एनडीआरएफ की टीम भी सुष्मिता की तलाश में विफल
सुबह से वाटर सकिंग और डीप ड्राइविंग प्रक्रिया में कोई परिणाम नहीं निकला पानी में जहरीली गैस का रिसाव होने से 65 फीट जाते ही डीप ड्राइवर की हालत बिगड़ी इस प्रकार की घटना में बचाव कार्य का अनुभव नहीं था टीम को विधायक पूर्णचंद बाऊरी, पंचायत समिति अध्यक्ष पहुंचे घटनास्थल पर, सभी ने सुष्मिता […]
- सुबह से वाटर सकिंग और डीप ड्राइविंग प्रक्रिया में कोई परिणाम नहीं निकला
- पानी में जहरीली गैस का रिसाव होने से 65 फीट जाते ही डीप ड्राइवर की हालत बिगड़ी
- इस प्रकार की घटना में बचाव कार्य का अनुभव नहीं था टीम को
- विधायक पूर्णचंद बाऊरी, पंचायत समिति अध्यक्ष पहुंचे घटनास्थल पर, सभी ने सुष्मिता के पिता को दी सांत्वना
नितुरिया. इसीएल सोदपुर एरिया अंतर्गत परित्यक्त रानीपुर इंक्लाइन में रविवार सुबह छह बजे से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 20 सदस्यीय टीम सुष्मिता गोप की तलाश आरम्भ की. वाटर सकिंग, डीप ड्राइवर की प्रक्रिया अपनाने के बाद भी सुष्मिता का कुछ पता नहीं चला.डीप ड्राइवर इंक्लाइन में 65 फीट की गहराई तक जाने पर ही अस्वस्थ्य हो जाने से उन्हें बाहर निकाल लिया गया. टीम के प्रभारी चिन्मय कतियान ने कहा कि वर्षों से बंद इंक्लाइन के पानी में जहरीली गैस का रिसाव होने से 65 फीट की गहराई तक जाने पर ही डीप ड्राइवर अस्वस्थ्य हो गये. उन्होंने संभावना जतायी कि सुष्मिता का शव अंदर है तो प्राकृतिक तरीके से 72 घंटे के अंदर स्वतः फूलकर ऊपर आ जायेगा.
हालांकि पानी में जहरीली गैस का मिश्रण होने के कारण लाश की हालत काफी खराब हो सकती है. रविवार को स्थानीय विधायक पूर्णचंद बाऊरी, नितुरिया पंचायत समिति के अध्यक्ष शांतिभूषण प्रसाद यादव, सालतोड़ ग्राम पंचायत के प्रधान सुमितसागर प्रसाद यादव अपने समर्थकों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. इलाके में उपस्थित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती किया गया था.
सनद रहे कि स्थानीय सुष्मिता शादी मार्च 2019 में होने वाली थी. स्थानीय सुधीर गोप की चार पुत्रियों में सबसे बड़ी सुष्मिता अपनी शादी की खर्च से पिता की परेशानी को कम करने के लिए शुक्रवार सुबह परित्यक्त रानीपुर इंक्लाइन में छलांग लगाई थी. हालांकि उसे छलांग लगाते किसी ने देखा नहीं. वहां ड्यूटी पर तैनात स्विचमैन परशुराम राम ने स्थानीय लोगों को बताया कि सुबह उसने सुष्मिता की आवाज इंक्लाइन के पास सुनी.
सुष्मिता ने उनसे कहा कि चाचा मेरी तबीयत ठीक नहीं है, घर में बोल दीजियेगा. उसके बाद इंक्लाइन के पानी में कुछ भारी चीज गिरने की आवाज सुनाई दी. इंक्लाइन के मुहाने के पास सुष्मिता का चप्पल बरामद हुआ. जिसकी पहचान उसके घरवालों ने की. सुष्मिता की तलाश इधर-उधर करने पर वह नहीं मिली. इसके बाद से ही इंक्लाइन के पानी में उसके डूबने की खबर चारों ओर फैल गयी.
इसीएल की रेस्क्यू टीम, जिला आपदा प्रबंधन की रेस्क्यू टीम 48 घंटे के प्रयास के बाद भी उसकी तलाश नहीं कर पाई, जिसके उपरांत शनिवार रात को एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया. नदिया जिला के कल्याणी से निरीक्षक चिन्मय कतियान के नेतृत्व में एनडीआरएफ की 20 सदस्यीय टीम रात को रानीपुर पहुंच गई. रविवार भोर से टीम के सदस्यों ने सुष्मिता की तलाश अभियान आरम्भ की. शाम तक सुष्मिता का कुछ पता नहीं चल पाया.
वाटर सकिंग और डीप ड्राइवर उतारने का प्रयास विफल
वर्ष 1987 से बंद पड़ी, साढ़े सात सौ फीट गहरी रानीपुर इंक्लाइन में सुष्मिता को ढूढ़ने के लिए एनडीआरएफ की टीम ने रविवार सुबह छह बजे वाटर सकिंग की प्रक्रिया आरम्भ की. जिसके तहत दो रस्सों में वजनदार लोहे का टुकड़ा बांधकर पानी में छह सौ फीट नीचे उतारा गया. व्हील के सहारे रस्से को ऊपर नीचे करके पानी में भारी उथल-पुथल मचाया गया.
