सेल की दूसरी तिमाही में 342.84 करोड़ का घाटा

वेतन समझौता के लिए कर्मचारियों को अभी करना होगा इंतजार भिलाई को छोड़ आइएसपी सहित सेल की सभी ईकाई में घाटे में वेतन समझौता पर गहराये संकट के बादल बर्नपुर : सेल की दूसरी तिमाही में 342.84 करोड़ रुपये के घाटा होने से कर्मचारियों को बड़ा नुकसान का सामना करना पड़ना तय है. वेतन समझौता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 17, 2019 1:34 AM

वेतन समझौता के लिए कर्मचारियों को अभी करना होगा इंतजार

भिलाई को छोड़ आइएसपी सहित सेल की सभी ईकाई में घाटे में
वेतन समझौता पर गहराये संकट के बादल
बर्नपुर : सेल की दूसरी तिमाही में 342.84 करोड़ रुपये के घाटा होने से कर्मचारियों को बड़ा नुकसान का सामना करना पड़ना तय है. वेतन समझौता सहित अन्य डिमांड की उम्मीद पर घाटा के बाद पानी फिरता नजर आ रहा है. सेल को घाटा होने से वेतन समझौते पर कहीं न कहीं बाढ़ का असर पड़ना तय है. कर्मचारी लंबे समय से वेतन समझौता का इंतजार कर रहे हैं.
वेतन समझौते की आस में कर्मचारी तमाम कटौती को बर्दाशत कर रहे हैं. पहले ही आइएसपी अधिकारियों के वेतन समझौता पर लगातार तीन साल की मुनाफा की शर्त जुड़ी हुई है. इस वजह से वेतन समझौता में देरी हो रही है. सेल घाटा में रहता है तो उसका असर अधिकारियों के वेतन समझौता पर पड़ना तय है. सेल ने चालू वितीय वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही के दौरान 342.84 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है.
भिलाई इस्पात सयंत्र ने सेल के तमाम यूनिटों से बेहत्तर प्रदर्शन कैश कलेक्शन में किया है. पिछले साल सितम्बर 2018 तक सेल की आय 16832 करोड़ थी, जो कि घट कर वर्ष 2019 में 14286 करोड़ हो गयी है. इस तरह से 2546.19 करोड़ की आय में कमी आयी है. सितंबर 2018 में कच्चा माल लागत पर 7500 करोड़ रुपये थी. इस साल 7382.22 करोड़ रह गयी है. कर्मचारियों को होनेवाला खर्च सितंबर 2018 में 2160 करोड़ था, जो सितंबर 2019 में 1959 करोड़ हो गया है.
अर्धवार्षिक नतीजे में 274 करोड़ का नुकसान ः सेल को अर्धवार्षिक नतीजे में 274 करोड़ का नुकसान हुआ है. जहां चालू वित्त वर्ष के अर्घवार्षिक नतीजे में सकल आय 29289.03 कड़ोर रही. वही कुल खर्च 29708.13 करोड़ रहा. इस तरह 419 का टैक्स के पहले नुकसान या टैक्स घटा कर यह नुकसान 274 करोड़ का रहा.
आइएसपी सहित सेल के प्लांट के कर्मचारियों को वित्तीय वर्ष 2019-20 की आनेवाली दोनों ही तिमाही में प्रबंधन को बेहतर उत्पादन दिखाना होगा. इससे नुकसान की भरपाई हो सके, तभी कर्मचारियों के साथ अधिकारियों का भी वेतन समझौता संभव हो पायेगा. दूसरी तिमाही में सेल के घाटा में जाने के कारण वेतन समझौता पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इसलिये कर्मियों को इंतजार करना होगा.

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