सफाई के नाम पर खानापूर्ति, गंदगी का ढेर
जगह-जगह बन गया है कूड़े का अस्थायी डंपिंग यार्ड पार्षद ने कहा कि नागरिकों में जागरूकता का अभाव आसनसोल : नगर निगम के वार्ड संख्या 28 अंतर्गत जगह-जगह कूड़े का डंपिंग यार्ड बन गया है. कूड़ेदान न होने और कूड़े की सफाई सही समय पर नहीं होने से लोग किसी भी जगह कूड़ा फेंकने को […]
जगह-जगह बन गया है कूड़े का अस्थायी डंपिंग यार्ड
पार्षद ने कहा कि नागरिकों में जागरूकता का अभाव
आसनसोल : नगर निगम के वार्ड संख्या 28 अंतर्गत जगह-जगह कूड़े का डंपिंग यार्ड बन गया है. कूड़ेदान न होने और कूड़े की सफाई सही समय पर नहीं होने से लोग किसी भी जगह कूड़ा फेंकने को विवश हैं और वहां कूड़े की भरमार है. कुछ इलाके में लोग गंदगी के कारण अतिथि के आने पर खुद को शर्मिंदा महसूस करते हैं.
पार्षद ने भी स्वीकार किया कि बड़ी आबादी वाले इस क्षेत्र में सफाई कर्मियों की कमी के कारण समस्या है. सफाई को लेकर नागरिकों में जागरूकता न होने को दुखद बताया. उनका दावा है कि कीटनाशक स्प्रे, ब्लीचिंग पावडर का छिड़काव नियमित किया जाता है. हालांकि स्थानीय लोंगों ने पार्षद के दावे को नकार दिया. पार्षद का दावा सच्चाई के परे है.
आंखों देखी
वार्ड संख्या 28 अंतर्गत रेलपार कसाई मोहल्ला, एनआरआर रोड, नया मोहल्ला एवं बाजार संलग्न इलाकों कूड़ेदान की कमी एवं नालियों की सफाई नहीं होने से इलाकों में गंदगी की भरमार है. नालियां गंदगी से भरी पड़ी है, जिसके कारण मच्छरों की भरमार है. मच्छरजनित संक्रामक रोगों का खतरा हर वक्त बना रहता है. जहां तहां कूड़े का ढ़ेर पड़ा है. इलाके में जगह-जगह कूड़े का डंपिंग यार्ड बन गया है.
क्या कहते हैं इलाके के लोग?
स्थानीय निवासी अलाउद्दीन खान ने कहा कि इलाके में सफाई दिखावे के लिए होती है. सफाईकर्मी नियमित रूप से नहीं आते हैं. इलाके में कूड़ेदान की व्यवस्था नहीं है. एक कूड़ेदान बनाया गया है, परंतु बाजार से काफी दूर होने के कारण लोग वहां तक नहीं जाते हैं और अपना कूड़ा नजदीक कहीं भी फेंक देते हैं.
मोहम्मद सलीम ने कहा कि सफाई कर्मी नियमित रूप से नहीं आते हैँ. इलाके में जहां तहां गंदगी पसरी रहती है. सभी स्थानों पर पर्याप्त कूड़ेदान नहीं है. अतिथियों के आने पर मोहल्ले वालों को शर्मिंदगी उठानी पड़ती है. शादी ब्याह के अवसरों पर अनुरोध करने पर सफाई करवा दी जाती है. वार्ड में कीटनाशकों का छिड़काव नहीं होता है.
साबरा खातून ने कहा कि कूड़ेदान की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण इलाकेवासी जहां तहां गंदगी फेंकने को मजबूर हैं. घर के पास ही कूड़ा का डंपिंग यार्ड बन गया है. हवा चलने पर कूड़ा वापस घरों में प्रवेश कर जाता है. इलाके में ब्लिचंग पावडर, मच्छरों को मारने के लिए फॉगिंग मशीन का उपयोग नहीं होता है.
मोहम्मद कलाम ने कहा कि एनआरआर रोड के लोग गंदगी में रहने को विवश हैं. नालियों में कीटनाशकों का छिड़काव नहीं किया जाता है. जिससे मच्छरजनित संक्रामक रोगों का भय बना रहता है. मच्छरों से बचाव के लिए लोग खुद से ही किरोसिन व अन्य कीटनाशक गलियों और नालियों में डालते हैं.
शकील अंसारी ने कहा कि कसाई मोहल्ला में सफाई कर्मी मनमर्जी रवैये से सफाई करते हैं. नालियों में फैली गंदगी से कई संक्रामक बिमारियों का खतरा बना रहता है. सफाई कर्मी स्थानीय लोगों का सफाई से संबंधित सुझाव नहीं मानते हैं.
मोहम्मद आरिफ ने कहा कि नालियों की नियमित सफाई नहीं होने से बढ़ते दुर्गंध से बचने के लिए बाध्य होकर खुद सफाई करनी पड़ती है. इलाके में जरूरत के अनुरूप पर्याप्त नालियां नहीं हैं. जिससे घरों की गंदगी घर के बाहर पसरी रहती है. सफाई को लेकर कई बार वार्ड में आने वाले सफाई कर्मियों से अन बन होती है. पार्षद से भी कई बार शिकायत की है. मोहल्ले में ब्लिचिंग पावडर का छिड़काव कभी कभार ही किया जाता है.
कसाई मोहल्ला बाजार के निकट रहने वाले मोहम्मद अफरोज व मुनव्वर ने कहा कि बाजार में कूड़ेदान नहीं होने से सब्जी विक्रेता रोजाना अपना कूड़ा, सड़े गले साग, पत्ते बाजार के निकट आवासीय इलाके में फेंक देते हैं. जिससे पूरे इलाके में बदबू फैलती है. मना करने पर आय दिन विवाद की होता है. बरसात में तो स्थिति भयावह हो जाती है.
क्या कहते हैं पार्षद?
वार्ड संख्या 28 के पार्षद वशीमुल हक ने कहा कि निगम की ओर से उपलब्ध सफाई कर्मियों, संसाधनों से वार्ड में बेहतर सफाई की जाती है. नागरिकों का जागरूक न होना भी गंदगी का एक मुख्य मुद्दा बताया. उन्होंने कहा कि सफाई को लेकर जब तक स्थानीय लोगों में इच्छा शक्ति जागृत नहीं होगी तब तक कहीं भी सफाई बनाये रखना संभव नहीं है. 20 हजार की आबादी वाले वार्ड में मात्र 16 सफाई कर्मियों से वार्ड में सफाई बनाये रखने चुनौती का कार्य है.
कूड़ेदान का उपयोग न कर लोग जहां तहां गंदगी फेंक देते हैं. महिलाएं घरों का कचरा कूड़ेदान में न फेंक कर नालियों में बहा देते हैं. जिससे नालियां जाम हो जाती है. निगम की ओर से घर घर सफाई अभियान आरंभ किये जाने से वार्ड में बेहतर सफाई हो सकेगी. 15 दिनों पर नालियों में कीटनाशकों का छिड़काव और जरूरत के अनुरूप ब्लिचिंग पावडर का छिड़काव किया जाता है.