प्रसव से लेकर संतान उपेक्षा तक दिखेगा बांकुड़ा पूजा पंडाल में
इंदारागोड़ा हरेश्वर मेला दुर्गापूजा कमेटी ने थीम बनाया मां-बेटे के संबंधों को उद्घाटन पंचमी को करेगी वृद्धाश्रम में रहनेवाली महिला, मरीजों में फल वितरण बांकुड़ा : बच्चे के जन्म से लेकर उसकी परवरिश तक मां अपनी ममता में सजोये रखती है. किन्तु उसी मां के वृद्ध हो जाने पर संतानों के द्वारा उसे उपेक्षित और […]
इंदारागोड़ा हरेश्वर मेला दुर्गापूजा कमेटी ने थीम बनाया मां-बेटे के संबंधों को
उद्घाटन पंचमी को करेगी वृद्धाश्रम में रहनेवाली महिला, मरीजों में फल वितरण
बांकुड़ा : बच्चे के जन्म से लेकर उसकी परवरिश तक मां अपनी ममता में सजोये रखती है. किन्तु उसी मां के वृद्ध हो जाने पर संतानों के द्वारा उसे उपेक्षित और प्रताड़ित किया जाता है. संतान उसे अपने घर या वृद्धाश्रम में छोड़ जाता है. संतान के लौट आने की प्रतीक्षा में वह अपने दिन गुजारती है. शहर के इंदारागोड़ा हरेश्वर मेला दुर्गापूजा कमेटी ने इसी थीम पर अपनी पूजा केंद्रित की है.
आकर्षण बढ़ाने के लिए विभिन्न पेशेवरों को लेकर ड्रेस की सजावट की गई है. आयोजक दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि बच्चे अपने कैरियर में विभिन्न पेशों से जुड़ जाते है. कोई डॉक्टर , कोई इंजीनियर, कोई पायलट तो कोई आर्मी और पुलिस में ऑफिसर बनता है. भागदौड़ भरी इस जिंदगी में अधिकतर घरों में बूढ़ी मां उपेक्षित हो जाती है. उसे देखनेवाला कोई नहीं रहता. बच्चे के जन्म स्थान आइसीयू तक को पंडाल में जीवंत किया गया है. गेट पर बूढ़ी मां अपने बेटे का इंतजार करती दिखती है. पंडाल निर्माता सरबेन्दू बेरा ने कहा कि विभिन्न रूपों में मां की ममता दिखाई गई है.
क्योंकि मां का ऋण कोई नहीं चुका सकता. जन्म से लेकर बड़े होने तक की अवधि को विभिन्न चरणों में दिखाया गया है. पंडाल निर्माण में कपड़ा, शर्ट, धोती, फाइबर आदि का उपयोग किया गया है. कमेटी सचिव रमेश मुरारका ने कहा कि पूजा पंडाल का थीम हर वर्ष अलग होता है,. उद्घाटन पंचमी को होगा. बृद्धाश्रम में रहनेवाली वृद्धा से उद्घाटन कराया जायेगा. बजट 12 लाख रुपये हैं. महालया के दिन दृष्टिहीनों के स्कूल तथा बांकुड़ा अस्पताल में फल वितरण किया जायेगा. सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे.पूजा के दौरान भीड़ नियंत्रित करने के लिए वोलेंटियरों तथा पुलिस व प्रशासन की मदद ली जायेगी. सरकार की विभिन्न योजनाओ को भी दिखा कर लोगो को जागरूक किया जायेगा.