चौथे दिन भी नहीं मिला सुष्मिता का शव

लोगों की टूट रही उम्मीदें नितुरिया : स्कूल छात्रा सुष्मिता गोप का शव चौथे दिन भी एनडीआरएफ की टीम इसीएल के सोदपुर एरिया के रानीपुर कोलियरी के बंद पड़ी खादन से निकालने में असफल रही. इसके साथ ही स्थानीय लोगों का एनडीआरएफ से उम्मीद खत्म होने लगी है. सोमवार को भी स्थानीय लोगों की भीड़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 7, 2020 1:43 AM

लोगों की टूट रही उम्मीदें

नितुरिया : स्कूल छात्रा सुष्मिता गोप का शव चौथे दिन भी एनडीआरएफ की टीम इसीएल के सोदपुर एरिया के रानीपुर कोलियरी के बंद पड़ी खादन से निकालने में असफल रही. इसके साथ ही स्थानीय लोगों का एनडीआरएफ से उम्मीद खत्म होने लगी है. सोमवार को भी स्थानीय लोगों की भीड़ यहां जुटी हुई थी.
सोमवार की सुबह से एक बार फिर एनडीआरएफ टीम के इंस्पेक्टर चिन्मय कर्तियान ने बताया कि सुबह से फिर एक बार वॉटर सकिंग प्रणाली से बंद पड़ी कोयला खादान के अंदर जल में उथल-पुथल लाने के लिए बाल्टी भरा पानी को रस्सी के सहारे से ऊपर से नीचे किया गया. वॉटर सकिंग प्रणाली अपनाने का मुख्य उद्देश्य यही था कि खदान के पानी में अगर शव कहीं फंसा होगा तो पानी के उथल-पुथल होते ही वह ऊपर आ जाएगा.
चिन्मय कर्तियान ने आगे बताया कि ऐसा देखा गया है कि 72 घंटे के अंदर कोई भी शव फ्लोट कर ऊपर आ जाता है. लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ है. इसलिए समझ में आता है कि युवती का शव खदान के अंदर कहीं फंस गया है. 1987 से बंद पड़ी इस खदान में सांप और अन्य विशालकाय जंतु के रहने की संभावना भी जतायी गयी है.
रविवार को एनडीआरएफ का दल का एक डीप ड्राइवर विश्वजीत मांडी को खदान के अंदर उतारा गया था, जो खुद भी अस्वस्थ हो गया था. इससे मालूम चला था कि खदान के अंदर जहरीली गैस है. मालूम हो कि इस खदान का गहराई 700 फुट से अधिक है और खदान के मुहाने से 35 फुट दूर तक जलस्तर है. इधर सोमवार की संध्या एक विशेष कैमरा लाया गया है.
जिसे पानी में उतारकर यह जानने की कोशिश की जा रही है कि खदान में शव कहां फंसा हुआ है. पानी के 300 फुट जलस्तर तक कुछ भी नहीं पाया गया है. मालूम हो कि शुक्रवार की सुबह स्कूल छात्रा सुष्मिता गोप रानीपुर कोलियरी के खदान में कूद गई थी. उसके बाद से शव की खोज जारी है.

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