आंदोलन के क्रम में सामने आया तृणमूल का गुटीय विरोध

मालदा : सीएए/एनआरसी के विरोध में आंदोलन के दौरान तृणमूल का गुटीय विरोध सामने आ गया. इस घटना से जिला तृणमूल नेतृत्व असमंजस में है. शनिवार की दोपहर को रतुआ में तृणमूल युवा नेता मोहम्मद यासमीन ने एनआरसी के खिलाफ सभा की. उसी समय थोड़ी दूरी पर रतुआ से तृणमूल के विधायक समर मुखर्जी ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2019 5:31 AM

मालदा : सीएए/एनआरसी के विरोध में आंदोलन के दौरान तृणमूल का गुटीय विरोध सामने आ गया. इस घटना से जिला तृणमूल नेतृत्व असमंजस में है. शनिवार की दोपहर को रतुआ में तृणमूल युवा नेता मोहम्मद यासमीन ने एनआरसी के खिलाफ सभा की. उसी समय थोड़ी दूरी पर रतुआ से तृणमूल के विधायक समर मुखर्जी ने भी अलग से सभा की. सभा के जरिये दोनों नेताओं ने एक दूसरे पर तोप दागे हैं.

वहीं, जिला नेतृत्व का कहना है कि दोनों इलाके अलग अलग विधानसभा केंद्र में पड़ते हैं इसीलिये शायद ऐसा हुआ है. इसका गुटीय विरोध से कोई लेना-देना नहीं है. हालांकि यह जरूर स्पष्ट हो गया कि एनआरसी के खिलाफ आंदोलन का इस्तेमाल अपने अपने गुट को अधिक सक्रिय दिखाना लग रहा है.
मो. यासमीन का कहना है कि विधायक समर मुखर्जी दल का नुकसान कर रहे हैं. उन्होंने जिला नेतृत्व के निर्देश पर सभा की है. लेकिन विधायक ने कुछ ही दूरी पर एक और सभा कर उनकी सभा को नीचा दिखाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि बीते लोकसभा चुनाव में अपने चुनाव क्षेत्र में ही समर मुखर्जी विरोधी भाजपा से अधिक वोट नहीं ले सके थे. वहां भाजपा को बढ़त मिली थी.
उधर, समर मुखर्जी ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि कौन अलग से सभा कर रहा है या नहीं. वे जिला कमेटी के उपाध्यक्ष हैं. मुख्यमंत्री के निर्देश पर वे यह सभा कर रहे हैं.
उधर, भाजपा के जिला नेता सुदीप्त चटर्जी ने कहा कि इससे जाहिर होता है कि तृणमूल का जनाधार खिसक रहा है. जबकि तृणमूल के जिला कार्यकारी अध्यक्ष दुलाल सरकार ने बताया कि रतुआ में दो विधानसभा केंद्र हैं. संभव है कि इसी वजह से दो सभायें की गयीं हों. दल में किसी तरह की गुटबाजी नहीं है. यह अफवाह है.

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