नियुक्ति की मांग को लेकर आदिवासी समुदाय के लोगों ने किया धरना-प्रदर्शन

जमीन के बदले नौकरी देने की मांग कर रहे हैं आदिवासी समुदाय के लोग दुर्गापुर : दुर्गापुर थाना अंतर्गत शोभापुर ग्राम संलग्न आईक्यू सिटी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल गेट के समक्ष शनिवार को आदिवासी समुदाय के लोगों ने अस्पताल में नियुक्ति की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू किया. आदिवासियों द्वारा धरना प्रदर्शन किए जाने से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2020 3:19 AM

जमीन के बदले नौकरी देने की मांग कर रहे हैं आदिवासी समुदाय के लोग

दुर्गापुर : दुर्गापुर थाना अंतर्गत शोभापुर ग्राम संलग्न आईक्यू सिटी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल गेट के समक्ष शनिवार को आदिवासी समुदाय के लोगों ने अस्पताल में नियुक्ति की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू किया. आदिवासियों द्वारा धरना प्रदर्शन किए जाने से अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों, चिकित्सकों एवं अस्पताल कर्मियों को परेशानी उठानी पड़ी. सूचना पाकर दुर्गापुर थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे आदिवासी समुदाय के लोगों को समझाने का प्रयास किया.
प्रदर्शन के दौरान आदिवासियों ने प्रबंधन के खिलाफ कई आरोप लगाए. उल्लेखनीय है कि आईक्यू सिटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल वर्ष 2008 में माकपा के शासनकाल में बना था. अस्पताल बनाने के लिए निजी कंपनी द्वारा शोभापुर के आदिवासियों से कई एकड़ जमीन अधिग्रहण की गयी थी.
जमीन अधिग्रहण के समय कम्पनी द्वारा आसपास के ग्राम में रहने वाले एवं जमीन देने वाले आदिवासी बेरोजगार महिला-पुरुषों को नियुक्ति करने का आश्वासन दिया गया था. आरोप है कि अस्पताल निर्माण होने के बाद आईक्यू सिटी प्रबंधन की ओर से आदिवासी ग्राम के बेरोजगार युवकों को कोई नियुक्ति नहीं की गई है. अस्पताल में नियुक्ति न होने के कारण समय-समय पर आदिवासी समुदाय के लोगों द्वारा अस्पताल के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया जाता है.
लेकिन हर बार अस्पताल प्रबंधन ग्रामीणों को झूठा आश्वासन देकर मामला शांत कर देता है. आदिवासी समुदाय के नेता सुनील सोरेन ने बताया कि 2008-09 में वाममोर्चा सरकार के समय में आदिवासी जिस जमीन पर खेती करते थे वह जमीन लेकर कर मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का बात कहीं थी. जमीन लेने के समय कहा गया था कि जब मेडिकल कॉलेज का निर्माण और अस्पताल की परिसेवा शुरू हो जायेगी, तो उस समय सभी को नौकरी दी जाएगी. लेकिन दस साल गुजर जाने के बावजूद भी एक भी आदिवासी को अब तक नौकरी नहीं मिली.
फलस्वरूप आदिवासी बेरोजगार और असहाय हो गए हैं. सुनील सोरेन ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन स्थानीय बेरोजगारों की नियुक्ति नहीं कर बहारी लोगों को काम पर रख रही है. इसके पीछे कुछ दलाल भी सक्रिय हैं. आदिवासी समुदाय में भी अनेक लोग पढ़े लिखे है, उनकी योगता के अनुसार प्रबन्धन को काम देना होगा. प्रदर्शनकरियों में इलाके के 105 आदिवासी लोग शामिल थे. प्रबन्धन को हमारी मांग पर विचार करना होगा.
अन्यथा आदिवासी समाज के लोगों का अंदोलन लगातार जारी रहेगा. आईक्यू सिटी मेडिकल कॉलेज के सीईओ सुपर्णा सेनगुप्ता ने कहा कि आंदोलन कर रहे आदिवासी समुदाय के लोगों से बातचीत की जा रही है. उम्मीद है जल्द ही मामले का समाधान कर लिया जाएगा.

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