आसनसोल : वार्ड 37 में 22 सफाईकर्मियों के बावजूद जगह-जगह कचरे का अंबार

रानीगंज : आसनसोल नगर निगम अंतर्गत वार्ड नंबर 37 में जगह-जगह फैली कचड़ा एवं गंदगी को लेकर प्रशासन के प्रति लोगों की नाराजगी है. इलाके में अधिकांश जगहों में कूड़ेदान की कमी होने के कारण लोग कहीं भी कूड़ा फेंकने को मजबूर हैं. सीमेंट से बनाए गए कूड़ेदान टूट जाने से यहां का कूड़ा बाहर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2019 5:37 AM

रानीगंज : आसनसोल नगर निगम अंतर्गत वार्ड नंबर 37 में जगह-जगह फैली कचड़ा एवं गंदगी को लेकर प्रशासन के प्रति लोगों की नाराजगी है. इलाके में अधिकांश जगहों में कूड़ेदान की कमी होने के कारण लोग कहीं भी कूड़ा फेंकने को मजबूर हैं. सीमेंट से बनाए गए कूड़ेदान टूट जाने से यहां का कूड़ा बाहर फैल जाता है. नालियों की स्थिति काफी जर्जर है.

नियमित सफाई ना होने के कारण जगह-जगह नाली का गंदा पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर फैलने से लोग परेशान हैं. वार्ड पार्षद श्यामा उपाध्याय भले ही अपने वार्ड की सफाई को लेकर पूरी तरह से संतुष्ट नजर आती हैं, पर 9 हजार के वोटर वाले इस वार्ड की जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है. इस वार्ड में 22 सफाई कर्मी तैनात है
आंखों देखी
वार्ड नंबर 37 में जगह-जगह कूड़े का ढ़ेर पड़ा हुआ है. अधिकांश जगहों में कचड़ों की नियमित सफाई नहीं होती है. आवारा पशु कूड़े को अपना चारागाह बना लिया है. कीटनाशक और ब्लीचिंग पावडर का छिड़काव भी महीनों तक नहीं होता है. फॉगिंग मशीन का उपयोग साढ़े चार वर्ष में एकबार हुआ है. वार्ड नंबर 37 के यादव पाड़ा, महावीर कोलियरी उड़िया पाड़ा, राजपाड़ा, न्यू कॉलोनी में सफाई की लचर व्यवस्था उजागर होती है.
क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
न्यू कॉलोनी क्षेत्र में रहने वाले अर्जुन भुइयां ने बताया कि उनके घर के पास ही लोग खुले में कचड़ा फेंक देते हैं. उनका प्लास्टिक का घर होने तथा सही रूप से दरवाजा ना होने के कारण बाहर का कचरा घरों में चला आता है. सफाई को लेकर कोई व्यवस्था इलाके में नहीं कि जाती है.
न्यू कॉलोनी इलाके के परदेसी पंडित ने बताया कि मोहल्ले में नाली की व्यवस्था ना होने के कारण घरों का गंदा पानी सड़क पर निकलता है. जिसके कारण अक्सर मोहल्ले में विवाद होता है. सफाई को लेकर प्रशासनिक स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं अपनायी जाती है.
उड़ियापाड़ा निवासी व शिक्षक विनोद सिंह ने बताया कि वह लोग इसीएल तथा नगर निगम के बीच पीस कर रह गए हैं. यहां इसीएल के सफाई कर्मी पहले सफाई करते थे. महावीर कोलियरी बंद होने के कारण यहां पर सफाई होनी बंद हो गई. वार्ड पार्षद को कहने के बावजूद भी इस इस स्थान की सफाई नियमित रूप से नहीं होती है. ब्लीचिंग तथा कीटनाशक का छिड़काव वर्ष भर में एक या दो बार होता है.
दुकानदार पंकज बर्मन ने बताया कि इलाके में सफाई होती है. यहां के निवासी कचड़ा फैलाने में लिए जिम्मेदार हैं. कचड़ा कूड़ेदान में फेंकने के बजाय इधर-उधर फेंक देते हैं. जिससे गंदगी फैली रहती है.
क्या कहती हैं वार्ड पार्षद?
वार्ड पार्षद श्यामा उपाध्याय ने कहा कि उनके वार्ड में सफाई कर्मी नियमित रूप से सफाई करते हैं. अधिकांश जगहों में कूड़ेदान का अभाव है. कूड़ेदान के लिए नगर निगम के पास अनेकों बार आवेदन किया गया है. प्लास्टिक के कूड़ेदान रखे गए हैं. वह चोरी हो जाती है. समय-समय पर कीटनाशक तथा ब्लीचिंग का छिड़काव होता है. मच्छर मारने के लिए फागिंग मशीन का भी प्रयोग नगर निगम द्वारा किया जाता है.

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