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यूनियनें मांग रहीं 80 हजार प्रबंधन 60.5 हजार पर अड़ा

पिछले वर्ष के मुनाफे, एकदिवसीय हड़ताल की सफलता से यूनियन प्रतिनिधि उत्साहित कम से कम राशि पर सहमति बनाने के लिए प्रबंधन के स्तर से दिये जा रहे कई तर्क लंबी बैठक में हर कोई अपने पक्ष के समर्थन में पेश कर रहा दावे, सहमति की है आशा आसनसोल : एसइसीएल तथा कोल इंडिया के […]

पिछले वर्ष के मुनाफे, एकदिवसीय हड़ताल की सफलता से यूनियन प्रतिनिधि उत्साहित

कम से कम राशि पर सहमति बनाने के लिए प्रबंधन के स्तर से दिये जा रहे कई तर्क
लंबी बैठक में हर कोई अपने पक्ष के समर्थन में पेश कर रहा दावे, सहमति की है आशा
आसनसोल : एसइसीएल तथा कोल इंडिया के कोयला कामगारों को पूजा बोनस के निर्धारण के लिए मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित बैठक में रात्रि साढ़े आठ बजे तक कोई फैसला नहीं हो सका था. प्रबंधन तथा यूनियन प्रतिनिधि अपने-अपने स्टैंड पर डटे हुए थे. यूनियन प्रतिनिधि बोनस मद में 80 हजार रुपये की मांग कर रहे हैं.
जबकि प्रबंधन पिछले वर्ष भुगतान की गई राशि पर डटा हुआ है. हालांकि दोनों पक्षों को आशा है कि किसी न किसी बिंदू पर सहमति बन जायेगी. हालांकि बीते 24 सितंबर की एकदिवसीय हड़ताल की सफलता के बाद यूनियन नेता काफी उत्साहित हैं.
जेबीसीसीआई की स्टैंडर्डाइजेशन (मानकीकरण) कमेटी की बैठक होगी. इसमें कोल इंडिया के कार्मिक निदेशक सहित विभिन्न कोयला कंपनियों के कार्मिक निदेशक तथा वित्त निदेशक शामिल हैं. इधर गैर इंटक सभी चार केंद्रीय यूनियनों के प्रतिनिधि शामिल हैं. इस बार भी इंटक को बाहर रखा गया है. इसके पहले दो बैठकों में भी वह बाहर रही थी. कोल इंडिया के लांभाश के देखते हुए श्रमिक संगठन बोनस मद में 80 हजार रूपये की मांग कर रहे हैं.
कोल इंडिया को वित्तीय वर्ष 2017-18 में 7038.44 करोड़ रूपये का लाभ हुआ था. ऐसी स्थिति में पिछले वर्ष कोयला कामगारों को 60,500 रुपये की राशि बोनस में मिली थी. वित्तीय वर्ष 2018-19 में कोल इंडिया को 17462 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है. संभावना है कि 65 हजार रुपये तक दोनों पक्षों के बीच सहमति बन सकती है.

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