बंगाल में संघ की शाखाएं बढ़ायें: मोहन भागवत

कोलकाता : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बंगाल में संघ की शाखाएं बढ़ाने और हिंदू संगठनों को मजबूत करने पर जोर दिया. गुरुवार को श्री भागवत झारखंड के सिमडेगा से कोलकाता पहुंचें. श्री भागवत गुरुवार को दिन भर के‍शव भवन में रहे और संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. बंगाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 2, 2019 5:56 AM

कोलकाता : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बंगाल में संघ की शाखाएं बढ़ाने और हिंदू संगठनों को मजबूत करने पर जोर दिया. गुरुवार को श्री भागवत झारखंड के सिमडेगा से कोलकाता पहुंचें. श्री भागवत गुरुवार को दिन भर के‍शव भवन में रहे और संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक की.

बंगाल में आरएसएस के प्रचार-प्रसार और शाखाओं की बढ़ाने को लेकर विचार-विमर्श किया. उसके बाद शाम को वह गुवाहाटी के लिए रवाना हो गये. उल्लेखनीय है कि दक्षिण बंगाल में आरएसएस की कुल 2200 शाखाएं हैं. पिछले वर्ष दक्षिण बंगाल में 1600 शाखाएं थीं.
इस वर्ष 800 शाखाओं की संख्या में इजाफा हुआ है, लेकिन सं‍घ प्रमुख ने बंगाल में शाखाओं की संख्या में और तेजी से वृद्धि करने का मंत्र दिया है. दक्षिण बंगाल में आरएसएस की 2300 मंडल हैं. 2021 के विधानसभा चुनाव के पहले प्रत्येक मंडल में दो शाखाएं, साप्ताहिक बैठक ‘मिलन’ तथा ‘मंडली’ मासिक बैठक खोलने का लक्ष्य रखा गया है.
श्री भागवत ने पदाधिकारियों से हिंदू संगठनों को मजबूत करने पर जोर देते हुए कहा : हिंदू समाज धर्म का आचरण कर समाज निर्माण कर सकता है. सनातन धर्म में करुणा, शील और आचरण का बड़ा महत्व है. इसका हमें पालन करना चाहिए. समाज में वह शक्ति है कि वह कुछ भी अच्छा काम कर सकता है.‘हमें हर वर्ग में अपने संबंध इस तरह बनाने हैं.
लोगों के घरों पर जाकर उनके साथ भोजन करें. उनके दुख दर्द में शामिल हों. समाज में जो भी कुरीतियां हैं उन्हें दूर किया जाये. आरएसएस के सूत्रों के अनुसार, यूं तो देश भर में संघ को और भी मजबूत बनाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन संघ इस समय उन राज्यों पर ज्यादा जोर दे रहा है, जहां शाखाओं की संख्या कम है. ऐसे राज्यों में संघ ने शाखाएं बढ़ाने का फैसला लिया है.
इनमें पश्चिम बंगाल और केरल के साथ पूर्वोत्तर के सभी राज्यों – अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, मेघालय और मिजोरम आदि शामिल हैं. विशेष तौर पर इन राज्यों में स्कूली स्तर से ही बच्चों में संघ की विचारधारा पैदा करने के लिए वहां नये स्कूल भी खोले जायेंगे. आदिवासी क्षेत्रों में चलाये जा रहे एकल विद्यालयों की संख्या में वृद्धि की जायेगी. इन स्कूलों को आरएसएस विचारधारा से प्रभावित गैर सरकारी संगठन वनबंधु परिषद चलाती है.

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