निवेश के नाम पर ठग लिये 31 लाख, प्राथमिकी दर्ज

कम समय में अच्छा मुनाफा देने के साइबर अपराधियों के झांसे में आकर श्री चक्रवर्ती ने ये पैसे गंवा दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | November 18, 2024 1:12 AM

आसनसोल. कुल्टी थाना क्षेत्र के गनकपाड़ा गांगुटी इलाके के निवासी अभिजीत चक्रवर्ती से साइबर अपराधियों ने 31 लाख रुपये ठग लिये. कम समय में अच्छा मुनाफा देने के साइबर अपराधियों के झांसे में आकर श्री चक्रवर्ती ने ये पैसे गंवा दिया. उनकी शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम थाने में कांड संख्या 96/24 में बीएनएस की धारा 319(2)/318(4)/316(2)/61(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई. श्री चक्रवर्ती ने अपनी शिकायत में कहा कि फेसबुक पर सर्फिंग करते समय उन्होंने निवेश के बारे में एक विज्ञापन पर क्लिक किया, जहां उन्हें अपने सभी व्यक्तिगत विवरण भरने के लिए एक अन्य पृष्ठ पर पुनः निर्देशित किया गया था. अगले ही दिन उन्हें ‘फॉर्च्यून ग्रुप’ नामक एक व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ा गया, जिसमें 236 सदस्य थे और उस ग्रुप में मोबाइल नंबर-8374643796, 7386794515 के माध्यम से एक व्यवस्थापक सदस्य से संदेश प्राप्त हुआ. उसके बाद उन्हें ‘जरोधा’ का एक आवेदन पत्र मिला. उन्होंने उस फॉर्म को भी भर दिया. जिसके बाद जरोधा नामक एक मोबाइल एप्लीकेशन में उनके नाम से एक अकाउंट बनाया गया और उन्हें एक वीआइपी व्हाट्सऐप ग्रुप का लिंक भेजा गया. जिसमें सिर्फ चार सदस्य थे. फिर उन्हें एक समूह में आमंत्रित करने के बाद उन्हें मोबाइल एप्लिकेशन डाउनलोड लिंक भेजा गया. उस मोबाइल एप्लिकेशन को इंस्टॉल करने के बाद उनसे पैसे का भुगतान करने के लिए कहा गया. उन्होंने उस मोबाइल एप्लिकेशन में पैसे निवेश किए और हर बार निवेश से पहले वे लोग अलग-अलग बैंक खातो का नंबर देते थे और खाते के माध्यम से उनके द्वारा भुगतान की गयी सारी राशि उस मोबाइल एप्लिकेशन में दिखायी देती थी. 24 सितंबर 2024 से 30 अक्तूबर के बीच विभिन्न बैंक खातों में 08 लेनदेन में मोबाइल नंबर 8374643796, 7386794515, 1 (727) 276-3265, 7339707981, 7075459002, 9793652113 के माध्यम से उनके निर्देशानुसार 31,05,422 रुपये का निवेश किया. कुछ दिनों के बाद जब उन्होंने अपनी निवेश की गयी राशि को निकालने की कोशिश की तो उन्हें अपने निवेश की गयी राशि को निकालने के लिए भुगतान करने के लिए कहा गया. उनसे पूछने पर अलग-अलग बहाने भी बनाया जाने लगा. जिसके बाद उन्हें समझ में आया कि वह ठगी के शिकार हो चुके हैं.

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