क्लीयरेंस सर्टिफिकेट के शर्तों के आधार पर आठ जुलाई से नदी घाटों पर बालू खनन के कार्य को अगले आदेश तक बंद किया जा रहा है.
सूत्रों के अनुसार जिलाधिकारी ने सभी प्रखंड के बीडीओ और बीएल एंड एलआरओ को हिदायत दी है कि आठ जुलाई के बाद से किसी के क्षेत्र में यदि नदी घाट में बालू खनन का मामला प्रकाश में आयेगा तो उस क्षेत्र के संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
जिलाधिकारी ने इसके लिए निगरानी कमेटी का गठन किया है. कमेटी नियमित रूप से विभिन्न इलाकों में इसकी जांच करेगी. इससे पूर्व बालू के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के तहत जिलाधिकारी खुद छापामारी अभियान को नियमित अंजाम देते रहे हैं. जिलाधिकारी कहां जायेंगे, इसकी पूर्व सूचना किसी भी अधिकारी नहीं होती है.
छापेमारी के बाद उस इलाके के अधिकारी को सूचना दी जाती है. जिलाधिकारी के इस अभियान को लेकर बालू तस्कर के साथ प्रशासनिक अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है. अब आठ जुलाई के बाद से घाटों पर बालू खनन बंद करने के आदेश पर अधिकारियों की परेशानी और भी बढ़ जायेगी.

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