अंडाल में होगा सेल गैस का दोहन

आसनसोल : केंद्रीय शहरी विकास, आवास व गरीबी उन्मूलन राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि अंडाल के सरपी में मिली सेल गैस के दोहन के लिए उद्योग लगाने के लिए अगले सप्ताह वे केंद्रीय ऊर्जामंत्री पीयूष गोयल से बात करेंगे. उन्होंने कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र में इसका भंडार होने के कारण उनका यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 7, 2015 11:27 AM
आसनसोल : केंद्रीय शहरी विकास, आवास व गरीबी उन्मूलन राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि अंडाल के सरपी में मिली सेल गैस के दोहन के लिए उद्योग लगाने के लिए अगले सप्ताह वे केंद्रीय ऊर्जामंत्री पीयूष गोयल से बात करेंगे. उन्होंने कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र में इसका भंडार होने के कारण उनका यह दायित्व भी है कि इस उद्योग की स्थापना के लिए पहल करें. सनद रहे कि हिंदूस्तान केबल्स लिमिटेड (एचसीएल) की बंदी की ओर जाने से उनके क्षेत्र में स्थित पुरानी सरकारी कंपनी के अस्तित्व पर ही ग्रहण लग गया है.
उन्होंने कहा कि जनवरी, 2011 में ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के स्तर से किये गये सर्वे में अंडाल थाने के सरपी इलाके के इच्छापुर मौजा में सेल गैस की मौजूदगी की पुष्टि हुई थी. आकलन के अनुसार 1170 फुट के नीचे स्थित कठोर पत्थरों के नीचे इस गैस का व्यापक भंडार है. यह भंडार 1250 से 1300 वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ है. ऊर्जा के क्षेत्र में पारम्परिक ऊर्जा का यह बेहतर विकल्प हो सकता है.
इस इलाके में पहले से ही मिथेन गैस की मौजूदगी की पुष्टि होने के बाद इसके दोहन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. द ग्रेट इस्टर्न इनर्जी कॉरपोरेशन लिमिटेड (जीइइसीएल) लंबे समय से इसका वाणिज्यिक दोहन कर रही है. इस्सार कंपनी ने भी दोहन के लिए प्लांट लगाकर दोहन शुरू कर दिया है. कीमत तय नहीं होने के कारण इसका वाणिज्यिक दोहन नहीं हो रहा है.
मंत्री श्री सुप्रियो ने कहा कि पूरे एशिया में सेल गैस की उपलब्धता की पुष्टि इसी क्षेत्र में सबसे पहले हुई. लेकिन तत्कालीन कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने इस दिशा में कोई पहल नहीं की. सव्रे रिपोर्ट फाइलों में दब कर रह गयी तथा केंद्र सरकार ने इस गैस के दोहन की दिशा में कोई पहल नहीं की. यहां तक कि देश के स्तर पर सेल गैस के दोहन की कोई नीति भी नहीं तैयार की गयी. यह सरकारी उदासीनता का सबसे बड़ा उदाहरण है. उन्होंने कहा कि उन्होंने इससे संबंधित सभी जानकारियां व दस्तावेज संग्रह कर लिये हैं. दिल्ली विधानसभा की चुनावी सक्रियता के कारण उन्होंने इस दिशा में कोई पहल नहीं की थी. लेकिन चुनाव समाप्त होते ही वे पहल करेंगे.
उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में अमेरिका में सेल गैस का उपयोग वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोत के रूप में हो रहा है. वहां इसके वाणिज्यिक दोहन से कुल ऊर्जा खर्च में 16 फीसदी की कमी आयी है. भारत में अभी तक सेल गैस के 28 ब्लॉकों की शिनाख्त हो चुकी है. आकलन के अनुसार इन ब्लॉकों में 260 ट्रिलियन क्यूबिक फुट गैस का भंडार है. यदि इसका उपयोग सीएनजी की तरह किया जाये तो आगामी दो सौ वर्षो तक इसका दोहन किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि इस गैस के दोहन से आसनसोल-दुर्गापुर औद्योगिक क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक स्थिति मे तो बदलाव आयेगा ही, देश की ऊर्जा खर्च में भी कमी आयेगी. उन्होंने कहा कि अमेरिका को इस गैस के दोहन में विशेषज्ञता हासिल है. गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने आये अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच जिस तरह की बेहतर टय़ूनिंग बनी है, उस स्थिति में इस उद्योग को विकसित करने में काफी मदद मिल सकती है.

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