वार्ड संख्या 36 में विकास नगर है विकास से कोसों दूर
रानीगंज : नगर निगम के वार्ड संख्या 36 के विभिन्न इलाकों में लोग सफाई को लेकर बुरी तरह परेशान हैं. कूड़ेदान की भारी कमी के कारण इलाके में कूड़े की भरमार है. नालियों की सफाई नियमित नहीं होने से गंदा पानी चारों ओर बिखरा पड़ा है.पार्षद का दावा है कि उनके वार्ड में सफाई को […]
रानीगंज : नगर निगम के वार्ड संख्या 36 के विभिन्न इलाकों में लोग सफाई को लेकर बुरी तरह परेशान हैं. कूड़ेदान की भारी कमी के कारण इलाके में कूड़े की भरमार है. नालियों की सफाई नियमित नहीं होने से गंदा पानी चारों ओर बिखरा पड़ा है.पार्षद का दावा है कि उनके वार्ड में सफाई को लेकर किसी भी प्रकार की समस्या नहीं है.उनका वार्ड में कहीं गंदगी मौजूद नहीं है. उनका यह दावा उस जमीनी हकीकत से परे है. विकास नगर, शिशु बागान तथा डोमपाड़ा अंचल में लोग नरकीय जिंदगी जीने को मजबूर हैं. 11हजार की आबादी पर 18 सफाई कर्मी हैं.
आंखों देखी
वार्ड नंबर 36 में जगह-जगह कूड़े का ढ़ेर लगा है. आवारा पशुओं ने कूड़ेदान को अपना चारागाह बना लिया है. कीटनाशक और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी कभी-कभार ही होता है. फागिंग मशीन का उपयोग सिर्फ मुख्य सड़कों पर होता है. कूड़ेदान की भारी कमी के कारण जगह-जगह कूड़ा पड़ा हुआ है. नालियां ओवरफ्लो हो रही हैं.
क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
विकास नगर के रहने वाले विकास कुमार ने कहा कि जगह का नाम विकास नगर है, पर यह स्थान विकास से कोसों दूर है. इलाके में फैला कचरा और नालियों के ओवरफ्लो गंदी पानी के कारण जीना मुहाल हो गया है.
विकास नगर निवासी व शिक्षक रामसेवक पोद्दार ने बताया कि कचरे के कारण यहां रहने वालों की तबीयत खराब हो जाती है. कई वर्ष पूर्व नाली बनाने के लिए नगर निगम से नापी करके ले गए थे. आज तक नाली नहीं बनी.
विकास नगर निवासी मनोज साव ने बताया कि कचरे के कारण लोगों का रहना मुश्किल हो गया है. सफाई को लेकर इलाके की हमेशा अनदेखी की जाती है. कीटनाशक और ब्लीचिंग पावडर का छिड़काव नहीं होता है.
विकास नगर के निवासी पंकज ने बताया कि इलाके में गंदगी की भरमार से जीवन नरक बन गया है. लोग गंदगी के ढेर में अपना जीवन यापन कर रहे हैं. सुध लेनेवाला कोई नहीं है.
शिशु बागान के निवासी नन्हे शर्मा ने बताया की कूड़ेदान की सफाई नियमित रूप से होती है. जिससे कूड़ा बाहर फैला रहता है. जिसमें आवारा पशुओं की झुंड विचरती है. छोटी होने और सफाई न होने के कारण थोड़ी सी गंदगी में ही नालियां ओवरफ्लो हो जाती हैं. जिससे कचरे का पानी ऊपर फैल जाता है.
शिशु बागान निवासी गौतम बर्मन ने बताया कि नाली की हालत इतनी अधिक खराब है की सफाई कर्मी साफ ही नहीं करते हैं. मजबूरन खुद नालियों की सफाई करते हैं. कीटनाशक और ब्लीचिंग पावडर का छिड़काव नहीं होता है. जिससे मच्छर की भरमार है.
राधा अपार्टमेंट क्षेत्र के निवासी व शिक्षक तुषार बनर्जी ने कहा कि नियमित रूप से कचरे की सफाई ना होने के कारण कचरा इधर-उधर फैला रहता है. सप्ताह में एकाध बार सफाई कर दी जाती है. ब्लीचिंग पावडर या कीटनाशक का छिड़काव पर्व त्यौहार के समय पर ही की जाती है.
क्या कहते हैं वार्ड पार्षद?
36 नंबर वार्ड के पार्षद कंचन तिवारी ने कहा कि उनके वार्ड में नियमित रूप से सफाई होती है. अधिकांश जगह में कूड़ेदान की कमी है. कूड़ेदान के लिए आसनसोल नगर निगम में आवेदन किया गया है. मच्छर मारने के लिए फॉगिंग मशीन का उपयोग नियमित किया जाता है. कीटनाशक एवं ब्लीचिंग पावडर का छिड़काव समय-समय पर किया जाता है.