केंद्रीय कोयला मंत्री की बैठक में नहीं शामिल हुए यूनियन नेता, हड़ताल तय
हड़ताल को लेकर दो गुटों में बंटे यूनियन के नेता सांकतोड़िया : कोयला उद्योग में एफडीआइ के खिलाफ प्रस्तावित हड़ताल को टालने के लिए केंद्रीय कोयला मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कोई भी श्रमिक संघ शामिल नहीं हुआ. सीआइएल एवं कोयला मंत्रालय अब नये सिरे से वार्ता के लिए पहल करने में जुट […]
हड़ताल को लेकर दो गुटों में बंटे यूनियन के नेता
सांकतोड़िया : कोयला उद्योग में एफडीआइ के खिलाफ प्रस्तावित हड़ताल को टालने के लिए केंद्रीय कोयला मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कोई भी श्रमिक संघ शामिल नहीं हुआ. सीआइएल एवं कोयला मंत्रालय अब नये सिरे से वार्ता के लिए पहल करने में जुट गये हैं. श्रमिक नेताओं के बयान से कर्मियों के बीच भ्रम की स्थिति बनती जा रही है.
इधर श्रम संघ प्रतिनिधियों ने बैठक कर आंदोलन की रूपरेखा बनानी शुरू कर दी है. एफडीआइ के खिलाफ प्रस्तावित एक दिवसीय हड़ताल को लेकर श्रमिक संघ दो गुट में बंट गये हैं. बीएमएस 23-27 तक पांच दिवसीय हड़ताल कर रही है तो दूसरी तरफ एटक, सीटू, एचएमएस व इंटक ने 24 को एक दिवसीय हड़ताल की चेतावनी दी है. इस हड़ताल को टालने के लिए कोयला मंत्रालय, सेंट्रल लेबर कमिश्नर व सीआइएल जुटे हुए है.
गुरुवार को केंद्रीय कोयला मंत्री की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गयी थी, जिसमें सभी पांच यूनियन को वार्ता के लिए बुलाया गया था लेकिन कोई शामिल नहीं हुआ. पहले इस बैठक में शामिल होने की घोषणा वरिष्ठ नेताओं समेत श्रमिक नेताओं ने की थी लेकिन बाद में अचानक बैठक में शामिल नहीं होने की घोषणा कर दी. अब वे लेबर कमिश्नर की बैठक में भी शामिल नहीं होंगे. केंद्रीय नेताओं के इस तरह बयान बदलने से मजदूरों में भ्रम की स्थिति है.
कर्मियों का कहना है कि श्रमिक नेताओं का विरोधाभाषी बयान समझ से परे हो गया है. अलग-अलग हड़ताल होने से पहले ही संशय की स्थिति है.
सामने दुर्गापूजा है और हड़ताल की वजह से कहीं कर्मियों की बोनस न अटक जाय. इधर स्थानीय स्तर पर श्रमिक संघ प्रतिनिधि हड़ताल की रूपरेखा बनाने जुट गये हैं. इधर इसीएल में चारों केंद्रीय श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक हुई जिसमें क्षेत्रीय स्तर पर हड़ताल के समर्थन में कोयला मजदूर कांग्रेस,वेस्ट बंगाल खान मजदूर संघ (यूटीयूसी)टीयूसीसी ने भी अपना नैतिक समर्थन दिया है.
एचएमएस नेता शिवकांत पांडेय ने कहा कि इसीएल समेत कोल मंत्रालय की नजर मेगा प्रोजेक्ट राजमहल व सोनपुर बाजारी पर रहेगी. इस क्षेत्र के श्रमिक नेताओं की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ गयी है, इसलिए हड़ताल को शत प्रतिशत सफल बनाना बेहद जरूरी हो गया है. दूसरी तरफ भारतीय मजदूर संघ ने एफडीआई को लेकर अपने बलबूते पर कोयला उद्योग में पांच दिवसीय हड़ताल की नोटिस केंद्र सरकार को दे दी है.
बीएमएस ने 23-27 सितंबर तक हड़ताल करने की तैयारी में जुटी हुई है. खान श्रमिक कांग्रेस बीएमएस के महामंत्री धनंजय पांडेय ने कहा कि श्रमिक व उद्योग जगत पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. अर्थव्यवस्था मंदी से गुजर रही है. कोयला उद्योग में ठेका पद्धति से काम कराया जा रहा है.