सांसद सौमित्र को नहीं मिली कोर्ट से जमानत

कलकत्ता हाइकोर्ट की निर्धारित अवधि के भीतर नहीं हुए उपस्थित सेकेंड जूडिसियल मजिस्ट्रेट ने खारिज किया आवेदन, जायेंगे हाइकोर्ट बांकुड़ा : कलकत्ता हाइकोर्ट के स्थगन की तिथि समाप्त होने के बाद विष्णुपुर के भाजपा सांसद सौमित्र खां जमानत अर्जी विष्णुपुर महकमा अदालत ने ख़ारिज कर दी. सोमवार को अदालत में आकर श्री खां ने जमानत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 23, 2019 2:04 AM

कलकत्ता हाइकोर्ट की निर्धारित अवधि के भीतर नहीं हुए उपस्थित

सेकेंड जूडिसियल मजिस्ट्रेट ने खारिज किया आवेदन, जायेंगे हाइकोर्ट
बांकुड़ा : कलकत्ता हाइकोर्ट के स्थगन की तिथि समाप्त होने के बाद विष्णुपुर के भाजपा सांसद सौमित्र खां जमानत अर्जी विष्णुपुर महकमा अदालत ने ख़ारिज कर दी. सोमवार को अदालत में आकर श्री खां ने जमानत के लिए आवेदन किया. सेकेंड जुडिशियल मजिस्ट्रेट सौरभ हाजरा ने जमानत अर्जी खारिज कर दी.
सांसद श्री खां ने कहा कि बिष्णुपुर महकमा अदालत में दो मामलों में जमानत के लिए आवेदन किया गया था. किंतु निश्चित समय के भीतर नही आ सकने के चलते जमानत अर्जी मंजूर नहीं हो सकी. उनके अधिवक्ताओं ने बताया कि न्यायाधीश के अनुसार चार सप्ताह के भीतर अदालत में उपस्थिति दर्ज कराने का जो निर्देश हाईकोर्ट द्वारा दिया गया था, उसकी अवमानना हुई है. समय सीमा बढ़ाकर लाने की बात कही गई है. जिसके कारण श्री खां लौट गये. आगामी 24 जुलाई को हाईकोर्ट में अन्य एक मामले के तहत हाजिरी देने की तिथि है. उस दिन हाईकोर्ट में अपील की जायेगी. उसके बाद दोबारा बिष्णुपुर महकमा अदालत में आकर उपस्थिति दर्ज कराई जायेगी.
सनद रहे कि भाजपा सांसद के खिलाफ जिले के एक से अधिक थानों में नौकरी देने के नाम पर आर्थिक लेन-देन का मामला दर्झ है. इसके साथ ही अवैध अस्त्र रखना, नदी से बालू चोरी का मामला भी दर्ज है. प्रभावशाली होने के कारण श्री खां के बांकुड़ा जिले में प्रवेश पर रोक लगाई है, ताकि इन मामलों की जांच प्रभावित न हो. पात्रसायर थाना में नदी से बालू चोरी तथा बिष्णुपुर थाना में अवैध हथियार रखने के मामले में विगत तीन अप्रैल को हाईकोर्ट के द्वारा चार सप्ताह के भीतर निचली अदालत में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया था.
इस दौरान वकीलों की हड़ताल, ग्रीष्मकाल अवकाश तथा इसी बीच लोकसभा चुंनाव में जीत दर्ज किए जाने के बाद संसद में व्यस्त रहने के चलते उपास्थिति दर्ज नही कराई जा सकी. सोमवार को बिष्णुपुर महकमा अदालत में आत्मसमर्पण करके जमानत हेतु आवेदन जमा करने आये. किन्तु हाई कोर्ट के द्वारा दी गई निर्धारित समय सीमा निकल जाने के चलते न्यायाधीश ने उसे मंजूर नहीं किया.

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