उड़ान में अड़चन बनी जमीन

दुर्गापुर : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान किया था कि सात जनवरी से अंडाल के काजी नजरुल हवाई अड्डे से विमान उड़ान भरने लगेंगे. लेकिन उड़ान भरने की बात दो दूर जिस रनवे से विमान उड़ान भरेंगे वहां से अब तक विद्युत के चार टावर नहीं हटाये गये हैं. साथ ही आठ विद्युत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2015 2:53 AM
दुर्गापुर : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान किया था कि सात जनवरी से अंडाल के काजी नजरुल हवाई अड्डे से विमान उड़ान भरने लगेंगे. लेकिन उड़ान भरने की बात दो दूर जिस रनवे से विमान उड़ान भरेंगे वहां से अब तक विद्युत के चार टावर नहीं हटाये गये हैं. साथ ही आठ विद्युत टावर का काम अब तक अधूरा है.
बंगाल एरोटोपोलिस लिमिटेड के प्रबंधक ने सात जनवरी से छोटे विमानों के उड़ान भरने की बात कही थी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. हवाई अड्डे पर जोरशोर से काम चल रहा है. लेकिन उड़ान की नयी तिथि की घोषणा नहीं हो सकी है. स्थानीय निवासियों ने कहा कि जमीन विवाद और विद्युत टावर संबंधी मामले का निपटारा नहीं किये जाने की वजह से ही अंडाल हवाई अड्डा से विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं.
2014 के नवंबर माह में एडीडीए कार्यालय में बीएपीएल प्रबंधन एवं जमीन मालिकों की श्रम मंत्री मलय घटक के साथ बैठक हुयी थी. उसमें भी सात जनवरी को विमान उड़ने की बात कही गयी थी लेकिन मंत्री का प्रयास विफल रहा.
भाजपा नेता अखिल मंडल ने कहा कि वर्ष 2010-11 में वाममोरचा सरकार के समय हवाई अड्डा का शिलान्यास हुआ था. उसके बाद तृणमूल के शासन में आने के बाद कई बार विमानों के उड़ान भरने की घोषणा की गयी लेकिन लेकिन जमीन विवाद के कारण यह संभव नहीं हो सका. राज्य में नये उद्योग का भाजपा हमेशा समर्थन करती है. लेकिन तृणमूल सरकार की कोई नीति नहीं है. सरकार ने सस्ते दामों पर जमीन अधिग्रहण कर जमीन को कंपनी के हवाले कर प्रमोटरी को बढ़ावा दिया. इससे जमीन विवाद बढ़ा और घोषणा पूरी नहीं हो सकी.
जमीन की समस्या अभी तक नहीं सुलझी है. कइयों ने जमीन की राशि नहीं ली है. अगर हवाई अड्डा से विमान सेवा चालू करनी है, तो स्थानीय निवासियों की समस्याओं को दूर करना होगा. बीएपीएल प्रतिनिधि मंडल इस विषय पर कुछ भी बोलने से इनकार कर रहा है.

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