ताकि शव यदि कहीं फंसा हो तो वह ऊपर आ जाय. घंटों चली इस प्रक्रिया में कोई परिणाम नहीं निकला. इस प्रक्रिया में पौने बारह बजे गुलाबी रंग का कपड़ा का एक टुकड़ा ऊपर आ गया. जिससे लोगों में आस जगी कि यह संभवतः सुष्मिता के कपड़े का टुकड़ा हो.
लेकिन यह पुराना किसी कपड़े का टुकड़ा था. पौने एक बजे डीप ड्राइवर विश्वजीत मांडी को पानी में उतरने के लिए तैयार किया गया. दोपहर डेढ़ बजे श्री मांडी मास्क और आक्सीजन सिलिंडर लेकर पानी के अंदर गए. 65 फीट की गहराई तक जाने के बाद ही वे अस्वस्थ्य होने की सूचना ऊपर के सदस्यों को भेजी. एक बजकर 55 मिनट पर उन्हें खदान से बाहर निकाल लिया गया. उनके अस्वस्थता से एनडीआरएफ टीम में हलचल मच गयी. एक घन्टे बाद वे स्वस्थ्य हुए.
वाटर सकिंग और डीप ड्राइवर उतारने का प्रयास विफल
वर्ष 1987 से बंद पड़ी, साढ़े सात सौ फीट गहरी रानीपुर इंक्लाइन में सुष्मिता को ढूढ़ने के लिए एनडीआरएफ की टीम ने रविवार सुबह छह बजे वाटर सकिंग की प्रक्रिया आरम्भ की. जिसके तहत दो रस्सों में वजनदार लोहे का टुकड़ा बांधकर पानी में छह सौ फीट नीचे उतारा गया. व्हील के सहारे रस्से को ऊपर नीचे करके पानी में भारी उथल-पुथल मचाया गया.
ताकि शव यदि कहीं फंसा हो तो वह ऊपर आ जाय. घंटों चली इस प्रक्रिया में कोई परिणाम नहीं निकला. इस प्रक्रिया में पौने बारह बजे गुलाबी रंग का कपड़ा का एक टुकड़ा ऊपर आ गया. जिससे लोगों में आस जगी कि यह संभवतः सुष्मिता के कपड़े का टुकड़ा हो.
लेकिन यह पुराना किसी कपड़े का टुकड़ा था. पौने एक बजे डीप ड्राइवर विश्वजीत मांडी को पानी में उतरने के लिए तैयार किया गया. दोपहर डेढ़ बजे श्री मांडी मास्क और आक्सीजन सिलिंडर लेकर पानी के अंदर गए. 65 फीट की गहराई तक जाने के बाद ही वे अस्वस्थ्य होने की सूचना ऊपर के सदस्यों को भेजी. एक बजकर 55 मिनट पर उन्हें खदान से बाहर निकाल लिया गया. उनके अस्वस्थता से एनडीआरएफ टीम में हलचल मच गयी. एक घन्टे बाद वे स्वस्थ्य हुए.
शादी के खर्च को लेकर सुष्मिता थी परेशान
सुष्मिता के पिता सुधीर गोप मशीन से बिचाली काटने का कार्य करते हैं. उनकी चार बेटियों में सबसे बड़ी सुष्मिता की शादी मार्च महीने में होने वाली थी. परिवार के सदस्यों ने बताया कि शादी में होने वाली खर्च को लेकर वह मानसिक रूप से काफी परेशान थी. उसे लग रहा था कि एक ही बेटी की शादी में पिता का दिवाला निकल जा रहा है तो बाकी की बहनों की शादी कैसे होगी.
इस बात को लेकर वह अंदर ही अंदर घुट रही थी. पिता को इस परेशानी से मुक्त करने के लिए ही उसने आत्महत्या का रास्ता चुन लिया. बेटी की शादी की खर्च को लेकर सुधीर स्थानीय कुछ लोगों से मदद भी मांगी थी. हालांकि अबतक मदद नहीं मिली थी.सुष्मिता स्नातक की पढ़ाई पूरी कर चुकी थी. नर्सिंग की ट्रेनिंग के साथ एनसीसी में सी सर्टिफिकेट पास कर चुकी है.
अगले आदेश का इंतजार कर रही एनडीआरएफ टीम
रविवार शाम तक सुष्मिता की तलाश में एनडीआरएफ टीम को सफलता नहीं मिली. टीम के प्रभारी श्री कतियान ने बताया कि यह उनकी टीम के लिए एकदम नया अनुभव है. वे लोग 35 से 40 फीट की गहराई तक बचाव कार्य को अंजाम देते है. साढ़े सात सौ की गहरी जहरीली पानी में बचाव कार्य का कोई अनुभव नहीं है और उचित साधन भी नहीं है.
वे लोग अपने स्तर से जो भी प्रयास कर सकते थे किये. ऊपर से अगले आदेश के आधार पर आगे की कार्यवाई की जाएगी. वे सुष्मिता के पिता से बात कर अपने प्रयास की जानकारी देते हुए उन्हें सांत्वना दी. उन्होंने कहा कि शव यदि पानी में है तो फूलकर कुछ घन्टों में बाहर आ जायेगा, लेकिन जहरीली गैस का रिसाव होने के कारण शव की हालत काफी खराब हो चुकी होगी.