जैक नेताओं ने किया दावा- सौ फीसदी सफल हड़ताल

कोयला श्रमिकों के आक्रोश को देखते हुए अपना निर्णय वापस ले केंद्र सरकार निर्णय वापसी न होने पर बेमियादी हड़ताल पर जाने की घोषणा की नेताओं ने आसनसोल : कोयला उद्योग में सौ फीसदी एफडीआई लागू करने के सरकार के निर्णय के खिलाफ मंगलवार को इसीएल में चार केंद्रीय यूनियनों ने अन्य यूनियनों की मदद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2019 1:46 AM

कोयला श्रमिकों के आक्रोश को देखते हुए अपना निर्णय वापस ले केंद्र सरकार

निर्णय वापसी न होने पर बेमियादी हड़ताल पर जाने की घोषणा की नेताओं ने
आसनसोल : कोयला उद्योग में सौ फीसदी एफडीआई लागू करने के सरकार के निर्णय के खिलाफ मंगलवार को इसीएल में चार केंद्रीय यूनियनों ने अन्य यूनियनों की मदद से मंगलवार को एकदिवसीय हड़ताल की. जबकि बाएमएस की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही. यूनियन नेताओं ने इस हड़ताल को पूरी तरह से सफल बताते हुए कहा कि यदि केंद्र सरकार ने कोयला श्रमिकों के आक्रोश को देखते हुए अपना निर्णय वापस नहीं लिया तो श्रमिक बेमियादी हड़ताल को जाने पर विवश होंगे. वहीं इसीएल प्रबंधन ने हड़ताल को आंशिक बताते हुए कहा कि इससे कंपनी के काम-काज पर कोई असर नहीं पड़ा.
बीएमएस की पांच दिवसीय हड़ताल सोमवार से शुरू हुई है. संघ से संबद्ध खान श्रमिक कांग्रेस के कर्मी मंगलवार को भी दूसरे दिन हड़ताल में शामिल हुए. जबकि एटक, एचएमएस, सीटू और इंटक ने मंगलवार को एकदिवसीय हड़ताल की. इन यूनियनों के नेताओं ने आसनसोल स्थित कोलियरी मजदूर सभा (एटक) मुख्यालय में बैठक की.
पूर्व सांसद सह कोलियरी मजदूर सभा के महासचिव आरसी सिंह, कोलियरी मजदूर कांग्रेस (एचएमएस) के महासचिव एसके पांडे, भारतीय कोलियरी मजदूर सभा (सीटू) के महासचिव विवेक चौधरी, कोलियरी मजदूर यूनियन (इंटक) के कार्यकारी अध्यक्ष आरपी शर्मा आदि उपस्थित थे.पूर्व सांसद श्री सिंह ने बताया कि बैठक में हड़ताल की समीक्षा की गई. आकलन के अनुसार इसीएल में हड़ताल सौ फीसदी सफल रही.
श्रमिकों ने स्वतःस्फूर्त इसमें शामिल होकर इसे सफल बनाया. उन्होंने श्रमिक, सभी यूनियन के नेता और कार्यकर्त्ताओं को इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया.एचएमएस नेता श्री पांडे ने कहा कि एफडीआई के माध्यम से श्रमिकों पर आने वाले खतरे को श्रमिकों ने समझ लिया है. जिसके कारण ही सरकार के खिलाफ श्रमिकों का यह आंदोलन ऐतिहासिक साबित हुआ. सरकार के इस निर्णय को लेकर श्रमिकों में जबदस्त आक्रोश है. जो मंगलवार को देखने को मिला.
प्रबंधन लाचार था. खदानों में श्रमिकों की उपस्थिति नगण्य थी. सरकार अभी भी नहीं चेती तो श्रमिक इससे भी बड़ी आंदोलन के लिए तैयार हैं.इसीएल के श्रमिकों के साथ साथ कंपनी में कार्य कर रही आउटसोर्सिंग कंपनी के श्रमिकों ने भी इस हड़ताल का पूर्ण रूप से समर्थन किया है.
पूर्व सांसद सह सीटू के जिला सचिव वंशगोपाल चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कोयला उद्योगों में सौ फीसदी एफडीआई लागू करने के खिलाफ मंगलवार को इसीएल में हड़ताल सौ फीसदी सफल रही. श्रमिकों ने स्वतःस्फूर्त इस हड़ताल का समर्थन किया और कार्य पर नहीं गए. इस हड़ताल की सफलता को लेकर फेडरेशन की बैठक में समीक्षा की जाएगी. श्रमिकों के इस आक्रोश को नजरअंदाज कर सरकार यदि अपने निर्णय पर कायम रहती है तो फेडरेशन इसपर पुनर्विचार करेगा और आगे की रणनीति तैयार करेगा.

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