शादी नहीं होने पर युवती ने दी जान
हल्दिया : शादी नहीं होने से दुखी एक युवती ने आत्महत्या कर ली. मृतक का नाम प्रतिभा प्रमाणिक (26) है. सांवली होने के कारण उसका विवाह नहीं हो पा रहा था. इस बीच उसके छोटे भाई की शादी तय हो गयी थी. घटना हल्दिया के भवानीपुर के किसमत शिवराम नगर गांव की है. पुलिस के […]
हल्दिया : शादी नहीं होने से दुखी एक युवती ने आत्महत्या कर ली. मृतक का नाम प्रतिभा प्रमाणिक (26) है. सांवली होने के कारण उसका विवाह नहीं हो पा रहा था. इस बीच उसके छोटे भाई की शादी तय हो गयी थी. घटना हल्दिया के भवानीपुर के किसमत शिवराम नगर गांव की है.
पुलिस के मुताबिक प्रतिभा ने रविवार तड़के घर की दूसरी मंजिल पर खुद को आग लगा ली. गंभीर हालत में उसे तमलुक जिला अस्पताल में भरती कराया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया. तमलुक थाना के प्रभारी कृष्णोंदु प्रधान ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. पता चला है कि युवती के भाई की शादी रविवार को तय हुई थी. अपने से छोटे भाई की शादी तय हो जाने पर उसने आत्महत्या कर ली.
स्थानीय सूत्रों से पता चला है कि प्रतिभा माध्यमिक पास थी. लंबे समय से उसकी शादी तय नहीं हो पा रही थी. चार भाई-बहनों में वह सबसे बड़ी थी. उसके पिता मुक्ति प्रमाणिक किसान हैं. उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षो से वह वर तलाश रहे थे, लेकिन उसकी रंगत के कारण उसे पसंद नहीं किया जा रहा था. बाध्य होकर दो वर्ष पहले छोटी बेटी की शादी उन्होंने कर दी.
हाल ही में उनके बेटे तापस को हल्दिया के एक कारखाने में नौकरी मिल गयी. उसकी शादी के लिए संबंध आया, जिसे स्वीकार कर लिया गया. रविवार को शादी होनी थी. सोमवार को रिसेप्शन था. सभी तैयारियां कर ली गयी थी, लेकिन बड़ी बेटी ने शादी पर आपत्ति जतायी थी. उसका कहना था कि भाई की शादी हो जाने पर उससे कोई शादी नहीं करेगा.
यही सोच कर उसने आत्महत्या कर ली. उसे काफी समझाया गया था, लेकिन यह नहीं सोचा था कि वह ऐसा कदम उठायेगी. रविवार को सुबह करीब साढ़े चार बजे जब सभी सो रहे थे, तभी उसने अपने शरीर पर केरोसिन डाल कर आग लगा ली. उसके भाई तापस ने बताया कि प्रतिभा की आवाज सुन कर सभी ऊपर गये. किसी तरह आग बुझा कर उसे तमलुक जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका. अपनी दीदी की मौत पर उसने शादी फिलहाल टाल दी है. उसका कहना है कि दीदी ने पहले भले शादी के लिए आपत्ति जतायी थी, लेकिन बाद में मान गयी थी. वह यह समझ नहीं सके कि उसके मन में इतना दुख छिपा है.