मेडिकेयर स्कीम का सदस्य बनने की समय सीमा बढ़ी

अब जनवरी, 2020 तक बन सकते हैं सदस्य रिटायर्ड कोयला कर्मियों के लिए अच्छी खबर आसनसोल : कंट्रीब्यूटरी पोस्ट रिटायरमेंट मेडिकेयर स्कीम फॉर नन एग्जिक्यूटिव (सीपीआरएमएस-एनइ) का सदस्य बनने के लिए समय सीमा बढ़ा दी गई है. अब सेवानिवृत्त् कोयलाकर्मी जनवरी 2020 तक इस स्कीम का सदस्य बन सकते हैं. इस संबंध में कोल इंडिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2019 2:36 AM

अब जनवरी, 2020 तक बन सकते हैं सदस्य

रिटायर्ड कोयला कर्मियों के लिए अच्छी खबर
आसनसोल : कंट्रीब्यूटरी पोस्ट रिटायरमेंट मेडिकेयर स्कीम फॉर नन एग्जिक्यूटिव (सीपीआरएमएस-एनइ) का सदस्य बनने के लिए समय सीमा बढ़ा दी गई है. अब सेवानिवृत्त् कोयलाकर्मी जनवरी 2020 तक इस स्कीम का सदस्य बन सकते हैं. इस संबंध में कोल इंडिया के महाप्रबंधक (एमपीएंडआइआर) अजय कुमार चौधरी ने चार अक्तूबर को पत्र जारी किया है.
पत्र के मुताबिक सीपीआरएमएस-एनइ (संशोधित) का सदस्य बनने की समय सीमा 31 अगस्त से छह माह तक है. निर्धारित राशि 40 हजार जमा कर रिटायर कोयलाकर्मी सदस्य बन सकते हैं. पत्र के मुताबिक जो रिटायरकर्मी सीपीआरएमएसएनइ 2014 के सदस्य बने हैं, उन्हें संशोधित स्कीम का लाभ लेने के लिए बाकी पैसा जमा करना होगा. अन्यथा उन्हें 2014 वाले स्कीम का ही लाभ मिलेगा. हालांकि सीटू नेता व मानकीकरण समिति के सदस्य डीडी रामानंदन ने इसका विरोध किया है.
क्या है सीपीआरएमएस संशोधन में
10वीं जेबीसीसीआई की बैठकों में सीपीआरएमएस-एनइ स्कीम में संशोधन किया गया. इसमें सभी कामगारों को 40 हजार रुपये जमा करना है. वर्त्तमान कर्मियों में जिनकी नौकरी लंबी है, उनके वेतन से हर माह एक हजार और जिनकी नौकरी दो साल है, उनके वेतन से हर माह दो हजार रुपये की कटौती हो रही है. प्रबंधन हर कर्मी के हिसाब से 18 हजार रुपये इस स्कीम में जमा करेगा.
जीवन भर में आठ लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा और कैंसर, हॉर्ट आदि आठ गंभीर बीमारियों में असीमित खर्च एवं दिव्यांग, आश्रित बच्चे को 2.5 लाख रुपये की इलाज की सुविधा मिलेगी. इस स्कीम की देखरेख के लिए एक ट्रस्ट बनाया गया. जिसमें प्रबंधन एवं यूनियन के प्रतिनिधि शामिल हैं. ट्रस्ट के निबंधन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. स्कीम की समीक्षा हर दो साल पर होगी.
क्या है सीपीआरएमएस-एनइ 2014
मजदूर संगठन रिटायर कोयला अधिकारियों को मिलनेवाली मेडिकल सुविधा की तरह रिटायर कोयलाकर्मियों को भी इलाज के लिए सुविधा देने की मांग काफी समय से करते आ रहे हैं. 2014 में कामगारों के लिए मेडिकेयर स्कीम लागू हुई. इसमें सदस्य बनने के लिए आठवें वेतन समझौता में रिटायर कर्मियों के लिए 20 हजार, सातवें में 15 हजार तथा वेतन समझौता छह एवं इससे पूर्व रिटायरकर्मियों को 10 हजार जमा करना होगा. इस स्कीम के तहत पति-पत्नी को आजीवन पांच लाखरुपये तक के इलाज की सुविधा थी.
पुराने सदस्यों से पैसा लेना गलत : रामानंदन
ऑल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन (सीटू) के महासचिव व मानकीकरण समिति सदस्य डीडी रामानंदन ने कहा कि 31 अगस्त को मानकीकरण समिति की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी. जिसका उन्होंने विरोध किया था. बाद में पत्र लिख कर भी इसका विरोध दर्ज कराया कि पुराने सदस्यों से पैसा लेना गलत है. 31 अगस्त की मीटिंग का मिनट्स एक अक्तूबर को समिति की हुई बैठक में मंजूर नहीं हुआ. बैठक में सिर्फ बोनस पर चर्चा हुई. मीटिंग का मिनट्स मंजूर हुए बिना आदेश जारी करना गलत है.

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